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HDFC Bank ने बदले FD के ब्याज दर, चेक करें अब आपको कितना मिलेगा फायदा

अपनी इनकम को बढ़ाने के लिए हम कई स्कीम में निवेश करते हैं। वर्तमान में बाजार में कई तरह की स्कीम मौजूद है। कई लोग बैंक एफडी में निवेश करना काफी पसंद करते हैं। दरअसल एफडी काफी सुरक्षित निवेश ऑप्शन में से एक है। एफडी पर मिलने वाली ब्याज दरों को समय-समय पर बदला जाता है। एचडीएफसी बैंक ने एफडी की ब्याज दरों को रिवाइज किया है।

By Priyanka KumariEdited By: Priyanka KumariUpdated: Tue, 28 Nov 2023 09:56 AM (IST)
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HDFC Bank ने बदले FD के ब्याज दर
 बिजनेस डेस्क, नई दिल्ली। देश के सबसे बड़े बैंक एचडीएफसी बैंक (HDFC Bank) ने हाल ही में एफडी की ब्याज दरों में बदलाव किया है। एचडीएफसी बैंक के अधिकारिक वेबसाइट के अनुसार यह सभी दरें 27 नवंबर 2023 से लागू हो गई हैं। बैंक ने यह भी बताया कि जो नॉन-विड्रॉ एफडी में उसमें प्री-मैच्योर विड्रॉ की सुविधा नहीं दी जाती है।

इन एफडी में निवेशकों को कम से कम 1 साल तक निवेश करना अनिवार्य है। इसी के साथ निवेशक नॉन-रेसिडेंट कैटेगरी में भी निवेश कर सकते हैं। बैंक द्वारा फिर से एफडी के ब्याज दरों में बदलाव किया गया। इस बदलाव के बाद अब एफडी की लेटेस्ट दर 1 से 2 साल वाले एफडी पर अधिकतम 7.45 फीसदी है और 2 से 10 साल वाले एफडी पर 7.2 प्रतिशत है।

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एचडीएफसी बैंक के लेटेस्ट एफडी दरें

अब 7 दिन से 10 साल वाले एफडी पर ग्राहकों को 3 फीसदी से 7.20 फीसदी तक का ब्याज मिलेगा। वहीं, इस एफडी में सीनियर सिटीजन में को 3.5 फीसदी से 7.75 फीसदी तक का इंटरेस्ट मिलेगा। यह दरें 1 अक्टूबर 2023 से लागू हो गई है। इसी तरह 2 करोड़ तक वाले नॉन-विड्रॉ एफडी के ब्याज दरों को भी रिवाइज किया गया है। एचडीएफसी बैंक के लेटेस्ट रेट के अनुसार 1 साल 15 दिन , 15 महीने से 18 महीने, 18 महीने से 21 महीने और 21 महीने से 2 साल वाले एफडी पर 7.45 फीसदी की ब्याज दर मिलेगा।

वहीं, 2 साल 1 दिन से 3 साल, 3 साल 1 दिन से 5 साल और 5 साल 1 दिन से 10 वाले एफडी पर निवेशकों को 7.2 फीसदी का ब्याज दर दिया जाएगा।

नॉन-विड्रॉ एफडी क्या है

नॉन-विड्रॉ एफडी एक तरह का टर्म एफडी है। इस एफडी में निवेशक मैच्योरिटी से पहले निकासी नहीं कर सकते हैं। हां, कुछ इमरजेंसी स्थिति में फंड में जमा राशि का इस्तेमाल सेटेलमेंट के लिए किया जा सकता है। प्री-मैच्योर की स्थिति में बैंक मूल राशि पर किसी भी तरह का ब्याज का भुगतान नहीं करना होता है।

निवेशक की मृत्यु के बाद नॉमिनी को एफडी में जमा राशि  जाती है। 

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