Home Loan EMI: 8 से 9 प्रतिशत बढ़ सकती है होम लोन की ईएमआई, रियल स्टेट सेक्टर पर क्या होगा असर
Home Loan EMI आरबीआई (Reserve Bank of India) द्वारा बेसिक लेंडिंग रेट में बढ़ोतरी के साथ रियल एस्टेट बाजार में बड़ा बदलाव आ सकता है। इसकी वजह से होम लोन की दरें बदल जाएंगी। जानिए अब आपको कितना ब्याज देना पड़ेगा।
By Siddharth PriyadarshiEdited By: Updated: Fri, 30 Sep 2022 07:06 PM (IST)
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। Home Loan EMI: आरबीआइ द्वारा आज रेपो दर में 50 आधार अंकों की वृद्धि के बाद होम लोन ब्याज दर में कम से कम 20-30 आधार अंकों की बढ़ोतरी हो सकती है। मुद्रास्फीति की दर ऊंचाई पर बनी हुई है। ऐसे में भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआइ) के पास ब्याज दरें बढ़ाने के अलावा कोई चारा नहीं था। हालांकि आरबीआइ के इस फैसले के बाद देश में लोन लेने वालों की ईएमआई में बढ़ोतरी देखने को मिल सकती है।
अगर आज की गई बढ़ोतरी को शामिल कर लें तो आरबीआइ ने पिछले पांच महीनों में चार बार ब्याज दरों में इजाफा किया है। आमतौर पर बढ़ती ब्याज दरों का सबसे अधिक प्रभाव होम लोन की ईएमआई (Home Loan EMI) पर पड़ता है। घर की चाहत आखिर सबको होती है। होम लोन लेने वालों की संख्या भी अच्छी खासी है। लेकिन आरबीआइ की ताजा बढ़ोतरी होम बायर्स पर भारी पड़ सकती है। बैंकों का कहना है कि मई के बाद रेपो रेट में तीन बार की वृद्धि का पूरा बोझ ग्राहकों को पर नहीं डाला गया है। इस दौरान बैंकों ने 20 वर्ष की परिपक्वता अवधि के होम लोन की दरों में केवल एक फीसद से 1.25 फीसद की वृद्धि की है।
बढ़ेगा होम लोन का बोझ
अब ताजा एलान के बाद होम लोन की ब्याज दरें फिर से बढ़ सकती हैं। उद्योग विशेषज्ञ और रियल्टी मार्केट के जानकारों को डर है कि इससे उद्योगों की अल्पकालिक अवधि के लिए बढ़ा सकते हैं। आरबीआइ द्वारा आज की 50 आधार अंकों की रेपो दर में वृद्धि के बाद, गृह ऋण ब्याज कम से कम 20-30 आधार अंकों तक बढ़ सकता है। यह होम लोन की ब्याज दरों में 80 आधार अंकों की औसत बढ़ोतरी से अधिक होगा, जिसका सामना होमबॉयर्स ने मई के बाद से किया है। इस तरह से देखें तो होम लोन में कुल बढ़ोतरी को 100-110 आधार अंक तक ले जाना। नतीजतन, घर खरीदारों की ईएमआई में 8-9 प्रतिशत की वृद्धि हो सकती है।रियल स्टेट सेक्टर में क्या होंगे बदलाव
रेपो दर में आज की बढ़ोतरी के साथ संशोधित होम लोन ईएमआई में 6 महीने पहले की तुलना में औसतन 8-9 प्रतिशत की वृद्धि होगी। होम लोन की ईएमआई में लगातार बढ़ने से घरों की मांग घट सकती है। जानकारों का मानना है कि विशेष रूप से वर्तमान त्योहारी सीजन के बाद इसका असर दिखाई देगा।होम लोन की दरों में वृद्धि से लोगों की अफोर्डेबिलिटी भी प्रभावित होगी। इसकी चलते अफोर्डेबिलिटी इंडेक्स में गिरावट आएगी। ज्यादातर लोग छोटी से मध्यम अवधि के लिए घर खरीदने के निर्णय को टाल सकते हैं। होम लोन की दरों में बढ़ोतरी निर्माण की बढ़ती लागत के अलावा होगी।डेवलपर्स को त्योहारी महीने के दौरान बिक्री को बढ़ावा देने के लिए ऑफर और छूट देने जैसे कदम उठाने होंगे। जानकार कहते हैं कि त्योहारी हफ्तों के दौरान घर की बिक्री में उल्लेखनीय वृद्धि होती है। मुमकिन है कि घर खरीदारों पर बोझ कम करने के लिए बैंक होम लोन की दरों में बढती को कुछ समय के लिए टाल दें।
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