Green Bonds: क्या होते हैं ग्रीन बॉन्ड? क्यों बन रहे निवेशकों की पसंद
Green Bonds ग्रीन बॉन्ड जारी करने का एलान चालू वित्त वर्ष के बजट में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के द्वारा किया गया था। इससे मिलने वाले पैसे का इस्तेमाल सरकार की ओर से कार्बन उत्सर्जन कम करने वाली योजनाओं के लिए किया जाएगा।
By Abhinav ShalyaEdited By: Updated: Sat, 05 Nov 2022 01:05 PM (IST)
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। केंद्र सरकार की ओर से ग्रीन बॉन्ड जारी करने को लेकर चर्चा गर्म है। सरकार भी कह चुकी है कि ग्रीन बॉन्ड को जल्द बाजार में उतारा जाएगा। इसके लिए सरकार के द्वारा फ्रेमवर्क पर काम करने की रिपोर्ट्स भी समय- समय पर सामने आती रहती हैं।
बता दें, पहली बार ग्रीन बॉन्ड का एलान केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की ओर से चालू वित्त वर्ष का बजट पेश करते समय किया गया था। उन्होंने कहा था कि सरकार सॉवरेन ग्रीन बॉन्ड जारी करने की तैयारी में है। ऐसे में लोगों के मन में ये बड़ा सवाल उठता है कि आखिर ये ग्रीन बॉन्ड क्या है और इसका क्या इस्तेमाल होगा, जिसके बारे में हम अपने इस लेख में बताने जा रहे हैं।
क्या है ग्रीन बॉन्ड? (What is Green Bonds?)
ग्रीन बॉन्ड एक तरह निवेश है, जिसमें निवेशकों को एक फिक्स्ड ब्याज दिया जाएगा। इसे सरकार की ओर से इससे मिलने वाले पैसे का उपयोग कार्बन उत्सर्जन कम करने वाली योजनाओं के लिए किया जाएगा। यह बॉन्ड एसेट लिंक होंगे। एसेट लिंक बॉन्ड निवेशकों के बीच में काफी लोकप्रिय होते हैं, इस कारण सरकार के लिए भी इन बॉन्ड पर पैसा जुटाना आसान होता है। एसेट लिंक होने के कारण इन बॉन्ड को सुरक्षित माना जाता है। निवेशकों को आकर्षित करने के लिए इस पर सरकार की ओर से टैक्स छूट और टैक्स क्रेडिट भी दिया जाता है।
जल्द जारी हो सकते हैं ग्रीन बॉन्ड
बात दें, सितंबर के आखिर में वित्त मंत्रालय की ओर से एक बयान जारी कर कहा गया था कि सरकार जल्द ग्रीन बॉन्ड जारी करने को लेकर एक फ्रेमवर्क लेकर आएगी और इसके साथ ही भविष्य में इसे कब-कब जारी किया जाएगा, इसकी रूपरेखा के बारे में बताया जाएगा। आगे बताया गया कि सरकार का लक्ष्य 16,000 करोड़ के ग्रीन बॉन्ड जारी करना है।
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