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देसी इंडिया पर छाने लगा ब्रांडेड कपड़ों और ब्यूटी प्रोडक्ट्स का जादू, गांवों ने शहरों को छोड़ा पीछे

Fast Moving Consumer Goods Demand Data February 2023 भारत के ग्रामीण इलाकों में पर्सनल केयर ब्रांडेड सामानों और होम केयर का बाजार तेजी से बढ़ रहा है। एक आंकड़े के मुताबिक इस कैटेगरी की डिमांड शहरों की तुलना में ग्रामीण इलाकों में ज्यादा रही। (फाइल फोटो)

By Sonali SinghEdited By: Sonali SinghUpdated: Fri, 17 Mar 2023 07:12 PM (IST)
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Fast Moving Consumer Goods Demand In India, See Details
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। भारत के गांव और कस्बों तक ब्रांडेड कमोडिटीज और पर्सनल केयर की चमक पहुंचने लगी है। होम केयर, पैकेज्ड फूड, ब्रांडेड कमोडिटीज और पर्सनल केयर यानी फास्ट-मूविंग कंज्यूमर गुड्स (FMCG) कैटेगरी में इस साल फरवरी में ग्रामीण बिक्री ने शहरी विकास को पीछे छोड़ दिया है।

बिजोम के आंकड़ों के मुताबिक, बीते महीने ग्रामीण बिक्री में दो अंकों की बढ़त देखने को मिली है। फरवरी में छह में से पांच श्रेणियों में ग्रामीण बिक्री को शहरी बिक्री से बेहतर देखा गया।

कैसे रहें आंकड़े

7.5 मिलियन किराना स्टोरों के आधार पर यह आंकड़ा तैयार किया गया है। इसके मुताबिक, अगस्त 2022 के बाद पहली बार ग्रामीण भारत में इतनी बढ़त देखने को मिली है। फरवरी 2023 में सालाना आधार पर शहरी बिक्री 5.5 फीसद बढ़ी है, जबकि ग्रामीण बिक्री में 12.4 फीसद का विस्तार हुआ है।

किस सेगमेंट में हुआ कितना विस्तार

फरवरी में होम केयर शहरी क्षेत्र में 19.5 फीसद का विस्तार हुआ है, जबकि ग्रामीण क्षेत्र में 27.4 फीसद की बढ़त देखने को मिली है। डिब्बाबंद खाद्य पदार्थों की वृद्धि शहरी क्षेत्रों में 2.2% रही। वहीं, ग्रामीण इलाकों में यह 16.4% थी। ब्रांडेड वस्तुओं की चमक भी काफी रही। ग्रामीण भारत में 13.3% रही, जबकि शहरी क्षेत्रों में 4% की कमी हुई। पर्सनल केयर के क्षेत्र में शहरी लोगों की मांग 9.1 फीसद रही। वहीं, ग्रामीण इलाके में इसके लिए ज्यादा मंग देखी गई और बढ़त 11.3 फीसद तक रही। 

इन चीजों में कम रही डिमांड

चॉकलेट और कन्फेक्शनरी सेगमेंट ही एक ऐसा सेगमेंट है, जिसमें ग्रामीण भारत में उतनी मांग नहीं देखी गई। शहरी भारत में यह 19.5% की तेज गति से बढ़ी, लेकिन ग्रामीण भारत में यह 0.1 फीसद के नकारात्मक अंक के साथ रहा।

डाबर इंडिया के सीओओ आदर्श शर्मा का कहना है कि ग्रामीण भारत पिछले कुछ साल से विकास का एक प्रमुख चालक रहा है,  चालू वित्त वर्ष के शुरुआती हिस्से में ग्रामीण मांग को शहरी क्षेत्रों में पिछड़ते हुए देखा गया है।