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GST में पंजीकृत हैं 12 हजार से ज्यादा फर्जी कंपनियां, बायोमेट्रिक का इस्तेमाल कर पता लगाएंगे अधिकारी

Fake GST Registration देश में जीएसटी के फर्जी मामलों को रोकने के लिए कई कदम उठाए जा रहे हैं। जीएसटी की चोरी करने वालों को रोकने के लिए सीबीआईसी अब बायोमेट्रिक प्रमाणीकरण का इस्तेमाल करने पर विचार कर रही है। इसके बाद रिटर्न फाइलिंग की प्रक्रिया काफी सख्त हो जाएगी। आइए जानते हैं कि सरकार द्वारा इस पर क्या कदम उठाए जा रहे हैं।

By Priyanka KumariEdited By: Priyanka KumariUpdated: Sun, 02 Jul 2023 02:58 PM (IST)
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Fake GST Registration: CBIC plans biometric authentication
 नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। जीएसटी टैक्स चोरी को देखते हुए केंद्र और राज्य के अधिकारियों की ओर से नकली जीएसटी पंजीकरण और टैक्स चोरी के अपराधियों को पकड़ने के लिए कई तरह के मुहिम चलाई जाती है। कई लोग दूसरे व्यक्ति के पैन और आधार के जरिये भी जीएसटी की चोरी कर रहे हैं। इनपर नकेल कसना बेहद जरूरी है।

जीएसटी रजिस्ट्रेशन प्रोसेस को मजबूत करने के लिए कई तरह के तकनीकों का इस्तेमाल किया जा रहा है। इसी के बारे में सीबीआईसी के चेयरमैन विवेक जोहरी ( Vivek Johri) ने बताया कि अब बायोमेट्रिक प्रमाणीकरण का इस्तेमाल किया जाएगा। इससे जीएसटी पंजीकरण पाने के लिए अन्य लोगों के पैन और आधार का दुरुपयोग करने वाले धोखेबाजी पर नकेल कसा जा सकता है।

इसी के साथ उन्होंने आगे कहा कि कर अधिकारी इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) का दावा करने के दायरे को सीमित करने के लिए जीएसटी रिटर्न फाइलिंग प्रॉसेस में कुछ और सख्ती पर भी विचार कर रहे हैं।

बायोमेट्रिक प्रमाणीकरण का होगा इस्तेमाल

कोई भी कंपनी के अधिकृत प्रतिनिधियों या निदेशकों या भागीदारों का बायोमेट्रिक प्रमाणीकरण द्वारा नया पंजीकरण होगा। अगर वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के तहत पंजीकृत में शामिल है तब उन पर कार्रवाई हो सकती है। अगर कर अधिकारियों को संदेह होता है कि ये आवेदन आईटीसी का फर्जी दावा करने के लिए किया जा रहा है तो इसके लिए जांच के बाद कड़ी कार्रवाई हो सकती है। 

इसके अलावा, केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) के अधिकारियों द्वारा सभी संस्थाओं की जियो-टैगिंग की योजना भी बनाई जा रही है। इससे यह प्रमाणित किया जा सकता है कि  जीएसटी पंजीकरण के दौरान प्रदान की गई जानकारी सही है या नहीं।

अभी तक बायोमेट्रिक प्रमाणीकरण और जियो-टैगिंग देश के कुछ कुछ राज्यों में चल रहा है। जल्द ही इसे पूरे भारत में लॉन्च किया जाएगा।

12,000 से ज्यादा मामले आए सामने

सीबीआईसी प्रमुख ने बताया कि फर्जी पंजीकरण के खिलाफ चल रहे अभियान के दौरान, जीएसटी अधिकारियों ने लगभग 12,500 फर्जी संस्थाओं की पहचान की है। ये फर्जी आईटीसी का दावा करने और सरकारी खजाने को धोखा देने के लिए किया जाता था। दिल्ली, हरियाणा और राजस्थान जैसे कुछ स्थान हैं जहां फर्जी संस्थाएं बड़े पैमाने पर मौजूद हैं।

इसी के साथ गुजरात, नोएडा, कोलकाता, असम, तेलंगाना, तमिलनाडु और महाराष्ट्र के कुछ हिस्सों में भी जीएसटी पंजीकरण के साथ नकली व्यवसाय चल रहे हैं। मेटल या प्लास्टिक स्क्रैप और बेकार कागज से संबंधित व्यवसाय में फर्जी जीएसटी का ज्यादा मामले शामिल हैं।

रिटर्न प्रॉसेस हुआ सख्त

नकली आईटीसी दावों को नियंत्रित करने के लिए कर अधिकारियों ने रिटर्न प्रॉसेस को सख्त बनाने  की योजना कर रहे हैं। अभी करदाताओं को छूट दी गई है वे जीएसटीआर -2 ए में कितना आईटीसी का दावा कर पाएंगे। ये छूट इसलिए दी गई है क्योंकि कई व्यपारी इसको लेकर चिंता व्यक्त कर रहे थे।

सीबीआईसी के चेयरमैन विवेक जोहरी ने बताया कि जीएसटी परिषद, जिसमें केंद्र और राज्यों के वित्त मंत्री शामिल हैं, ने सिस्टम में फर्जी आईटीसी पर अंकुश लगाने के लिए मासिक रिटर्न को क्रमिक रूप से दाखिल करने सहित कई कदम पहले ही उठा लिए हैं।