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SBI ने Home Loan के नियमों में किया बड़ा बदलाव, आवासीय परियोजनाओं के लिए अब जरूरी ये नियम

एसबीआई ने आवासीय परियोजनाओं के लिए होम लोन योजनाओं में छत पर सौर पैनलों की स्थापना अनिवार्य कर दी है। ऐसे प्रोजेक्ट में बिल्डर को निर्माणाधीन घर की छत पर सोलर पावर सिस्टम लगाना होगा। यह नियम उन लोन पर लागू होता है जिन्होंने एसबीआई ग्रीन फाइनेंस के तहत होम लोन लिया है। जानिए क्या है यह योजना। पढ़िए पूरी खबर।

By Gaurav KumarEdited By: Gaurav KumarUpdated: Sat, 16 Sep 2023 04:30 PM (IST)
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इसका उद्देश्य ग्राहकों को लोन प्रदान करके स्वच्छ जलवायु अभियानों से जोड़ना है।

नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क: देश का सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने अपने होम लोन के नियमों में कुछ बदलाव किया है। एसबीआई ने आवासीय परियोजनाओं के लिए रूफटॉप सोलर इंस्टालेशन को होम लोन प्लान में अनिवार्य कर दिया है।

आसान भाषा में कहें तो ऐसी परियोजनाओं के लिए बिल्डर को निर्माणाधीन घर की छत पर सौर ऊर्जा प्रणाली स्थापित करना जरूरी होगा। यह उन लोन पर लागू होगा जिन्होंने एसबीआई ग्रीन फाइनेंस के तहत होम लोन लिया है।

जून में कितने करोड़ लोन की मिली मंजूरी

एसबीआई ने जून तक 6.3 लाख करोड़ रुपये से अधिक के लोन को मंजूर किया है। एसबीआई पर वर्ल्ड बैंक, एशियाई विकास बैंक और जर्मनी के केएफडब्ल्यू जैसे बहुपक्षीय संस्थानों का 2.3 अरब डॉलर का विदेशी मुद्रा लोन बकाया है।

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एसबीआई के प्रबंध निदेशक, जोखिम, अनुपालन और तनावग्रस्त संपत्ति, अश्विनी कुमार तिवारी ने कहा कि

यदि परियोजना हमारे ग्रीन फंड से वित्त पोषित है तो हम बिल्डरों के लिए छत पर सौर ऊर्जा स्थापित करना अनिवार्य बनाने की योजना बना रहे हैं

10 से 20 साल तक अवधि के साथ आते है ये लोन

ये लोन 10 साल या 20 साल अवधि के साथ आते हैं जिससे उधार लेने वाले बैंकों के लिए विदेशी मुद्रा जोखिम पैदा होता है। लंबी अवधि के विदेशी मुद्रा लोन में शामिल जोखिमों को देखते हुए, अश्विनी कुमार तिवारी ने बहुपक्षीय बैंकों से आग्रह किया कि वे उधार लेने वाले बैंकों को अपने एक्सपोजर को हेज करने की अनुमति दें ताकि ग्रीन और वित्तीय समावेशन फंडिंग अधिक टिकाऊ हो सके।

क्या है एसबीआई की यह योजना?

एसबीआई की ग्रीन फाइनेंस योजना का लक्ष्य उन गतिविधियों को बढ़ावा देना है जो सीधे स्वच्छ जलवायु पर ध्यान केंद्रित करती हैं जैसे पेड़ लगाना, बायो-टॉयलेट का निर्माण, सोलर लाइट, लैंप, पैनल आदि।

विश्व बैंक ने 2016 में "सौर छतों" का वित्तपोषण शुरू किया था। इस आधार पर, दुनिया की प्रमुख कंपनियों को पैसे दिए जाते हैं। इसका उद्देश्य ग्राहकों को लोन प्रदान करके स्वच्छ जलवायु अभियानों से जोड़ना है।

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