Move to Jagran APP

GST Council ने तय किए SUV के मानक, अब इन क्षमताओं वाली गाड़ियों को माना जाएगा स्पोर्ट्स यूटिलिटी व्हीकल

GST Council ने देश में SUV की परिभाषा को स्पष्ट कर दिया है। किन गाड़ियों को एसयूवी माना जाएगा इसे लेकर सरकार की ओर से पूरा ब्यौरा भी जारी किया है। एसयूवी पर 28 प्रतिशत जीएसटी के साथ 22 प्रतिशत सेस लगता है।

By Abhinav ShalyaEdited By: Updated: Sun, 18 Dec 2022 11:21 AM (IST)
Hero Image
What is SUV? GST Council clarified Defination (Jagran File Photo)
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। GST on SUV जीएसटी परिषद (GST Council) की 48वीं बैठक में एसयूवी (स्पोर्ट्स यूटिलिटी व्हीकल्स) की परिभाषा को स्पष्ट कर दिया गया है। इससे देश में एसयूवी बनाने वाली कंपनियों को राहत मिलने की उम्मीद है, क्योंकि एसयूवी की परिभाषा को लेकर लंबे समय से दुविधा की स्थिति बनी हुई थी।

मौजूदा समय में 1500 सीसी से अधिक इंजन क्षमता, 4000 मिमी से अधिक लंबाई और 170 मिमी से अधिक ग्राउंड क्लीयरेंस वाली कारों पर 28 प्रतिशत जीएसटी और 22 प्रतिशत सेस लगाया जाता है। इन क्षमताओं वाली गाड़ियों पर इस तरह से 50 प्रतिशत टैक्स लगाया जाता है, लेकिन राज्यों के पास एसयूवी को लेकर कोई भी स्पष्ट परिभाषा नहीं थी, जिस पर अब जीएसटी परिषद की ओर से स्पष्टीकरण दिया गया है।

GST Council की SUV की परिभाषा

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एसयूवी की परिभाषा पर स्पष्टीकरण देते हुए कहा कि उन वाहनों पर उच्च दर का 22 प्रतिशत सेस लगाया जाएगा, जो ये चार शर्तों को पूरा करते हैं और उन्हें आम बोलचाल की भाषा में एसयूवी कहा जाता है।

  • इंजन की क्षमता 1,500cc से अधिक
  • लंबाई 4,000 मिमी से अधिक
  • 170 मिमी या उससे अधिक का ग्राउंड क्लीयरेंस

MUV की परिभाषा पर हो रहा काम

इसके साथ जीएसटी परिषद में एमयूवी (मल्टी यूटिलिटी व्हीकल) की परिभाषा के स्पष्टीकरण पर काम चल रहा है। वित्त मंत्री की ओर से बताया गया कि एमयूवी चर्चा तब शुरू हुई, जब राज्यों की ओर से सवाल किया गए कि क्या सेडान को एसयूवी में शामिल किया जाना चाहिए।

सेंट्रल बोर्ड ऑफ इनडायरेक्ट टैक्स एंड कस्टम्स के चेयरमैन विवेक जौहरी ने कहा कि जो कारें सरकार द्वारा तय किए गए मापदंडों को पूरा नहीं करती हैं। उस पर उच्च दर का सेस लागू नहीं होगा।

बता दें, जीएसटी परिषद की 48वीं बैठक के बाद वित्त वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि समय की कमी के कारण 15 में से केवल 8 मदों पर ही फैसला हो सका है। इसके साथ कोई नया टैक्स नहीं लगाया गया है।

ये भी पढ़ें-

चेक से करते हैं भुगतान? परेशानी से बचना है तो जान लें Cheque Bounce से जुड़े ये जरूरी नियम

बिजली खपत-संपत्ति कर से बढ़ेगा GST का दायरा, गैर-जीएसटी पंजीकृत कारोबारों की पहचान की जाएगी