2030 तक औसतन 6.5 प्रतिशत की दर से बढ़ेगी विकास दर: सीईए
मुख्य आर्थिक सलाहकार (सीईए) अनंत नागस्वरन ने आज कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था 2023 से 2030 तक औसतन 6.5 प्रतिशत की वार्षिक दर से बढ़ेगी। नागज्वरन ने बीसीसीआई इंडो-पैसिफिक इकोनॉमिक कॉन्फ्रेंस में कहा कि वैश्विक अर्थव्यवस्था अनिश्चितता के दौर में है और भारत को वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में शामिल होना चाहिए और चीन प्लस वन रणनीति के लिए एक आकर्षक देश बनना चाहिए।
जागरण न्यूज नेटवर्क, नई दिल्ली: मुख्य आर्थिक सलाहकार (सीईए) वी अनंत नागेश्वरन ने शुक्रवार को कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था 2023 से 2030 के बीच सालाना औसतन 6.5 प्रतिशत की दर से बढ़ेगी।
वैश्विक अर्थव्यवस्था अनिश्चितता के दौर से गुजर रही है
बीसीसीआइ इंडो पैसिफिक इकोनमिक कान्क्लेव में बोलते हुए नागेश्वरन ने कहा कि वैश्विक अर्थव्यवस्था अनिश्चितता के दौर से गुजर रही है और भारत को वैश्विक सप्लाई चेन में शामिल होना होगा और खुद को चीन प्लस वन रणनीति के लिए आकर्षक बनाना होगा।
उन्होंने कहा कि
वित्त वर्ष 2021-22 में हमारी आर्थिक विकास दर 9.1 प्रतिशत, वित्त वर्ष 2022-23 में यह 7.2 प्रतिशत रही। इस वर्ष और दशक के शेष सालों के लिए औसतन 6.5 प्रतिशत विकास दर रहने की संभावना है। मैं 6.5 प्रतिशत विकास दर की बात कर रहा हूं। 7.5 या आठ प्रतिशत की नहीं है। इसकी एक बड़ी वजह यह है कि इस दौरान वैश्विक वृद्धि में उस तरह की तेजी देखने को मिलने की संभावना कम है, जैसा कि 2003 से 2008 के बीच थी।
उन्होंने कहा कि भारत ने पिछले आठ वर्षों में अभूतपूर्व प्रगति की है। 2014 में हमारी अर्थव्यवस्था 10वें नंबर थी जो अब पांचवें नंबर है। इस दशक के अंत तक हम दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएंगे।