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अप्रैल-जून में टॉप सात शहरों में 5 फीसदी बढ़ी घरों की बिक्री, पिछली तिमाही की तुलना में आई गिरावट

अप्रैल-जून की अवधि के दौरान सात प्रमुख शहरों में घरों की बिक्री सालाना आधार पर 5 प्रतिशत बढ़कर लगभग 1.2 लाख इकाई हो गई। वहीं कीमतों में उछाल के कारण मांग में पिछली तिमाही से 8 प्रतिशत की गिरावट आई। रियल एस्टेट कंसल्टेंट एनारॉक ने गुरुवार को चालू अप्रैल-जून तिमाही के लिए आवास बाजार के आंकड़े जारी किए। आइये इसक बारे में जानते हैं।

By Agency Edited By: Ankita Pandey Updated: Thu, 27 Jun 2024 04:11 PM (IST)
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5 फीसदी बढ़ी घरों की बिक्री, इन सात शहरों में हुई बढ़ोतरी

पीटीआई, नई दिल्ली। रियल एस्टेट कंसल्टेंट एनारॉक की एक रिपोर्ट के अनुसार अप्रैल-जून 2024 तिमाही में भारत के आवास बाजार में मिले-जुले नतीजे देखने को मिले। पिछले साल की समान अवधि की तुलना में बिक्री में 5% की वार्षिक वृद्धि हुई, जबकि पिछली तिमाही (जनवरी-मार्च 2024) की तुलना में मांग में 8% की गिरावट आई।

साल-दर-साल आधार पर पांच प्रमुख शहरों - दिल्ली-एनसीआर, मुंबई महानगर क्षेत्र (MMR), बेंगलुरु, पुणे और हैदराबाद में आवास बिक्री में वृद्धि देखी गई। यह महामारी के बाद घर के स्वामित्व की निरंतर मांग को दर्शाता है।

आकर्षक निवेश विकल्प है आवासीय संपत्ति

DLF होम्स के आकाश ओहरी जैसे उद्योग विशेषज्ञ इसका श्रेय लोगों की घर के स्वामित्व की धारणा में आए बदलाव को देते हैं, जिसमें इसका मूल्य अधिक प्रमुख होता जा रहा है। आवासीय संपत्तियों को न केवल एक सुरक्षित आश्रय के रूप में देखा जाता है, बल्कि एक आकर्षक निवेश विकल्प के रूप में भी देखा जाता है, खासकर लक्जरी घरों को।

तिमाही गिरावट 

हालांकि, पिछली तिमाही (जनवरी-मार्च 2024) की रिकॉर्ड तोड़ बिक्री की तुलना में, दिल्ली-एनसीआर को छोड़कर सभी शहरों में मांग में गिरावट देखी गई। इसके दो मुख्य कारण हो सकते हैं। एनारॉक के चेयरमैन अनुज पुरी बताते हैं कि पिछली तिमाही में असाधारण रूप से उच्च बिक्री देखी गई, जिससे इसे पार करना चुनौतीपूर्ण बेंचमार्क बन गया।

इसके अलावा पिछले एक साल में संपत्ति की कीमतों में उल्लेखनीय वृद्धि ने कुछ संभावित खरीदारों, विशेष रूप से निवेशकों को खरीदारी रोकने के लिए मजबूर किया है।

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दिल्ली-एनसीआर में 6% की वृद्धि

तिमाही गिरावट की प्रवृत्ति को रोकने वाला एकमात्र शहर, दिल्ली-एनसीआर में पिछली तिमाही की तुलना में बिक्री में 6% की वृद्धि देखी गई। इस वृद्धि को गुड़गांव और नोएडा जैसे शहरों में मजबूत आर्थिक गतिविधि से जोड़ा जा सकता है।

वहीं मुंबई में बिक्री में 9% वार्षिक वृद्धि देखी गई, लेकिन पिछली तिमाही की तुलना में 3% की गिरावट देखी गई।

इसके साथ ही बेगलुरू शहर में 8% वार्षिक वृद्धि देखी गई, लेकिन परियोजना लॉन्च में चुनाव संबंधी देरी के कारण जनवरी-मार्च की तुलना में बिक्री में 8% की गिरावट आई। हालांकि, व्हाइट लोटस ग्रुप के पवन कुमार जैसे विशेषज्ञों का मानना ​​है कि मजबूत नौकरी वृद्धि और वाणिज्यिक विस्तार के कारण बाजार में उछाल आएगा।

पुणे में वार्षिक बिक्री में 2% की वृद्धि हुई, शहर में पिछली तिमाही की तुलना में 8% की गिरावट देखी गई। हैदराबाद की बात करें तो वार्षिक बिक्री में 11% की वृद्धि हुई, लेकिन तिमाही-दर-तिमाही गिरावट 23% की तेज थी।

चेन्नई और कोलकाता में तिमाही बिक्री में गिरावट

चेन्नई और कोलकाता दोनों शहरों में वार्षिक और तिमाही बिक्री में गिरावट देखी गई, ये बदलाव बाजार में मूल्य सुधार के कारण हो सकता है।

अस्थायी गिरावट के बावजूद, भारतीय आवास बाजार दीर्घकालिक विकास के आशाजनक संकेत दिखाता है। प्रमुख शहरों में मजबूत नौकरी बाजार, बेहतर बुनियादी ढांचे और स्थिर शासन जैसे कारकों से आवासीय संपत्तियों की मांग को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।

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