Move to Jagran APP
5/5शेष फ्री लेख

फेस्टिव सीजन में चीनी और खाद्य तेल के बढ़ेंगे दाम? क्या कह रही सरकार

सरकार ने कच्चे सोयाबीन तेल पाम तेल और सूरजमुखी तेल पर मूल सीमा शुल्क शून्य से बढ़ाकर 20 प्रतिशत कर दिया। वहीं रिफाइंड वेरिएंट पर शुल्क 12.5 प्रतिशत से बढ़ाकर 32.5 प्रतिशत कर दिया गया। इसका मकसद तिलहन किसानों की आमदनी बढ़ाना और घरेलू उद्योग को बढ़ावा देना है। इससे आशंका जताई जा रही है कि फेस्टिव सीजन के दौरान खाद्य पदार्थों के दाम में तेजी आ सकती है।

By Jagran News Edited By: Suneel Kumar Updated: Wed, 18 Sep 2024 04:17 PM (IST)
Hero Image
सरकार के मुताबिक, नीतिगत फैसलों ने आवश्यक वस्तुओं की कीमतों को नियंत्रण में रखने में मदद की है।

बिजनेस डेस्क, नई दिल्ली। फेस्टिव सीजन आते ही अक्सर मिठाइयों और तेल वाले खाद्य पदार्थों की खपत काफी बढ़ जाती है। इस दौरान चीनी और खाद्य तेलों की खपत बढ़ती है, जिसका असर इनकी कीमतों पर भी दिखता है। फेस्टिव सीजन के अमूमन खाद्य तेलों और चीनी के भाव बढ़ जाते हैं। इस बार भी ऐसी आशंका जताई जा रही है, क्योंकि सरकार ने कच्चे सोयाबीन तेल, पाम तेल और सूरजमुखी तेल पर मूल सीमा शुल्क शून्य से बढ़ाकर 20 प्रतिशत कर दिया। यह बदलाव 14 सितंबर से प्रभावी हो चुका है।

हालांकि, सरकार का मानना है कि फेस्टिव सीजन के दौरान चीनी और खाद्य तेलों के दाम स्थिर रहेंगे। खाद्य सचिव संजीव चोपड़ा ने बुधवार को कहा कि चीनी और खाद्य तेल जैसी आवश्यक वस्तुओं की कीमतें स्थिर हैं और आगामी त्योहारी सीजन के दौरान कीमतों में कोई उछाल आने की आशंका नहीं है। उन्होंने उपभोक्ताओं को भरोसा दिलाया कि घरेलू तिलहन किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए कुछ कुछ खाद्य तेलों पर हाल में जो सीमा शुल्क बढ़ाया गया है, उससे कीमतों में कोई खास उछाल नहीं आएगा।

हम उपभोक्ताओं के लिए चीनी और खाद्य तेलों की कीमतों को उचित स्तर पर बनाए रखने में सफल रहे हैं। हमें आगामी त्योहारी सीजन में आवश्यक वस्तुओं की कीमतों में किसी तरह की उछाल की उम्मीद नहीं है।

संजीव चोपड़ा, खाद्य सचिव

तेलों के आयात पर क्यों बढ़ी इंपोर्ट ड्यूटी

सरकार ने कच्चे सोयाबीन तेल, पाम तेल और सूरजमुखी तेल पर मूल सीमा शुल्क शून्य से बढ़ाकर 20 प्रतिशत कर दिया। वहीं, रिफाइंड वेरिएंट पर शुल्क 12.5 प्रतिशत से बढ़ाकर 32.5 प्रतिशत कर दिया गया। इसका मकसद तिलहन किसानों की आमदनी बढ़ाना और घरेलू उद्योग को बढ़ावा देना है। चोपड़ा ने बताया कि शून्य शुल्क पर आयातित 1.3 मिलियन टन खाद्य तेल अभी भी स्टॉक में हैं। उद्योग को निर्देश दिया गया है कि वे इस स्टॉक को खत्म होने तक मौजूदा कीमतों पर बेचें।

चोपड़ा ने कहा, "भंडार खत्म होने के बाद भी शुल्क में वृद्धि के साथ कीमतों में 20 प्रतिशत की वृद्धि की जरूरत नहीं है। अंतरराष्ट्रीय कीमतों में थोड़ी कमी आएगी।" उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि पिछले साल के कई नीतिगत फैसलों ने आवश्यक वस्तुओं की कीमतों को नियंत्रण में रखने में मदद की है। खाद्य सचिव ने इसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के तीसरे कार्यकाल की उपलब्धि बताया।

यह भी पढ़ें : Tupperware Bankruptcy: कभी किचन में था टपरवेयर के प्रोडक्ट्स का राज, अब दिवालिया होने की कगार पर