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आसमान छू रहे आलू, टमाटर और प्याज के भाव; जानिए कब तक मिलेगी राहत

देश के तकरीबन सभी हिस्सों में सब्जियों के भाव आसमान छू रहे हैं। हालांकि सरकार दावा कर रही है कि घरेलू जरूरतों को पूरा करने के लिए प्याज और आलू का पर्याप्त स्टॉक है। साथ ही कुछ दिनों में कर्नाटक से टमाटर मार्केट में आने लगेंगे जिससे कीमतों में नरमी आएगी। दिल्ली में फिलहाल आलू टमाटर और प्याज तीनों की ही कीमतें 40-50 रुपये के इर्द-गिर्द घूम रही हैं।

By Jagran News Edited By: Suneel Kumar Updated: Mon, 08 Jul 2024 06:01 PM (IST)
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करेला, हरी मिर्च और लौकी जैसी कई अन्य सब्जियों के दाम बढ़े हैं।

बिजनेस डेस्क, नई दिल्ली। देशभर में आलू, टमाटर और प्याज जैसी सब्जियों के दाम आसमान छू रहे हैं। अंडे और पोल्ट्री मीट के भाव भी अचानक बढ़ने से लोग परेशान हैं। पिछले एक महीने में आलू, प्याज और टमाटर की खुदरा कीमतों में क्रमश: 25 फीसदी, 53 फीसदी और 70 फीसदी का इजाफा हुआ है।

हालांकि, सरकार दावा कर रही है कि घरेलू जरूरतों को पूरा करने के लिए प्याज और आलू का पर्याप्त स्टॉक है। साथ ही, कुछ दिनों में कर्नाटक से टमाटर मार्केट में आने लगेंगे, जिससे कीमतों में नरमी आएगी। दिल्ली में फिलहाल आलू, टमाटर और प्याज तीनों की ही कीमतें 40 से 50 रुपये के इर्द-गिर्द घूम रही हैं।

देश के बाकी हिस्सों में भी हालात कुछ ज्यादा अलग नहीं हैं। अगर कोलकाता की बात करें, तो समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, वहां टमाटर का भाव 80 से 100 रुपये किलो तक पहुंच चुका है। बैंगन की दाम एक ही महीने में 150 फीसदी तक उछल चुका है। अभी बैंगन 110-140 रुपये किलो तक बिक रहा है।

करेला, हरी मिर्च और लौकी जैसी कई अन्य सब्जियों की कीमतों में भी औसतन 50 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। कोलकाता के स्थानीय बाजारों में अंडे और पोल्ट्री मीट के दाम 20-30 फीसदी तक बढ़े हैं।

मौसम-ट्रांसपोर्टेशन से बढ़ी दिक्कत

पश्चिम बंगाल विक्रेता संघ के एक सूत्र ने पीटीआई को बताया, "अब बंगाल में टमाटर दूसरे राज्यों से आ रहे हैं। गर्मी और भारी बारिश का उत्पादन और ट्रांसपोर्टेशन दोनों पर असर पड़ा है। इसके चलते बेंगलुरु और हिमाचल प्रदेश से टमाटर की आपूर्ति कम हो गई है।"

कोलकाता की एक गृहिणी मानशी सान्याल ने कहा, "पिछले तीन हफ्तों में सब्जियों, अंडों और पोल्ट्री की कीमतें काफी बढ़ी हैं। टमाटर का भाव दोगुना हो गया और प्याज का दाम भी बढ़ रहा है। ये सभी रसोई के जरूरी हिस्से हैं और इनकी महंगाई हमें बहुत परेशान कर रही है।"

खाने की थाली भी महंगी हुई

क्रिसिल के फूड प्लेट कॉस्ट ट्रैकर के अनुसार, घर में बनने वाले शाकाहारी भोजन की कीमत में साल-दर-साल 10 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जो छह महीने के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है। वहीं, मांसाहारी भोजन का दाम सात महीने के उच्चतम स्तर पर है। आरबीआई ने भी खाद्य पदार्थों की लगातार बढ़ती कीमतों पर चिंता जताई है। ब्याज दरों में बदलाव के समय आरबीआई मुद्रास्फीति पर खास ध्यान देता है।

हालांकि, दक्षिणी राज्यों से ताजा फसल जल्द ही बाजारों में आने वाली है। इससे कुछ ही दिनों में सब्जियों के दाम घट सकते हैं। उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय को उम्मीद है कि अच्छी बारिश से सब्जियों की बुआई बढ़ी है। इससे भी सब्जियों के दाम काबू में रखने में मदद मिलेगी।

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