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दाल के दाम नीचे लाने के लिए तत्पर सरकार, अब आयातित दाल के बाजार पहुंचने में नहीं होगी देरी

सरकार ने खाद्य तेलों के साथ तीन प्रमुख दालों के शुल्क मुक्त आयात की छूट दी है। घरेलू बाजारों में इन दिनों खाद्य तेलों व दालों के मूल्य में महंगाई बढ़ रही है। इसी के मद्देनजर सरकार आयातित जिंसों को बाजार में उतारना चाहती है।

By Ankit KumarEdited By: Updated: Fri, 21 May 2021 12:03 PM (IST)
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तीन प्रमुख दालों के आयात को शुल्क मुक्त करने के साथ खाद्य तेलों का आयात खोल दिया गया है।

नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। दालों और खाद्य तेलों की महंगाई को थामने के लिए सरकार ने आयात की छूट दे दी है। लेकिन आयात के राह की सबसे बड़ी मुश्किल बंदरगाहों पर होने वाली जांच में होने वाली देरी है। इसे खत्म करने के लिए सरकार ने फूड सेफ्टी एंड स्टैंड‌र्ड्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एफएसएसएआइ) समेत संबंधित सभी विभागों को तत्परता बरतने का निर्देश दिया है। इसके तहत बदंगाहों पर सक्षम त्वरित परीक्षण लेबोरेटरी स्थापित करने के साथ हर तरह की सुविधा मुहैया कराने को कहा गया है। आयातित खाद्य वस्तुओं के घरेलू जिंस बाजार में पहुंचने में होने वाली देरी को रोकने का इंतजाम किया जा रहा है।  

पिछले सप्ताह ही सरकार ने खाद्य तेलों के साथ तीन प्रमुख दालों अरहर, मूंग और उड़द के शुल्क मुक्त आयात की छूट दी है। घरेलू बाजारों में इन दिनों खाद्य तेलों के साथ दालों के मूल्य में लगातार महंगाई बढ़ रही है। इसी के मद्देनजर सरकार जल्द से जल्द आयातित जिंसों को बाजार में उतारना चाहती है। खाद्य वस्तुओं के आयात में होने वाली देरी को लेकर उपभोक्ता मामले, खाद्य व वितरण और प्रसंस्करण मंत्रालय ने संबंधित विभाग से आग्रह किया था। 

दरअसल, बंदरगाहों पर खाद्य वस्तुओं की अनिवार्य गुणवत्ता जांच में बहुत अधिक विलंब आम बात है, जिसे लेकर समय-समय पर शिकायतें दर्ज कराई जाती रही हैं। बंदगाहों पर तैनात सीमा शुल्क विभाग के साथ अन्य विभागों को भी सतर्क कर दिया गया है। इससे आयातित वस्तुओं को जल्द बाजार में पहुंचाने और उनकी महंगाई पर नियंत्रण पाने में मदद मिलेगी। देश में इस समय आवश्यक वस्तुओं की महंगाई को लेकर सरकार सावधान हो गई है। 

इसी क्रम में तीन प्रमुख दालों के आयात को शुल्क मुक्त करने के साथ खाद्य तेलों का आयात खोल दिया गया है। घरेलू जिंस बाजार में खाद्य तेलों का मूल्य आम उपभोक्ताओं की पहुंच से बाहर होता जा रहा है। कोरोना संक्रमण से बचने के लिए दालों का उपयोग बढ़ गया है। लिहाजा दालों के मूल्य में तेजी का रुख हो गया है।