नए वित्त वर्ष में भी भारत की विकास दर रहेगी सबसे अधिक, 2024-25 में 6.6 प्रतिशत रह सकती है GDP की रफ्तार
विश्व बैंक के मुताबिक भारत की मजबूत विकास दर की वजह से अगले दो साल तक दक्षिण एशिया का क्षेत्र सबसे तेज गति से विकास करेगा। दक्षिण एशिया के अन्य देशों की विकास दर बढ़ने से भारत के निर्यात को प्रोत्साहन मिलेगा। विश्व बैंक के अनुमान के मुताबिक चालू वित्त वर्ष में औद्योगिक उत्पादन व सेवा क्षेत्र फिलहाल की तरह मजबूत रहेंगे।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। चालू वित्त वर्ष 2024-25 में भी भारत दुनिया के प्रमुख देशों के बीच सबसे तेज गति से विकास करेगा। विश्व बैंक ने अपनी ताजा रिपोर्ट में कहा है कि वित्त वर्ष 2024-25 में भारत की जीडीपी विकास दर 6.6 प्रतिशत रहेगी। हालांकि गत वित्त वर्ष 2023-24 की अनुमानित विकास दर से यह कम है।
विश्व बैंक ने वित्त वर्ष 2023-24 में भारत की विकास दर 7.5 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है जबकि पहले विश्व बैंक ने इस अवधि में विकास दर 6.3 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया था। लेकिन गत वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही (अक्टूबर-दिसंबर) में जीडीपी विकास दर 8.4 प्रतिशत रहने के बाद विश्व बैंक ने गत वित्त वर्ष के लिए भारत के विकास दर अनुमान में 1.2 प्रतिशत की बढ़ोतरी कर दी।
रिपोर्ट के मुताबिक वित्त वर्ष 2024-25 में निवेश की गति में कमी और गत वित्त वर्ष की मजबूत विकास दर से चालू वित्त वर्ष की विकास दर थोड़ी कम दिखेगी। हालांकि विश्व बैंक के अनुमान के मुताबिक चालू वित्त वर्ष में औद्योगिक उत्पादन व सेवा क्षेत्र फिलहाल की तरह मजबूत रहेंगे। रियल एस्टेट व निर्माण क्षेत्र में भी तेजी रहेगी। रिपोर्ट के मुताबिक चालू वित्त वर्ष में महंगाई में गिरावट रहेगी और केंद्र सरकार के प्रयास व जीडीपी में बढ़ोतरी से मीडियम टर्म में राजकोषीय घाटा और सरकारी कर्ज में भी कमी आएगी।
आरबीआइ ने चालू वित्त वर्ष में सात प्रतिशत विकास दर का अनुमान लगाया है। विश्व बैंक के मुताबिक भारत की मजबूत विकास दर की वजह से अगले दो साल तक दक्षिण एशिया का क्षेत्र सबसे तेज गति से विकास करेगा। दक्षिण एशिया के अन्य देशों की विकास दर बढ़ने से भारत के निर्यात को प्रोत्साहन मिलेगा। गत वित्त वर्ष 2023-24 की अंतिम तिमाही (जनवरी-मार्च) की जीडीपी विकास दर का सरकारी आंकड़ा जून में जारी होगा, लेकिन फरवरी व मार्च में सर्विस व मैन्युफैक्चरिंग में तेजी को देखते हुए अंतिम तिमाही की विकास दर आठ प्रतिशत से अधिक रहने का अनुमान लगाया जा रहा है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी हाल ही में एक कार्यक्रम में अंतिम तिमाही में आठ प्रतिशत विकास दर रहने का अनुमान जाहिर किया था।