Food Grain Production: 2021-22 में हुआ खाद्यान्न का रिकॉर्ड उत्पादन, लेकिन कम हुई गेहूं की उपज
Food Grain Production केंद्रीय कृषि मंत्रालय के नवीनतम आंकड़े बताते हैं कि देश के कुल आनाज उत्पादन में लगातार बढ़ोतरी हुई है जबकि गेहूं का उत्पादन घट गया है। इसका कारण समय से पहले पड़ने वाली तेज गर्मी और लू है।
By Siddharth PriyadarshiEdited By: Updated: Wed, 17 Aug 2022 03:41 PM (IST)
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। वर्ष 2021-22 में देश में कुल खाद्यान्न उत्पादन रिकॉर्ड 315.72 मिलियन टन होने का अनुमान है, जबकि गेहूं उत्पादन करीब तीन प्रतिशत घटकर 106.84 मिलियन टन रहने का अनुमान है। केंद्रीय कृषि मंत्रालय ने फसल वर्ष 2021-22 के लिए चौथा अग्रिम अनुमान जारी करते हुए बुधवार को कहा कि देश में चावल, मक्का, चना, दलहन, रेपसीड और सरसों, तिलहन और गन्ने के भी रिकॉर्ड उत्पादन का अनुमान है। बता दें कि फसल वर्ष 2021-22 जुलाई 2021 से जून 2022 तक था।
मंत्रालय के अनुसार, जून 2022 में समाप्त फसल वर्ष में देश का कुल खाद्यान्न उत्पादन रिकॉर्ड 315.72 मिलियन टन होने का अनुमान है। कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि फसलों का ये रिकॉर्ड उत्पादन सरकार की किसान हितैषी नीतियों के साथ-साथ किसानों की अथक मेहनत और वैज्ञानिकों के शोध का नतीजा है।
देश में अनाज का रिकॉर्ड उत्पादन
फसल वर्ष 2020-21 में देश का खाद्यान्न उत्पादन, जिसमें गेहूं, चावल, दालें और मोटे अनाज शामिल हैं, रिकॉर्ड 310.74 मिलियन टन रहा। आंकड़ों के अनुसार, फसल वर्ष 2021-22 में गेहूं का उत्पादन 106.84 मिलियन टन होने का अनुमान है, जो पिछले वर्ष 109.59 मिलियन टन था। हालांकि चावल का उत्पादन बढ़कर 130.29 मिलियन टन होने का अनुमान है, जबकि एक साल पहले की अवधि में यह 124.37 मिलियन टन था। आंकड़े बताते हैं कि मोटे अनाज का उत्पादन 51.32 मिलियन टन से घटकर 50.90 मिलियन टन होने की संभावना है।2020-21 में दलहन उत्पादन पिछले वर्ष की 25.46 मिलियन टन की तुलना में रिकॉर्ड 27.69 मिलियन टन होने का अनुमान लगाया गया है। गैर-खाद्यान्न श्रेणी में तिलहन का उत्पादन पिछले वर्ष के 35.94 मिलियन टन के मुकाबले 37.69 मिलियन टन रहने का अनुमान है। फसल वर्ष 2021-22 के लिए तोरी/सरसों का उत्पादन रिकॉर्ड 17.74 मिलियन टन होने का अनुमान है। आंकड़ों के अनुसार, गन्ने का उत्पादन पिछले वर्ष के 405.39 मिलियन टन की तुलना में रिकॉर्ड 431.8 मिलियन टन होने का अनुमान है, जबकि कपास का उत्पादन 35.24 मिलियन गांठ से घटकर 31.2 मिलियन गांठ (प्रत्येक 170 किलोग्राम) होने की उम्मीद है।