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GST Council Highlights: न्यूट्रल अल्कोहल जीएसटी से बाहर, मोलासेस और मिलेट्स से घटा टैक्स; पढ़िए पूरी खबर

वित्त मंत्री की अध्यक्षता में आज जीएसटी कांउसिल ने कई अहम फैसले लिए। इनमें मोटे अनाजों के मिश्रित आटे को टैक्स के दायरे से बाहर करना जीएसटीएटी सदस्यों की अधिकतम उम्र सीमा में बदलाव प्री-पैक्ड मिलेट पर 5 प्रतिशत जीएसटी मानव के उपयोग के लिए ईएनए को जीएसटी से हटाना सहित कई मुद्दों पर बात बनी। पढ़िए क्या है पूरी खबर।

By Jagran NewsEdited By: Gaurav KumarUpdated: Sat, 07 Oct 2023 11:06 PM (IST)
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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के अध्यक्षता में आज जीएसटी काउंसिल की 52वीं बैठक समाप्त हुई।
जागरण न्यूज नेटवर्क, नई दिल्ली: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के अध्यक्षता में आज जीएसटी काउंसिल की 52वीं बैठक समाप्त हुई। जीएसटी कांउसिल ने मोटे अनाजों (मिलेट्स) के मिश्रित आटे को टैक्स के दायरे में लाने का फैसला किया है। यह दर पांच फीसद की होगी और सिर्फ प्री-पैक्ड मिलेट मिश्रित आटे पर ही लगाई जाएगी।

मोलासेस और ईएनए पर घटा जीएसटी

इसके साथ ही मोलासेस पर जीएसटी की दर 28 फीसद से घटाकर पांच फीसद करने का प्रस्ताव भी जीएसटी काउंसिल ने किया है।

जबकि एक्स्ट्रा न्यूट्रल अल्कोहल (गन्ने, मोलासीस, चावल, जौ या दूसरे अनाजों से बनने वाले अल्कोहल) पर टैक्स लगाने का अधिकार राज्यों को दे दिया गया है हालांकि इस विषय पर न्यायालय ने केंद्र के पास कर लगाने का अधिकार देने का निर्णय सुनाया हुआ है।

काउंसिल के प्रस्ताव को लागू करने के लिए अलग से आवश्यक संशोधन किया जाएगा। पर्यटन को बढ़ावा देने के विदेशी कंपनियों के क्रूज को छूट दी गई है।

वित्त मंत्री सीतारमण ने 52वें जीएसटी काउंसिल की बैठक में लिये गये फैसलों के बारे में बताया कि

प्री-पैक्ड मोटे अनाजों के मिश्रित आटे पर पांच फीसद की दर से जीएसटी लगाने का विचार सभी राज्यों का था। लेकिन यह तभी लगेगा अगर उक्त पैकेट में 70 फीसद मोटे अनाज है। अगर खुला हुआ है तो इस पर कोई जीएसटी नहीं लगेगा

लूज मिलेट पर कोई टैक्स नहीं

ब्रांडेड कंपनियों की तरफ से बेचे जाने वाले पैक मिलेट पर जीएसटी लगेगा लेकिन मोहल्लों के आटा चक्की में जो खुले तौर पर बिकता है उस पर नहीं लगेगा।

केंद्र सरकार ने जिस तरह से पूरे देश व दुनिया में भारत में उपजाये जाने वाले मोटे अनाजों को प्रोत्साहित करने का फैसला किया है उससे इनकी खपत बढ़ रही है। यह देख कई बड़ी कंपनियां इसमें उतर चुकी हैं।

वित्त मंत्री ने बताया कि इलाहाबाद हाई कोर्ट ने एक्स्ट्रा न्यूट्रल अल्कोहल (ईएनए) पर टैक्स लगाने का अधिकार केंद्र को दे दिया है लेकिन काउंसिल का यह प्रस्ताव है कि अगर मानवीय उपभोग के लिए ईएनए का इस्तेमाल होता है तो इस बारे में टैक्स लगाने का अधिकार राज्यों को दिया जाना चाहिए।

इसके लिए इसे जीएसटी की सूची से अलग किया जाएगा। इसके लिए अलग से अधिसूचना जारी की जाएगी।सरकारी विज्ञप्ति में बताया गया है कि ईएनए का इस्तेमाल औद्योगिक तौर पर होता है उस पर 18 फीसद का जीएसटी लगाया जाएगा।

गन्ना किसानों को होगा लाभ

वित्त मंत्री ने बताया कि मोलासेस पर जीएसटी की दर 28 फीसद से घटा कर पांच फीसद करने का फैसला देश के गन्ना किसानों का भला करेगा।

इससे गन्ना मिलों पर बोझ कम होगा जिससे वह गन्ना किसानों के बकाये का भुगतान तेजी से कर सकेंगे। काउंसिल ने एक अन्य फैसला यह किया है कि जीएसटी अपीलीय ट्रिब्यूनल के अध्यक्ष की अधिकतम आयु सीमा 67 वर्ष से बढ़ा कर 70 वर्ष और सदस्यों की आयु सीमा 65 वर्ष से बढ़ा कर 67 वर्ष करने का फैसला किया है।

इसके लिए सीजीएसटी कानून 2017 में आवश्यक संशोधन किया जाएगा। जीएसटी काउंसिल ने यह स्पष्ट किया है कि जौ से माल्ट बनाने की प्रक्रिया पर पांच फीसद की दर से जीएसटी लगाया जाएगा, 18 फीसद का नहीं।

दिल्ली और गोवा ने ऑनलाइन गेमिंग पर जीएसटी पर उठाए सवाल

दिल्ली और गोवा की तरफ से गेमिंग कंपनियों पर 28 फीसद की दर से जीएसटी लगाने के फैसले और इसे पहले की अवधि से लागू करने का मामला उठाया गया और इस पर विरोध दर्ज कराया गया।

इस पर वित्त मंत्री सीतारमण ने आश्वस्त किया है कि वह इस मामले को देखेंगी और संबंधित विभाग से बात करेंगी। इस पर राजस्व सचिव संजय मल्होत्रा ने स्पष्ट किया कि गेमिंग कंपनियों और कैसिनों पर टैक्स लगाने का प्रस्ताव पहले से मौजूद है।

सनद रहे कि दिल्ली की वित्त मंत्री आतिशी ने अलग से आयोजित एक प्रेस कांफ्रेंस में बताया कि,सरकारी एजेंसियों गेमिग कंपनियों पर पिछले छह वर्ष से टैक्स अदा करने की नोटिस जारी कर रही हैं जबकि यह प्रावधान 01 अक्टूबर, 2023 से ही लागू हुआ है। इस उद्योग का आकार ही 23 हजार करोड़ रुपये का है जबकि इस पर 1.5 लाख करोड़ रुपये की टैक्स देनदारी लगाई जा रही है। इसका असर पूरे देश में स्टार्ट अप के माहौल पर होगा।

GSTAT सदस्यों आयु सीमा में बदलाव

आज जीएसटी अपीलीय न्यायाधिकरण (जीएसटीएटी) के अध्यक्ष के लिए अधिकतम आयु 70 वर्ष और सदस्यों के लिए अधिकतम आयु को 67 वर्ष तक के लिए बढ़ाया गया। इससे पहले अध्यक्ष की आयु 67 वर्ष और सदस्यों की आयु 65 वर्ष थी।