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Guranteed Plan: साधारण पॉलिसी और गारंटीड प्लान में क्या है अंतर, निवेश करने से पहले पता कर लें पूरी जानकारी

बीमा के अलग-अलग प्रकार होने के कारण आपको पॉलिसी खरीदने में काफी परेशानी आती है। एक ऐसा ही उलझन पॉलिसीधारक को लाइफ इंश्योरेंस और गारंटी लाइफ इंश्योरेंस प्लान में भी होता है। गारंटी लाइफ इंश्योरेंस प्लान में पॉलिसीधारक मासिक अर्ध-वार्षिक या वार्षिक आधार पर राशि प्राप्त कर सकता है। आज हम आपको इन्हीं दोनों के बीच की उलझन के बारें में बताने जा रहे हैं कि गारंटी प्लान की कितनी गारंटी होती है।

By Gaurav KumarEdited By: Gaurav KumarUpdated: Wed, 21 Jun 2023 09:00 PM (IST)
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Guranteed Plan: What is the difference between an ordinary policy and a guaranteed plan
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क: अक्सर लोग आपको कहते मिल जाएंगे कि जिंदगी का कोई भरोसा नहीं, लाइफ की कोई गारंटी नहीं है। इस डर से बचने और अपने परिवार को हर मुश्किल से बचाने के लिए आप बीमा लेते हैं।

आजकल बीमा इतने प्रकार के हो गए हैं कि जब भी आप बीमा लेने जाएंगे वेबसाइट पर या फिर बीमा एजेंट आपको पॉलिसी बेचने के लिए एक से बढ़कर एक इंश्योरेंस बताएगा। बीमा के विभिन्न प्रकार में से एक होता है लाइफ इंश्योरेंस। ज्यादातर लोग लाइफ इंश्योरेंस लेते हैं जो पॉलिसीधारक के परिवार को पॉलिसीधारक के मृत्य के बाद बीमा कंपनियों द्वारा दिया जाता है।

लाइफ इंश्योरेंस में भी एक प्रकार होता है गारंटी प्लान का जिसके बारे में आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि गारंटी प्लान की कितनी गारंटी होती है।

क्या होती है लाइफ इंश्योरेंस?

अगर आप पहली बार इंश्योरेंस खरीद रहे है तो आप निश्चित तौर पर लाइफ इंश्योरेंस और टर्म लाइफ इंश्योरेंस में कन्फ्यूज हुए होंगे लेकिन आपको बता दें कि दोनों एक ही हैं। दरअसल लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसीधारक के मृत्यु होने के बाद पॉलिसीधारक के परिवार को आर्थिक सहायता प्रदान करती है।

क्या होता है गारंटी लाइफ इंश्योरेंस प्लान?

गारंटी लाइफ इंश्योरेंस प्लान या गारंटी रिटर्न प्लान दोनों एक ही होता है। गारंटीड रिटर्न प्लान ऐसी बीमा पॉलिसियां ​​होती है जो एक विशिष्ट समय सीमा के भीतर निवेश पर 100 प्रतिशत की गारंटीड रिटर्न प्रदान करती हैं।

ये योजनाएं टैक्स फ्री मैच्योरिटी, लाइफ कवरेज जैसे लाभ प्रदान करती हैं जिसके लिए पूर्व निर्धारित अवधि के लिए निश्चित प्रीमियम भुगतान करना होता है। पॉलिसी के मैच्यौर होने के बाद, बीमित व्यक्ति को भुगतान प्राप्त होता है, जिसे एकमुश्त, नियमित आय या आजीवन आय के रूप में प्राप्त किया जा सकता है।

दोनों में क्या अंतर?

आपके मन में अब यह सवाल आ रहा होगा कि दोनों इंश्योरेंस प्लान में क्या अंतर है। तो आपको बता दें कि दोनों इंश्योरेंस प्लान में पैसों का अंतर है। मान लीजिए किसी पॉलिसीधारक ने 20 लाख रुपये का टर्म प्लान खरीदा। अगर तय समय अवधि के भीतर पॉलिसीधारक की मृत्यु हो जाती है तो इस स्थिति में बीमा कंपनियां पॉलिसीधारके के परिवार को 20 लाख रुपये के पूरे 20 लाख रुपये नहीं देती है।

बीमा कंपनियां पहले जांच पड़ताल करती है और सारा गुणा भाग करने के बाद प्रभावित परिवार को पैसे दिए जाते हैं। यहां आपको बता दें कि इस परिवार को पूरे 20 लाख रुपये नहीं मिलते बल्कि 20 लाख रुपये का लंप सम (lump sum) अमाउंट होता है।

वहीं अगर आपने गारंटी प्लान खरीदा है तो इस स्थिति में बीमा कंपनी को पूरे 20 लाख रुपये देने होते हैं। इस प्रकार की पॉलिसी की यूएसपी यह है कि एक निश्चित अवधि के लिए नियमित प्रीमियम का निवेश किया जा सकता है और परिपक्वता पर वार्षिक, अर्ध-वार्षिक, त्रैमासिक या मासिक आय प्राप्त की जा सकती है।

कैसे काम करता है गारंटी प्लान?

इस योजना में, पॉलिसीधारकों को योजना की अवधि के दौरान मासिक या वार्षिक आधार पर एक निश्चित प्रीमियम का भुगतान करना होता है।

पॉलिसी के मेच्योर होने के बाद, उन्हें अपने निवेश पर गारंटीड रिटर्न मिलना शुरू हो जाता है। भुगतान पूर्व निर्धारित अवधि के लिए होते हैं और पॉलिसीधारक मासिक, अर्ध-वार्षिक या वार्षिक आधार पर राशि प्राप्त कर सकता है। आमतौर पर, गारंटीकृत राशि जीवन बीमाकर्ता से पॉलिसी खरीदते समय तय की जाती है।

टैक्स का क्या है हाल?

भारत वर्तमान में दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था है और अगर भारत विकसित देश बन जाता है तो आयकर आधार का विस्तार करने के लिए धीरे-धीरे अपनी टैक्स छूट सीमा को कम करना होगा।

इसके अतिरिक्त, ये प्लान पॉलिसीधारक की दुर्भाग्यपूर्ण मृत्यु के मामले में आश्रितों को भुगतान किए गए वार्षिक प्रीमियम के 10 गुना के इन-बिल्ट लाइफ कवर देता है। इसलिए निवेशकों को लॉन्ग टर्म के लिए अपने गारंटीकृत टैक्स फ्री रिटर्न को लॉक कर इस बीमा का सबसे अच्छा उपयोग कर सकते हैं।