Move to Jagran APP
5/5शेष फ्री लेख

गैर-बासमती सफेद चावल के निर्यात पर सरकार ने लगाया बैन, लगातार बढ़ रही कीमतों पर लगेगी लगाम

भारत सरकार ने आगामी त्योहारी सीजन के दौरान घरेलू आपूर्ति को बढ़ावा देने और खुदरा कीमतों को नियंत्रण में रखने के लिए गुरुवार को गैर-बासमती सफेद चावल के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया है। मंत्रालय ने कहा कि उचित कीमतों पर पर्याप्त घरेलू उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए गैर बासमती सफेद चावल की निर्यात नीति में संशोधन किया गया है।

By Rammohan MishraEdited By: Rammohan MishraUpdated: Thu, 20 Jul 2023 07:23 PM (IST)
Hero Image
Govt prohibits export of non basmati white rice

नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। सरकार ने आगामी त्योहारी सीजन के दौरान घरेलू आपूर्ति को बढ़ावा देने और खुदरा कीमतों को नियंत्रण में रखने के लिए गुरुवार को गैर-बासमती सफेद चावल के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया है। खाद्य मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि उबले हुए गैर-बासमती चावल और बासमती चावल की निर्यात नीति में कोई बदलाव नहीं होगा, जो निर्यात का बड़ा हिस्सा है। देश से निर्यात होने वाले कुल चावल में गैर-बासमती सफेद चावल की हिस्सेदारी लगभग 25 प्रतिशत है। क्या है पूरी खबर, आइए जान लेते हैं।

सरकार ने क्यों रोका निर्यात?

मंत्रालय ने कहा कि उचित कीमतों पर पर्याप्त घरेलू उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए गैर बासमती सफेद चावल की निर्यात नीति में संशोधन किया गया है। सरकार के इस कदम का मुख्य उद्देश्य आगामी त्योहारी सीजन में कम कीमतें और पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करना है। घरेलू बाजार में गैर-बासमती सफेद चावल की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करने और स्थानीय कीमतों में वृद्धि को कम करने के लिए, सरकार ने तत्काल प्रभाव से निर्यात नीति में '20% के निर्यात शुल्क के साथ मुक्त' से 'निषिद्ध' में संशोधन किया है।

भारत से इन देशों को जाता है चावल 

भारत से गैर-बासमती सफेद चावल का कुल निर्यात 2022-23 में 4.2 मिलियन अमेरिकी डॉलर था, जबकि पिछले वर्ष में यह 2.62 मिलियन अमेरिकी डॉलर रहा। भारत के गैर-बासमती सफेद चावल निर्यात के प्रमुख देशों में थाईलैंड, इटली, स्पेन, श्रीलंका और संयुक्त राज्य अमेरिका शामिल हैं। विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) ने एक अधिसूचना में कहा गया है कि गैर-बासमती सफेद चावल (हाफ-मिल्ड या पूरी तरह से मिल्ड चावल, चाहे पॉलिश किया हुआ हो या नहीं या चमकीला) की निर्यात नीति को मुक्त से प्रतिबंधित कर दिया गया है।

लगातार बढ़ रही चावल की कीमत

कहा गया है कि चावल की घरेलू कीमतें बढ़ रही हैं। इसके रिटेल प्राइस एक साल में 11.5 फीसदी और पिछले महीने 3 फीसदी बढ़े हैं। कीमत कम करने के साथ-साथ घरेलू बाजार में उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए 8 सितंबर, 2022 को गैर-बासमती सफेद चावल पर 20 प्रतिशत का निर्यात शुल्क लगाया गया था।

हालांकि, इस किस्म का निर्यात 2022-23 की सितंबर-मार्च अवधि में बढ़कर 42.12 लाख टन हो गया, जो पिछले वित्त वर्ष की सितंबर-मार्च अवधि के दौरान 33.66 लाख टन था। चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में लगभग 15.54 लाख टन सफेद चावल का निर्यात किया गया, जो कि एक साल पहले की अवधि में केवल 11.55 लाख टन था। इस हिसाब से निर्यात में 35 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।