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Green Hydrogen को लेकर एक्शन मोड में सरकार, 4.5 लाख टन उत्पादन सुविधा स्थापित करने के लिए जारी की निविदा

नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (एमएनआरई) द्वारा नियंत्रित एक भारतीय राज्य स्वामित्व वाली कंपनी सोलर एनर्जी कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एसईसीआई) ने एक रणनीतिक योजना के हिस्से के रूप में भारत में 4.5 मिलियन टन हरित हाइड्रोजन (Green Hydrogen) उत्पादन सुविधा बनाने पर सहमति व्यक्त की है। ग्रीन हाइड्रोजन ट्रांसमिशन प्रोजेक्ट (SIGHT) में भागीदारी के लिए एक निविदा प्रकाशित की गई है।

By Gaurav KumarEdited By: Gaurav KumarUpdated: Tue, 11 Jul 2023 07:23 PM (IST)
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Govt floats tender to set up 4.5 lakh tonne green hydrogen production facility in India

नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क: नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (MNRE) के प्रशासनिक नियंत्रण के तहत भारत सरकार का उद्यम सोलर एनर्जी कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (SECI) ने स्ट्रैटेजिक इंटरवेंशन फॉर ग्रीन हाइड्रोजन ट्रांजिशन (SIGHT) योजना के तहत भारत में 4.5 लाख टन हरित हाइड्रोजन की उत्पादन सुविधा स्थापित करने के लिए एक निविदा जारी की है।

आपको बता दें कि SECI देश में नवीकरणीय ऊर्जा के लिए विभिन्न योजनाओं को लागू करने के लिए एक नोडल एजेंसी है।

4.5 लाख टन का टेंडर

निविदा दस्तावेज के अनुसार, बोली लगाने के लिए उपलब्ध कुल क्षमता 4.5 लाख टन प्रति वर्ष है, जिसमें टेक्नोलॉजी एग्नोस्टिक पाथवेज के तहत 4.1 लाख टन और बायोमास आधारित पाथवेज के तहत 40,000 टन शामिल है। इस निविदा के तहत आवंटित की जाने वाली कुल क्षमता 450,000 टन प्रति वर्ष हरित हाइड्रोजन (जीएच2) है।

कौन लगा सकता है बोली?

निविदा के दस्तावेज के अनुसार एक बोलीदाता, जिसमें उसकी मूल, सहयोगी या अंतिम मूल कंपनी या कोई भी समूह कंपनी शामिल है, को GH2 उत्पादन सुविधा स्थापित करने के लिए एकल बोली प्रस्तुत करनी होगी।

कितनी है न्यूनतम और अधिकतम बोली?

टेक्नोलॉजी एग्नोस्टिक पाथवेज (बकेट I) के तहत, न्यूनतम बोली क्षमता 10,000 टन होगी जबकि अधिकतम 90,000 टन होगी।

बायोमास आधारित पथ (बकेट II) के तहत, न्यूनतम बोली क्षमता 500 टन होगी जबकि अधिकतम 4,000 टन होगी। कमीशनिंग (एससीडी) के लिए अनुमत अधिकतम समय पुरस्कार पत्र की तारीख से 30 महीने होगा।

क्या है बिडिंग डेट?

निविदा 10 जुलाई, 2023 को जारी की गई थी और प्री-बिड बैठक 28 जुलाई, 2023 को निर्धारित है। बोलियों की हार्ड कॉपी 11 सितंबर, 2023 तक जमा की जा सकती हैं और इन्हें 12 सितंबर, 2023 को खोला जाएगा।

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 2029-30 तक 19,744 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन को मंजूरी दी है। मिशन के तहत SIGHT कार्यक्रम एक प्रमुख वित्तीय उपाय है, जिसका परिव्यय 17,490 करोड़ रुपये है।