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अनिवार्य गुणवत्ता मानकों के दायरे में लाए जाएंगे और ज्यादा उत्पाद- पीयूष गोयल

उपभोक्ता मामलों के मंत्री पीयूष गोयल ने कहा गुणवत्ता मानकों के पालन से भारत को विकसित राष्ट्र बनने में मदद मिलेगी। गोयल ने यह भी कहा कि इसके लिए बीआइएस को गुणवत्ता मानकों का एंबेसडर बनना चाहिए। इसे सिर्फ मानकों को अपनाने वाला नहीं बनना चाहिए बल्कि मानकों का अग्रणी बनना चाहिए। आइये इसके बारे में विस्तार से जानते हैं।

By Agency Edited By: Ankita Pandey Updated: Sat, 06 Jan 2024 07:30 PM (IST)
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अनिवार्य गुणवत्ता मानकों के दायरे में लाए जाएंगे और ज्यादा उत्पाद
पीटीआई, नई दिल्ली। उपभोक्ता मामलों के मंत्री पीयूष गोयल ने शनिवार को कहा कि सरकार और अधिक उत्पादों को अनिवार्य गुणवत्ता मानकों के दायरे में लाएगी। इसका कारण यह है कि भारत 2047 तक विकसित राष्ट्र बनने की दिशा में आगे बढ़ रहा है।

भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) के 77वें स्थापना दिवस को वर्चुअली संबोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि उत्पादों और सेवाओं में उच्च गुणवत्ता मानकों का पालन करने से भारत को उच्च लक्ष्य हासिल करने और एक विकसित राष्ट्र बनने में मदद मिलेगी।

BIS को गुणवत्ता मानकों का होना चाहिए एंबेसडर

गोयल ने यह भी कहा कि इसके लिए बीआइएस को गुणवत्ता मानकों का एंबेसडर बनना चाहिए। इसे सिर्फ मानकों को अपनाने वाला नहीं बनना चाहिए, बल्कि मानकों का अग्रणी बनना चाहिए। इसके अलावा, जहां भी संभव हो अंतरराष्ट्रीय मानकों के तुलनीय गुणवत्ता मानक तैयार करने चाहिए।

उन्होंने गुणवत्ता मानक बनाने के लिए अधिक से अधिक हितधारकों की भागीदारी का भी आग्रह किया। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि गुणवत्ता नियंत्रण आदेश (क्यूसीओ) के माध्यम से जारी गुणवत्ता मानकों के अनिवार्य अनुपालन के तहत अधिक उत्पादों को लाने से उपभोक्ताओं को गुणवत्ता वाले उत्पादों और सेवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित हुई है। अब तक 672 उत्पादों को कवर करते हुए 156 क्यूसीओ जारी किए गए हैं।

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उन्होंने कहा कि 2014 से पहले 14 क्यूसीओ के अंतर्गत केवल 106 उत्पाद शामिल थे। भविष्य में 2,000-2,500 उत्पादों को क्यूसीओ के दायरे में लाया जाएगा। गोयल ने कहा कि हाल के वर्षों में उठाए गए कदमों में सोने के आभूषणों की हालमार्किंग और खिलौनों में अनिवार्य गुणवत्ता पालन प्रमुख हैं और इससे देश में बदलाव आया है।

विदेशी मानकों पर नहीं करेंगे काम

मंत्री ने आगे कहा कि दशकों से भारत गुणवत्ता के लिए विदेशी मानकों पर निर्भर था। उन्होंने कहा कि अब, भारत की गति और प्रगति तय होगी और हमारे अपने मानकों पर निर्भर करेगी। हम विदेशी मानकों पर नहीं, बल्कि अपने मानकों पर भरोसा करेंगे, इस प्रकार आत्मनिर्भर बनेंगे।

गोयल ने कहा कि हाल के वर्षों में की गई पहलों में सोने के आभूषणों की हॉलमार्किंग और खिलौनों में अनिवार्य गुणवत्ता अनुपालन प्रमुख हैं और इससे देश में बदलाव आया है।

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