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दो लाख गांवों तक पहुंच बढ़ाएगा एचडीएफसी बैंक, बैंक स्मार्ट साथी के जरिये ग्रामीणों को मिलेंगी सभी सेवाएं

एचडीएफसी बैंक की कोशिश होगी कि जिन दो लाख गांवों तक उसकी पहुंच हो वहां हर व्यक्ति को आसानी से वैधानिक तरीके से कर्ज मिले। बैंक ग्रामीण क्षेत्रों के सूक्ष्म व छोटे उद्यमियों को बैंकिंग सेवा से जोड़ने पर खास तौर पर ध्यान देगा।

By Jagran NewsEdited By: Shashank MishraUpdated: Sat, 29 Apr 2023 11:44 PM (IST)
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अगले 18 महीनों में गांवों को अत्याधुनिक बैंकिंग सेवाओं से जोड़ा जाएगा।
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। निजी बैंक अब ग्रामीण भारत को नजरअंदाज करने का जोखिम नहीं उठाना चाहते। यही वजह है कि देश के प्रमुख निजी बैंक एचडीएफसी बैंक ने ग्रामीण व अ‌र्द्ध-शहरी इलाकों में तेजी से अपनी सेवाओं के विस्तार का फैसला किया है। बैंक ने अगले 12 से 18 महीनों के बीच दो लाख गांवों तक अपनी सेवाए पहुंचाने की योजना तैयार की है।

इसे ग्रामीण क्षेत्र में बैंकिंग सेवाओं के विस्तार की अभी तक की सबसे आक्रामक योजना भी कहा जा सकता है कि क्योंकि पूर्व में दो लाख गांवों तक पहुंच बनाने में सरकारी बैंकों को दशकों लगे थे। हालांकि, यह इसलिए भी संभव हो रहा है कि अब गांव-गांव तक मोबाइल व इंटरनेट सेवा पहुंच चुकी है।

भारत को 5 ट्रिलियन डॉलर की इकोनमी बनने का लक्ष्य 

एचडीएफसी बैंक में सरकारी व संस्थागत कारोबारी की समूह प्रमुख स्मिता भगत का कहना है कि हमारी महत्वाकांक्षा सिर्फ ग्रामीण भारत को अत्याधुनिक व सभी तरह की बैंकिंग सेवाओं से जोड़ने की ही नहीं है, बल्कि इसके जरिये भारत को पांच ट्रिलियन डॉलर की इकोनमी बनने के लक्ष्य को हासिल करने में भी मदद करेंगे। इसके लिए 'एचडीएफसी बैंक स्मार्ट साथी' नाम से एक डिजिटल डिस्ट्रीब्यूशन प्लेटफार्म की सुविधा दी जाएगी।

इस प्लेटफार्म के जरिये बैंकिंग प्रतिनिधि या दूसरे लाइसेंसधारक एजेंट बैंक के करीब उत्पादों को आसानी से दूरदराज में रहने वाले नागरिक को दे सकेंगे। उदाहरण के लिए- नई सेवा से किसान सामान्य बैंक खाता खोलने से लेकर कृषि या कृषि उपकरण के लिए लोन लेने या घर में किसी तरह के सामान खरीदने के लिए कर्ज भी ले सकेगा।

हर व्यक्ति को आसानी से वैधानिक तरीके से मिले कर्ज

भगत के अनुसार, एचडीएफसी बैंक की इस सेवा का बड़ा लक्ष्य ग्रामीण क्षेत्रों से असंगठित तौर पर कर्ज देने वालों को हटाना भी है। ग्रामीण क्षेत्र में अभी भी बड़ी संख्या में लोगों को संगठित क्षेत्र से यानी लाइसेंस प्राप्त वाणिज्यिक बैंकों से कर्ज नहीं मिल पाता। इस वजह से उनको सूदखोरों पर निर्भर रहना पड़ता है जो काफी ज्यादा ब्याज वसूलते हैं।

एचडीएफसी बैंक की कोशिश होगी कि जिन दो लाख गांवों तक उसकी पहुंच हो, वहां हर व्यक्ति को आसानी से वैधानिक तरीके से कर्ज मिले। बैंक ग्रामीण क्षेत्रों के सूक्ष्म व छोटे उद्यमियों को बैंकिंग सेवा से जोड़ने पर खास तौर पर ध्यान देगा। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों की स्थिति पहले से ज्यादा बेहतर है और संस्थागत बैंकिंग सेवा वहां बहुत बड़ा बदलाव ला सकती है।