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Gratuity Rule: नौकरीपेशा लोगों को कितने साल के बाद मिलती है ग्रेच्युटी, क्‍या नोटिस पीरियड भी होता है काउंट

Gratuity Rule 5 साल तक किसी कंपनी में जॉब करने के बाद अगर हम कंपनी को छोड़ते हैं तो हमें रिवॉर्ड मनी मिलती है। इन रिवॉर्ड मनी को ही ग्रेच्युटी (Gratuity ) कहा जाता है। ऐसे में सवाल आता है कि क्या ग्रेच्युटी पीरियड में नोटिस पीरियड को भी काउंट किया जाता है? आइए इस आर्टिकल में इसका जवाब जानते हैं।

By Priyanka Kumari Edited By: Priyanka Kumari Updated: Fri, 23 Aug 2024 10:00 AM (IST)
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Gratuity Rule: ग्रेच्युटी पीरियड में नोटिस का टाइम भी होता है शामिल?

बिजनेस डेस्क, नई दिल्ली। किसी कंपनी में लंबे समय तक काम करने पर कंपनियो द्वारा ग्रेच्युटी (Gratuity) का लाभ मिलता है। यह एक तरह इनाम होता है तो जो कर्मचारी को ईमानदारी के नाम पर दिया जाता है। कंपनी द्वारा दी गई रिवॉर्ड मनी को ही ग्रेच्युटी कहते हैं।

ग्रेच्युटी का लाभ उन कर्मचारी को मिलता है जो 5 साल से कंपनी में काम कर रहे हैं। इसे ऐसे समझिए कि अगर आपने साल 2020 में किसी कंपनी को ज्वाइन किया और 5 साल पूरे होने के बाद कंपनी चेंज करते हैं तो कंपनी द्वारा ग्रेच्युटी मनी दी जाती है। वहीं, अगर आपने 2 -3 साल में ही कंपनी चेंज कर दिया तब आपको ग्रेच्युटी का लाभ नहीं मिलेगा।

ग्रेच्युटी को लेकर कई कर्मचारियों के मन में सवाल आता है कि क्या इसमें नोटिस पीरियड को भी काउंट किया जाता है? आइए, हम आपको नीचे इस सवाल का सही जवाब देंगे।

क्या नोटिस पीरियड भी होता है काउंट

ग्रेच्युटी के नियम (Gratuity Rule) के अनुसार जॉब पीरियड में नोटिस पीरियड भी काउंट होता है। दरअसल, नोटिस पीरियड में भी कर्मचारी कंपनी को अपनी सर्विस दे रहा होता है। इसका मतलब है कि अगर कोई कर्मचारी 4 साल 10 महीने जॉब करने के बाद नोटिस देता है और 2 महीने का नोटिस सर्व करता है तो इसे 5 साल गिना जाएगा और उसी आधार पर ग्रेच्युटी की रकम दी जाएगी।

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5 साल से कम पर भी मिलती है ग्रेच्‍युटी

कई स्थिति में कर्मचारी को 5 साल की कम अवधि होने पर भी ग्रेच्युटी का लाभ मिलता है। वैसे तो नियमों के अनुसार अगर कर्मचारी ने 4 साल 8 महीने तक जॉब किया है तो वह ग्रेच्‍युटी का हकदार है।

वहीं, ग्रेच्‍युटी एक्‍ट 1972 के मुताबिक अगर कर्मचारी के साथ कोई अनहोनी हो जाती है, जिसमें जान चली जाए या फिर दिव्‍यांग हो जाए तो ऐसी स्थिति में भी उसे ग्रेच्युटी का लाभ मिलता है। इन स्थिति में 5 साल काम करने का नियम लागू नहीं होता है। ऐसे हालात में ग्रेच्युटी की राशि नॉमिनी को मिलती है। जॉब ज्वाइन करते समय कंपनी Form F भरवाती है जिसमें कर्मचारी ग्रेच्युटी राशि के लिए नॉमिनी का नाम देता है।

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