Higher Pension: उच्च पेंशन में अधिक फायदा मिलेगा या पीएफ खाते के ब्याज पर? किसमें होगी अधिक कमाई
EPFO के हायर पेंशन की चर्चा के बीच एक नई उलझन सामने आ रही है कि कर्मचारी उच्च पेंशन स्कीम चुने या पीएफ खाते में रखे पैसों से ब्याज कमाए। कोई भी विकल्प चुनने से पहले जानिए अपने सवालों के जवाब...
By Gaurav KumarEdited By: Gaurav KumarUpdated: Fri, 19 May 2023 09:29 AM (IST)
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क: इन दिनों कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) की चर्चा प्राइवेट सेक्टर के कर्मचारियों के बीच खूब हो रही है, क्योंकि ईपीएफओ द्वारा संचालित कर्मचारी पेंशन योजना (EPS) के तहत उच्च पेंशन का विकल्प चुनने के लिए 26 जून तक का समय है।
हालांकि, टैक्सपेयर के पास ईपीएस के तहत उच्च पेंशन का विकल्प चुनने के लिए पर्याप्त समय है, लेकिन उन्हें पता होना चाहिए कि उच्च पेंशन विकल्प चुनने का अर्थ है कम ईपीएफ अंशदान, जिसके परिणामस्वरूप रिटायरमेंट पर पेंशन की निकासी पर कर्मचारी भविष्य निधि कोष (EPF) सिकुड़ सकता है।
क्या है कर्मचारियों के बीच उलझन?
ध्यान देने वाली बात यह है कि अगर आप हाईयर पेंशन स्कीम चुनते हैं तो उसके लिए जो रकम आप देंगे वो आपको पीएफ खाते से ही कटेगी, वहीं दूसरी ओर अब सरकार पीएफ में जमा पैसे पर 8.15 प्रतिशत का अच्छा ब्याज दर देने लगी है। अब ऐसे में कर्मचारियों के बीच यह उलझन है कि उच्च पेंशन स्कीम का विकल्प चुने या पीएफ का पैसा पीएफ अकाउंट में ही रख कर ब्याज कमाए।किस विकल्प को चुनें?
हायर पेंशन स्कीम सिर्फ उन लोगों के लिए पात्र है जो ईपीएफ के सदस्य होने के अनुसार मानदंडों को पूरा करते हैं। यदि टैक्सपेयर अपने रिटायरमेंट के बाद उच्च मासिक पेंशन इनकम का सोच रहे हैं तो ईपीएस के तहत आने वाली हायर पेंशन स्कीम को चुन सकते हैं।यहां आपको यह बता दें कि हर महीने मिली इस पेंशन पर आपको टैक्स भी देना होगा। इस विकल्प का चयन तभी करें, जब रिटायरमेंट के बाद आपको एक साथ पैसों की जगह हर महीने पैसों की जरूरत हो। आपको यह पेंशन तब तक मिलेगी, जब तक आप जीवित रहते हैं उसके बाद इस पेंशन का कुछ हिस्सा पति/पत्नी और बच्चों को भी पात्रता के अनुसार प्राप्त होता रहेगा।
वहीं ईपीएफ का चुनाव तब करें जब आपको अपने पीएफ खाते में पड़े पैसों का उपयोग किसी बड़ी चीज के लिए करना हो, क्योंकि रिटायरमेंट के बाद आपको पीएफ का पैसा एक साथ मिल जाता है। यहां ध्यान देने वाली बात यह है कि ईपीएस के जैसे आपको ईपीएफ में कोई भी टैक्स नहीं देना है।इस विकल्प का चयन तब करें, जब आपको रिटायमेंट में बड़ा निवेश करने का इरादा हो, जैसे कि घर खरीदना, या कोई बिजनेस शुरू करना इत्यादि। अगर आपके मन में ऐसे विचार हैं तो आपको पीएफ खाते में पड़े पैसों पर सरकार द्वारा दी जा रही ब्याज से पैसा कमाना चाहिए।