GST और इनकम टैक्स दोनों में बढ़ोतरी की पूरी गुंजाइश, अगले दो साल में 10 करोड़ तक जा सकता है ITR का आंकड़ा
इनकम टैक्स की नई व्यवस्था के तहत करदाताओं को आयकर में और छूट की उम्मीद पर मल्होत्रा ने बताया कि अभी पिछले साल ही इस व्यवस्था के तहत टैक्स छूट का एलान किया गया था। अभी इसका एक वर्ष ही हुआ है। कर स्थायित्व के लिए कुछ समय तक इसके प्रभाव को देखना पड़ेगा। चालू वित्त वर्ष में जीएसटी का मासिक संग्रह 1.85 लाख करोड़ को पार कर सकता है।
राजीव कुमार, नई दिल्ली। राजस्व सचिव संजय मल्होत्रा ने बताया कि जीएसटी और इनकम टैक्स दोनों की बढ़ोतरी में पूरी गुंजाइश है और सरकार टेक्नोलाजी का इस्तेमाल कर इस दिशा में आगे बढ़ रही है। उनका मानना है कि आगामी दो वर्षों में इनकम टैक्स रिटर्न (आइटीआर) भरने वालों की संख्या 10 करोड़ के स्तर को छू सकती है। चालू वित्त वर्ष 2023-24 में आइटीआर भरने वालों की संख्या आठ करोड़ के आंकड़ों को पार कर चुकी है।
प्रत्यक्ष कर में 13 प्रतिशत बढ़ोतरी का अनुमान
उन्होंने बताया कि आगामी वित्त वर्ष 2024-25 में प्रत्यक्ष कर में 13 प्रतिशत तो अप्रत्यक्ष कर में 12.5 प्रतिशत की बढ़ोतरी का अनुमान है और इस हिसाब से टैक्स के कुल संग्रह में अगले वित्त वर्ष में 11.5 प्रतिशत की बढ़ोतरी रहेगी। दैनिक जागरण को दिए साक्षात्कार में मल्होत्रा ने बताया कि अभी यह देखा जा रहा है कि वस्तु की बिक्री व वस्तु की खरीदारी में मेल नहीं है। जितनी वस्तु की बिक्री दिखाई जा रही है, उतनी खरीदारी नहीं दिखाई जा रही है।
वित्त वर्ष में 1.85 लाख करोड़ आंकड़ा
कुछ जायज तो कुछ नाजायज कारणों से यह मिलान नहीं हो पा रहा है। हम इसको रोकेंगे। अभी कई वस्तुएं जीएसटी के दायरे में नहीं है, हम उसे भी लाने का प्रयास करेंगे। चालू वित्त वर्ष में जीएसटी का औसत मासिक संग्रह 1.68 लाख करोड़ है जो अगले वित्त वर्ष में 1.85 लाख करोड़ को पार कर सकता है।इनकम टैक्स की नई व्यवस्था के तहत करदाताओं को आयकर में और छूट की उम्मीद पर मल्होत्रा ने बताया कि अभी पिछले साल ही इस व्यवस्था के तहत टैक्स छूट का एलान किया गया था। अभी इसका एक वर्ष ही हुआ है। कर स्थायित्व के लिए कुछ समय तक इसके प्रभाव को देखना पड़ेगा।
पूर्ण बजट में आयात शुल्क में किए जा सकते हैं बदलाव
बजट में मैन्यूफैक्चरिंग से जुड़े कई आइटम के आयात शुल्क में कटौती की उम्मीद की जा रही थी। लेकिन ऐसा नहीं होने के बारे में पूछे जाने पर राजस्व सचिव ने कहा कि जुलाई में पेश होने वाले पूर्ण बजट में वस्तुओं के आयात शुल्क में जरूरत के मुताबिक बदलाव किए जा सकते हैं। उन्होंने कहा कि बजट से ठीक एक दिन पहले ही हमने मोबाइल फोन के पार्ट्स के आयात शुल्क में कटौती की घोषणा की थी।
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