बिजनेस डेस्क, नई दिल्ली। Netflix & Chill अकसर आपने यह सुना होगा। अब मूवी हॉल में जाकर फिल्म देखने से अच्छा ओटीटी प्लेटफॉर्म (
OTT Platform) पर फिल्म देखना लोगों को पसंद आती है। कई लोग इस वजह से भी मूवी थिएटर नहीं जाते हैं क्योंकि कुछ दिन के बाद वह ओटीटी प्लेटफॉर्म पर मूवी आ जाएगी।
मूवी के साथ अब वेब सीरीज का भी क्रेज बढ़ गया है। लोग कई सीरीज के रिलीज होने या नई सीजन का इंतजार करते हैं। उदाहरण के तौर पर कई पंचायत-3 (
Panchayat-3) के रिलीज होने का इंतजार कर रहे हैं। तो वहीं कई जानना चाहते हैं कि आखिर मिर्जापुर-3 (Mirzapur-3) कब आएगी।
ओटीटी ने अपनी पहुंच शहरों के साथ गांव तक बना ली है। लोगों को ओटीटी प्लेटफॉर्म इसलिए भी पसंद आ रहा क्योंकि यहां पर कभी भी वह अपने पसंद की फिल्म या वेब सीरीज देख सकते हैं। यह सुविधा टीवी या बाकी एंटरटेनमेंट प्लेटफॉर्म पर नहीं मिलती है।
ओटीटी प्लेटफॉर्म क्या है (What is OTT Platform?)
ओटीटी का पूरा नाम‘ओवर द टॉप’है। यह एक तरह का एंटरटेनमेंट प्लेटफॉर्म है। इसमें इंटरनेट के माध्यम से आप ऐप पर वेब सीरीज, फिल्म या सीरियल देख सकते हैं। ओटीटी पर यूजर्स को हर तरह का कंटेंट मिल जाता है।
ओटीटी प्लेटफॉर्म का आनंद लेने के लिए यूजर्स को उसे सब्सक्राइब करना होता है। कई ओटीटी प्लेटफॉर्म पर फ्री में भी कंटेंट देख सकते हैं, लेकिन कई प्लेटफॉर्म पर यूजर्स को सब्सक्रिप्शन फीस देनी होती है। ऐसे में कई बार मन में सवाल आता है कि आखिर ओटीटी प्लेटफॉर्म की कमाई कैसे होती है? फ्री में कंटेंट दिखा कर के भी ओटीटी प्लेटफॉर्म को कैसे फायदा होता है?
कैसे कमाई करता है ओटीटी (How do OTT Platforms make money? )
ओटीटी प्लेटफॉर्म यूजर्स से सब्सक्रिप्शन फीस लेता है। कंपनी द्वारा कमाई का यह पहला सोर्स है। वहीं प्लेटफॉर्म पर दिखने वाले विज्ञापन से भी कंपनी कमाई करती है। ओटीटी पर कौन-सा विज्ञापन कितनी देर के लिए और कब शो होगा यह ओटीटी कंपनी द्वारा तय किया जाता है।विज्ञापन कंपनी ओटीटी कंपनी के साथ डील करती है। इस डील के बाद ओटीटी कंपनी अपने यूजर्स तक इन विज्ञापनों को पहुंचाता है। अगर कोई यूजर इन विज्ञापन पर क्लिक कर देता है तो कंपनी का रेवेन्यू यहां से जनरेट होता है। कई प्लेटफॉर्म पर यूजर्स विज्ञापन को स्किप भी नहीं कर सकते हैं। जितनी देर तक स्क्रीन पर विज्ञापन चलेगा उतना कंपनी कमाती है।
विज्ञापन और सब्सक्रिप्शन फीस के अलावा कंपनी एफिलिएट मार्केटिंग और स्पॉन्सरशिप के जरिये भी कमाई करता है। इसी तरह ओटीटी पर कंटेंट शो हो उसके लिए भी कंपनी पैसे लेती है। इसे ऐसे समझिए कि अगर कोई सीरीज ओटीटी प्लेटफॉर्म पर रिलीज होती है तो वेब सीरीज कंपनी उसके लिए ओटीटी कंपनी को पैसे देती है।
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ओटीटी का बिजनेस मॉडल (OTT Business Model)
ट्रांजेक्शनल वीडियो ऑन डिमांड (TVOD): इसमें सबस्क्रिब्शन के बाद भी यूजर को कोई मूवी या वेब सीरीज के लिए रेंट देना होता है। इसमें वो कंटेंट शामिल होता है जिसका लोगों के बीच क्रेज काफी होता है।
सबस्क्रिब्शन वीडियो ऑन डिमांड (SVOD): इसमें यूजरअपने फेवरेट कंटेंट के लिए केवल एक हफ्ते या फिर 1 महीने के लिए सबस्क्रिब्शन लेता है। इसमें तरह के सबस्क्रिब्शन से जो पैसा आता है वो सीधा ओटीटी कंपनी को मिलता है। वर्तमान में SVOD में नेटफ्लिक्स, अमेजॉन प्राइम और डिज्नी प्लस आदि प्लेटफॉर्म आते हैं।
एडवर्टीजमेंट वीडियो ऑन डिमांड (AVOD): इसमें वो प्लेटफॉर्म आते हैं जिसमें यूजर फ्री में कंटेंट देख सकता है। इसमें यूजर को कोई सबस्क्रिब्शन चार्ज नहीं देना होता है। लेकिन इन ओटीटी पर यूजर विज्ञापन को स्किप नहीं कर सकता है। यानी यूजर्स को यह एड न चाहते हुए भी देखना होता है। इसमें ओटीटी कंपनी विज्ञापन के जरिये कमाती है। ओटीटी कंपनी को सबसे ज्यादा कमाई यहीं से होती है।
मल्टी स्क्रीन मॉडल: आज के समय में कई यूजर वो सबस्क्रिब्शन प्लान लेना पसंद करते हैं जहां वो फोन के साथ स्मार्ट टीवी या लैपटॉप पर भी कंटेंट देख पाएं। इसके लिए ओटीटी कंपनी अलग अमाउंट निर्धारित करती है। इस तरीके से भी ओटीटी कंपनी अपना रेवेन्यू जनरेट करती है।
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