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Home Loan: दो वर्षों में होम लोन का बकाया 10 लाख करोड़ बढ़ा, क्या कोरोना है वजह? जानिए एक्सपर्ट की राय

पिछले दो वित्त वर्ष में होम लोन का बकाया लगभग 10 लाख करोड़ रुपये बढ़ा है। यह इस साल मार्च में रिकॉर्ड 27.23 लाख करोड़ रुपये पहुंच गया। बैंकिंग और रियल एस्टेट क्षेत्रों के विशेषज्ञों ने बताया कि कोविड के बाद आवासीय संपत्ति बाजार में दबी मांग सामने आने के चलते आवास ऋण बकाया में वृद्धि हुई क्योंकि महामारी ने घर के महत्व पर एक बार फिर से जोर दिया।

By Agency Edited By: Suneel Kumar Updated: Sun, 05 May 2024 07:19 PM (IST)
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मार्च 2023 में होम लोन का बकाया 19,88,521 करोड़ रुपये था।
पीटीआई, नई दिल्ली। पिछले दो वित्त वर्ष में होम लोन का बकाया लगभग 10 लाख करोड़ रुपये बढ़कर इस साल मार्च में रिकार्ड 27.23 लाख करोड़ रुपये पहुंच गया। बैंकिंग और रियल एस्टेट क्षेत्रों के विशेषज्ञों ने बताया कि कोविड महामारी के बाद आवासीय संपत्ति बाजार में दबी मांग सामने आने के चलते आवास ऋण बकाया में वृद्धि हुई।

आरबीआई के 'बैंक ऋण के क्षेत्रवार वितरण' आंकड़ों के मुताबिक, मार्च 2023 में होम लोन का बकाया 19,88,521 करोड़ रुपये और मार्च, 2022 में 17,26,697 करोड़ रुपये था। मार्च, 2024 में वाणिज्यिक अचल संपत्ति का बकाया कर्ज 4,48,145 करोड़ रुपये था। मार्च 2022 में यह 2,97,231 करोड़ रुपये था। आंकड़ों से यह भी पता चला कि वाणिज्यिक अचल संपत्ति के लिए बकाया ऋण मार्च 2024 में 4,48,145 करोड़ रुपये था। यह मार्च, 2022 में 2,97,231 करोड़ रुपये था।

घरों की बिक्री और दाम बढ़े

विभिन्न संपत्ति सलाहकारों की रिपोर्ट के अनुसार पिछले दो वित्त वर्षों में घरों की बिक्री और कीमतों में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। भारतीय रियल एस्टेट क्षेत्र सीमेंट और स्टील सहित 200 से अधिक उद्योगों का समर्थन करता है और कम बिक्री और स्थिर कीमतों के कारण पिछले एक दशक से अधिक समय तक सुस्त रहने के बाद 2022 से इसमें मजबूत मांगी देखी जा रही है।

इस क्षेत्र को नए रियल्टी कानून रेरा, जीएसटी और नोटबंदी के कारण पैदा हुए व्यवधानों के अलावा क्षेत्र में विश्वास की कमी का सामना करना पड़ा, क्योंकि कई डेवलपर्स ने ग्राहकों से पैसे लेने के बाद उन्हें घर नहीं दिए। हालांकि, इस क्षेत्र ने कोरोना के बाद वापसी की, क्योंकि महामारी ने घर के स्वामित्व के महत्व पर एक बार फिर से जोर दिया।

क्या है एक्सपर्ट की राय

बैंक ऑफ बड़ौदा के मुख्य अर्थशास्त्री मदन सबनवीस का कहना है कि आवास ऋण में उच्च वृद्धि आवासीय क्षेत्र के सभी खंडों में तेजी के चलते है। विशेष रूप से किफायती आवास खंड में सरकार के प्रयासों के कारण तेजी देखी गई है। आवास ऋण की वृद्धि मजबूत बनी रहेगी, लेकिन उच्च आधार के कारण यह घटकर 15-20 प्रतिशत रह सकती है।

रियल एस्टेट विश्लेषण कंपनी प्रॉपइक्विटी के एमडी और सीईओ समीर जसूजा ने कहा, 'बकाया आवास ऋणों में वृद्धि मुख्य रूप से पिछले दो वित्त वर्षों में पेश की गईं और बेची गई संपत्तियों की मात्रा में उल्लेखनीय वृद्धि के कारण है। वित्त वर्ष 2020-21 से पहली श्रेणी के शहरों में 50-100 प्रतिशत के बीच मूल्य वृद्धि देखी गई है। इसके चलते प्रति संपत्ति औसत ऋण आकार में वृद्धि हुई। आवास ऋण खंड में तेजी बनी रहेगी, क्योंकि आवासीय रियल एस्टेट की मांग मजबूत है।'

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