नौकरीपेशा लोगों को बड़ा झटका, नहीं कटेगा पूरी सैलरी पर पीएफ
नौकरीपेशा लोगों को सरकार की ओर से बड़ा झटका लगा है। सरकार ने पूरे वेतन में से 12 फीसद प्रॉविडेंट फंड (पीएफ) काटने के प्रस्ताव को खारिज कर दिया है, जबकि इसे लेकर कई नोर्टिफिकेशन जारी किये गए थे। यह फैसला देश के 5 करोड़ से ज्यादा पीएफ खाताधारकों को निराश करने वाला है। इस संबंध में
By Edited By: Updated: Sat, 05 Apr 2014 12:28 PM (IST)
नई दिल्ली। नौकरीपेशा लोगों को सरकार की ओर से बड़ा झटका लगा है। सरकार ने पूरे वेतन में से 12 फीसद प्रॉविडेंट फंड (पीएफ) काटने के प्रस्ताव को खारिज कर दिया है, जबकि इसे लेकर कई नोटिफिकेशन जारी किये गए थे। यह फैसला देश के 5 करोड़ से ज्यादा पीएफ खाता धारकों को निराश करने वाला है।
इस संबंध में श्रम मंत्रालय को भेजे गए प्रस्ताव में कहा गया था कि पीएफ के लिए न केवल कर्मचारियों की बेसिक सैलरी, बल्कि उन्हें मिलने वाले भत्तों में से भी 12 फीसद की कटौती की जाए। साथ ही, प्रस्ताव में कहा गया था कि कर्मचारी के पीएफ खाते में कंपनी की ओर से भी इतना ही योगदान दिया जाए। मंत्रालय के इस फैसले की जानकारी रखने वाले सूत्रों ने एक अंग्रेजी अखबार को बताया कि सरकार ने कानून मंत्रालय की सलाह को मान कर यह प्रस्ताव खारिज करने का फैसला किया है। गौरतलब है कि ज्यादातर कंपनियां बेसिक सैलरी और डीए (महंगाई भत्ता) के तहत मिल रही राशि में से पीएफ कटौती (कर्मचारी और कंपनी, दोनों की तरफ से 12 फीसद) करतीं हैं, लेकिन नवंबर 2012 के एक सर्कुलर में इसे बदलने का इरादा जताया गया था ताकि नौकरीपेशा लोगों को हो रहे नुकसान को रोका जा सके। श्रम मंत्रालय द्वारा गठित की गई अंतरिम समिति इस सर्कुलर के पक्ष में थे, क्योंकि उनके मुताबिक यह कर्मचारियों के अनुकूल है। लेकिन उद्योग संगठन जैसे सीआईआई और फिक्की इस सर्कुलर को लागू करने का पुरजोर विरोध कर रहे थे।