स्टार्टअप और ग्रामीण उद्यमों को बढ़ावा देने के लिए 750 करोड़ रुपये खर्चेगी सरकार, जानिए क्या है प्लान
पहल का उद्देश्य 750 करोड़ रुपये की कैटेगरी-II वैकल्पिक निवेश कोष (AIF) की स्थापना के माध्यम से भारत के कृषि क्षेत्र में इनोवेशन और स्टेबिलिटी को बढ़ावा देना है। कार्यक्रम में बोलते हुए कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के संयुक्त सचिव अजीत कुमार साहू ने इस कोष की क्षमता पर जोर दिया। आइए जानते हैं कि इसको लेकर पूरा प्लान क्या है।
पीटीआई, नई दिल्ली। सरकार कृषि उद्यमियों को सहायता देने के लिए 'स्टार्टअप और ग्रामीण उद्यमों के लिए कृषि कोष'(AgriSURE) शुरू करने जा रही है। शुक्रवार को एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि इस कोष के माध्यम से निवेश क्षेत्र-विशिष्ट होगा और ऋण वैकल्पिक निवेश कोष (AIF) के साथ-साथ कृषि और संबद्ध क्षेत्रों में काम करने वाले स्टार्ट-अप को प्रत्यक्ष इक्विटी सहायता भी दी जाएगी।
ये है विजन
इस पहल का उद्देश्य 750 करोड़ रुपये की कैटेगरी-II वैकल्पिक निवेश कोष (AIF) की स्थापना के माध्यम से भारत के कृषि क्षेत्र में इनोवेशन और स्टेबिलिटी को बढ़ावा देना है। यह कोष विशेष रूप से कृषि मूल्य श्रृंखला में उच्च जोखिम, उच्च प्रभाव वाली गतिविधियों को लक्षित करते हुए इक्विटी और ऋण दोनों सहायता प्रदान करेगा।
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यह घोषणा शुक्रवार को मुंबई में नाबार्ड मुख्यालय में प्री-लॉन्च स्टेकहोल्डर मीट में की गई। इस कार्यक्रम में वित्तीय संस्थानों, निवेशकों, एआईएफ प्रबंधकों और कृषि स्टार्टअप सहित प्रमुख हितधारकों ने भाग लिया।
अजीत कुमार साहू ने क्या कहा?
कार्यक्रम में बोलते हुए, कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के संयुक्त सचिव अजीत कुमार साहू ने इस कोष की क्षमता पर जोर दिया, जिससे एक ऐसा पारिस्थितिकी तंत्र बनाया जा सके जो नवीन दृष्टिकोणों के माध्यम से कृषि क्षेत्र के लिए वित्तपोषण को बढ़ाए, जिससे छोटे और सीमांत किसानों को लाभ हो।कार्यक्रम के दौरान, नाबार्ड के अध्यक्ष शाजी के वी ने तकनीकी नवाचारों के माध्यम से कृषि में विकास के अगले स्तर को आगे बढ़ाने के लिए सार्वजनिक और निजी क्षेत्र के सहयोग की आवश्यकता पर बात की।
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