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Jan Aushadhi Kendra: जल्द ही उचित कीमत पर सबको मिलेंगी दवाएं, 2024 तक ये है सरकार का प्लान

Jan Aushadhi Kendra सरकार ने देशवासियों को सस्ता और आसान इलाज मुहैया कराने के लिए पूरी तैयारी कर ली है। सरकार ने प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि केंद्रों को लेकर एक बड़ा एलान किया है। आइए जानते हैं ये पूरी स्कीम।

By Siddharth PriyadarshiEdited By: Siddharth PriyadarshiUpdated: Sat, 31 Dec 2022 07:10 PM (IST)
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Govt planning to increase number of Jan Aushadhi Kendra to 10,000 by March 2024

नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। Jan Aushadhi Kendra: सरकार ने देशवासियों को नए साल का एक और तोहफा दिया है। सरकार ने शनिवार को कहा कि उसकी योजना मार्च 2024 तक जेनेरिक दवा दुकानों, प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि केंद्रों (पीएमबीजेके) की संख्या बढ़ाकर 10,000 करने की है ताकि गुणवत्तापूर्ण दवाएं उपलब्ध कराने के अभियान में तेजी लाई जा सके।

एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि पिछले आठ वर्षों में प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि परियोजना (पीएमबीजेपी) के माध्यम से लगभग 18,000 करोड़ रुपये की बचत हुई है। सरकार ने देश भर के 766 जिलों में से 743 को कवर करते हुए 9,000 से अधिक स्टोर इस योजना के तहत ओपन किए हैं।

सबको मिलेगा आसान इलाज

पीएमबीजेके में उन दवाओं की बिक्री होती है, जिन दवाओं की कीमत ब्रांडेड की तुलना में 50 प्रतिशत से 90 प्रतिशत कम होती है। इसमें 1,759 दवाएं और 280 सर्जिकल उपकरण शामिल हैं, जो हृदय, कैंसर-रोधी, मधुमेह-रोधी, को कवर करते हैं। इसके अलावा संक्रमण-रोधी, एलर्जी-रोधी, गैस्ट्रो-आंतों की दवाएं और न्यूट्रास्यूटिकल्स भी इन केंद्रों में बेचे जाते हैं।

कैसे शुरू हुआ ये सफर

नवंबर 2008 में फार्मास्युटिकल्स विभाग, रसायन और उर्वरक मंत्रालय द्वारा लॉन्च किया गया। पीएमबीजेपी ने दिसंबर 2017 में 3,000 केंद्र खोलने का लक्ष्य हासिल किया था। पिछले वित्तीय वर्ष में इन केंद्रों की संख्या 8,610 से बढ़कर अब 9,000 हो गई है। सरकार ने देश भर के 766 जिलों में से 743 को कवर करते हुए 9,000 से अधिक स्टोरों के साथ इन केंद्रों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी की है।

क्या है सरकार का लक्ष्य

सरकार ने मार्च 2024 तक प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि केंद्रों (पीएमबीजेके) की संख्या बढ़ाकर 10,000 करने का लक्ष्य रखा है। वर्ष 2021-22 में 893.56 करोड़ रुपये की दवाओं की बिक्री हुई है, जिससे नागरिकों को ब्रांडेड दवाओं की तुलना में लगभग 5,300 करोड़ रुपये की बचत हुई है। चालू वित्त वर्ष 2022-23 में 30 नवंबर, 2022 तक बिक्री 758.69 करोड़ रुपये थी, जिससे नागरिकों को लगभग 4,500 करोड़ रुपये की बचत हुई है।

रसायन और उर्वरक मंत्रालय ने कहा कि यह योजना स्थायी और नियमित कमाई के साथ स्वरोजगार का एक अच्छा स्रोत भी प्रदान कर रही है। पीएमबीजेपी के तहत, वित्तीय सहायता के रूप में जनऔषधि केंद्रों को 5 लाख रुपये का प्रोत्साहन प्रदान किया जाता है।

(एजेंसी इनपुट के साथ)

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