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Chemical और Petrochemicals को PLI स्कीम के तहत लाने की योजना, विनिर्माण का केंद्र बनाने का लक्ष्य

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज कहा कि भारत सरकार देश को ऐसे उत्पादों के लिए विनिर्माण केंद्र बनाने के लिए उत्पादन-संबंधित प्रोत्साहन (पीएलआई) कार्यक्रम में रासायनिक और पेट्रोकेमिकल क्षेत्रों को शामिल करने पर विचार करेगी। निर्मला सीतारमण ने कहा कि एनर्जी इंडिपेंडेंट बनने के लिए प्रत्येक उद्योग और प्रत्येक सेक्टर के योगदान की जरूरत है। पढ़िए क्या है पूरी खबर।

By Gaurav KumarEdited By: Gaurav KumarUpdated: Thu, 27 Jul 2023 02:29 PM (IST)
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Govt to consider PLI scheme for chemicals and petrochemicals industry
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज कहा कि भारत सरकार केमिकल और पेट्रोकेमिकल सेक्टर को प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (PLI) के तहत लाने का विचार करेगी ताकी देश को ऐसे उत्पादों में विनिर्माण का केंद्र बनाया जा सके।

भारत विनिर्माण के लिए वैकल्पिक गंतव्य- सीतारमण

निर्मला सीतारमण ने कहा कि कड़े प्रदूषण नियंत्रण नियमों और बढ़ती श्रम लागत के मद्देनजर, रासायनिक उद्योग में वैश्विक निर्माता अपने उत्पादों और उत्पादन क्षमता में विविधता लाने पर विचार कर रहे हैं और भारत विनिर्माण के लिए एक वैकल्पिक गंतव्य के रूप में खड़ा है।

एनर्जी इंडिपेंडेंट बनने के लिए प्रत्येक उद्योग के योगदान की जरूरत

निर्मला सीतारमण ने कहा कि भारत ने 2047 तक ऊर्जा स्वतंत्र बनने और 2070 तक नेट जीरो हासिल करने का लक्ष्य रखा है। इसलिए नेट जीरो तब तक हासिल नहीं किया जा सकता जब तक कि प्रत्येक उद्योग और प्रत्येक क्षेत्र इसमें योगदान नहीं देता।

ग्रीन हाइड्रोजन के लिए 19,744 करोड़ की मंजूरी

सरकार ने उत्सर्जन में कटौती के लिए देश में ग्रीन हाइड्रोजन के विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए 19,744 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन योजना को मंजूरी दी है।

राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन का लक्ष्य 2030 तक देश में लगभग 125 गीगावॉट की संबद्ध नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता वृद्धि के साथ प्रति वर्ष कम से कम 5 एमएमटी (मिलियन मीट्रिक टन) की हरित हाइड्रोजन उत्पादन क्षमता के विकास को बढ़ावा देना है।

इन चैलेंज पर ध्यान केंद्रीत करने की जरूरत

स्थिरता, रीसाइक्लिंग या सर्कुलर अर्थव्यवस्था बनना, कौशल और प्रौद्योगिकी को अपनाना जैसे चार चैलेंज को अगर भारतीय निर्माता ध्यान केंद्रित करते हैं, तो वैश्विक निवेशक सक्रिय रूप से अपना पैसा लगाने या रसायन और पेट्रोकेमिकल उद्योग में भारतीय भागीदारों के साथ संयुक्त उद्यम बनाने पर विचार करेंगे।

अपनी कुछ वस्तुओं पर इंवरटेड शुल्क ढांचे के मुद्दे को संबोधित करने के उद्योग के कार्य के संबंध में, वित्त मंत्री ने कहा, किसी वस्तु पर इंवरजन अगर सही किया जाता है तो इसका कहीं न कहीं असर हो सकता है।