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GST Council की कल होगी बैठक; ऑनलाइन गेमिंग, कैसीनो पर 28 प्रतिशत जीएसटी लगाने के तरीके पर होगा फैसला

GST Council News इस बैठक में जीएसटी काउंसिल की ओर से ऑनलाइन गेम कैसिनो और हॉर्स रेसिंग पर जीएसटी लगाने के तरीके पर चर्चा होगी। ये बैठक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए होगी। इसकी अध्यक्षता वित्त मंत्री निर्माला सीतारमण करेगी। इसमें केंद्र और सरकारों के भी जीएसटी आधिकारी शामिले होंगे। इसके लिए लॉ कमेटी की ओर से एक ड्राफ्ट भी तैयार किया गया है।

By Abhinav ShalyaEdited By: Abhinav ShalyaUpdated: Tue, 01 Aug 2023 08:19 PM (IST)
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इस बैठक की अध्यक्षता वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण करेगी। (फाइल फोटो)

नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। ऑनलाइन गेमिंग और कैसिनो पर 28 प्रतिशत लगाने के तौर-तरीकों को लेकर बुधवार (2 अगस्त) को वित्त मंत्री निर्माला सीतारमण की अध्यक्षता में बैठक हो सकती है। ये बैठक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए होगी। बीते महीने जीएसटी काउंसिल की ओर से ऑनलाइन गेमिंग, कैसिनो और हॉर्स रेसिंग पर 28 प्रतिशत जीएसटी लगाने को मंजूरी दी गई थी।

28 प्रतिशत जीएसटी लागने का ड्राफ्ट हुआ तैयार

लॉ कमेटी, जिसमें केंद्र और राज्य सरकार के टैक्स अधिकारी शामिल है। उसकी ओर से जीएसटी काउंसिल के फैसले को ध्यान में रखते हुए नियमों का एक ड्राफ्ट तैयार किया गया है।

कमेटी की ओर से एक और नया नियम जोड़ा गया है। इसके तहत ऑनलाइन गेम की सप्लाई की वैल्यू गेमिंग प्लेटफॉर्म पर जमा की गई राशि और प्लेयर द्वारा दी गई वर्चुअल डिजिटल एसेट को जोड़कर देखी जाएगी।

कैसिनो पर लॉ कमेटी की ओर से प्रस्ताव दिया गया है कि सप्लाई वैल्यू प्लेयर की ओर से खरीदे गए टोकन, चिप्स, कॉइन और टिकट्स होंगे।

गेमिंग कंपनियों ने इस निर्णय पर निराशा जताई

ऑल इंडिया गेमिंग फेडरेशन (AIGF) जो कि ऑनलाइन गेंमिंग कंपनियों जैसे नजारा टेक, गेम्सक्राफ्ट, जुपी और विंजो का प्रतिनिधित्व करता है। उसकी ओर से इस निर्णय पर निराशा जताई गई है।

वहीं, इंडियन गेमर्स यूनाइटेड की ओर से वित्त मंत्री को एक पत्र लिखा गया है, जिसमें कहा गया है कि अधिक टैक्स गेमर्स को गैरकानूनी प्लेटफॉर्म्स की तरफ धकेलेगा। जहां कोई टैक्स नहीं लगता है, लेकिन गेमर्स के लिए जोखिम अधिक है।

बाहर से ऑपरेट करने वाली कंपनियों को भी देना होगा टैक्स

राज्यसभा में पूछे गए सवाल पर वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी की ओर से कहा गया है कि जीएसटी ऑथोरिटीज के पास क्षमता है कि वे ऐसा काम करने वाली कंपनियों के खिलाफ एक्शन ले सकती हैं।