Gratuity Rule: नौकरीपेशा लोगों को कितने साल के बाद मिलती है ग्रेच्युटी, क्या नोटिस पीरियड भी होता है काउंट
Gratuity Rule 5 साल तक किसी कंपनी में जॉब करने के बाद अगर हम कंपनी को छोड़ते हैं तो हमें रिवॉर्ड मनी मिलती है। इन रिवॉर्ड मनी को ही ग्रेच्युटी (Gratuity ) कहा जाता है। ऐसे में सवाल आता है कि क्या ग्रेच्युटी पीरियड में नोटिस पीरियड को भी काउंट किया जाता है? आइए इस आर्टिकल में इसका जवाब जानते हैं।
बिजनेस डेस्क, नई दिल्ली। किसी कंपनी में लंबे समय तक काम करने पर कंपनियो द्वारा ग्रेच्युटी (Gratuity) का लाभ मिलता है। यह एक तरह इनाम होता है तो जो कर्मचारी को ईमानदारी के नाम पर दिया जाता है। कंपनी द्वारा दी गई रिवॉर्ड मनी को ही ग्रेच्युटी कहते हैं।
ग्रेच्युटी का लाभ उन कर्मचारी को मिलता है जो 5 साल से कंपनी में काम कर रहे हैं। इसे ऐसे समझिए कि अगर आपने साल 2020 में किसी कंपनी को ज्वाइन किया और 5 साल पूरे होने के बाद कंपनी चेंज करते हैं तो कंपनी द्वारा ग्रेच्युटी मनी दी जाती है। वहीं, अगर आपने 2 -3 साल में ही कंपनी चेंज कर दिया तब आपको ग्रेच्युटी का लाभ नहीं मिलेगा।
ग्रेच्युटी को लेकर कई कर्मचारियों के मन में सवाल आता है कि क्या इसमें नोटिस पीरियड को भी काउंट किया जाता है? आइए, हम आपको नीचे इस सवाल का सही जवाब देंगे।
क्या नोटिस पीरियड भी होता है काउंट
ग्रेच्युटी के नियम (Gratuity Rule) के अनुसार जॉब पीरियड में नोटिस पीरियड भी काउंट होता है। दरअसल, नोटिस पीरियड में भी कर्मचारी कंपनी को अपनी सर्विस दे रहा होता है। इसका मतलब है कि अगर कोई कर्मचारी 4 साल 10 महीने जॉब करने के बाद नोटिस देता है और 2 महीने का नोटिस सर्व करता है तो इसे 5 साल गिना जाएगा और उसी आधार पर ग्रेच्युटी की रकम दी जाएगी।यह भी पढ़ें: Post Office Scheme: सीनियर सिटिजन सेविंग्स स्कीम में मिलता है तगड़ा ब्याज, 60 साल से ज्यादा उम्र वाले ही कर सकते हैं निवेश