Credit Card का बिल बन गया है गले की फांस? इन तरीकों से फटाफट चुकाएं देनदारी और सुधारें CIBIL स्कोर
ट्रांसयूनियन सिबिल(CIBIL) की एक हालिया रिपोर्ट से पता चला है कि जून 2023 में क्रेडिट कार्ड पर डिफॉल्ट में बढ़ोतरी हुई है। वहीं पर्सनल लोन सेगमेंट में असुरक्षित ऋण भुगतान डिफॉल्टरों की संख्या 21 अप्रैल 2023 तक बढ़कर 32.9 प्रतिशत हो गई। अगर आप भी इस समस्या से जूझ रहे हैं तो नीचे दिए गए कुछ विकल्पों की मदद से आप अपने क्रेडिट अकाउंट को सही कर सकते हैं।
By Rammohan MishraEdited By: Rammohan MishraUpdated: Fri, 21 Jul 2023 04:00 PM (IST)
नई दिल्ली,बिजनेस डेस्क। ट्रांसयूनियन सिबिल(CIBIL) की एक हालिया रिपोर्ट से पता चला है कि जून 2023 में क्रेडिट कार्ड पर डिफॉल्ट में बढ़ोतरी हुई है। इसका मतलब है कि लोगों ने क्रेडिट कार्ड से पैसे तो खर्च कर दिए, लेकिन देय तिथि से पहले वो उनका भुगतान नहीं कर पाए। इस तरह से देरी का अर्थ है देय होने पर ऋण का भुगतान न करना।
वहीं, देश के पर्सनल लोन सेगमेंट में असुरक्षित ऋण भुगतान डिफॉल्टरों की संख्या 21 अप्रैल, 2023 तक बढ़कर 32.9 प्रतिशत हो गई है, जबकि एक साल पहले ये केवल 31.4 प्रतिशत थी। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की वित्तीय स्थिरता रिपोर्ट (FSR) के अनुसार, क्रेडिट कार्ड सेगमेंट में सार्वजनिक क्षेत्र के ऋणदाताओं की सकल गैर-निष्पादित संपत्ति (NPA) 18 प्रतिशत थी, जबकि निजी क्षेत्र के बैंकों ने 1.9 प्रतिशत की GNPA रिपोर्ट की है।
कारण क्या है?
जानकारों का कहना है कि क्रेडिट डिफॉल्ट में वृद्धि कई कारकों की वजह से होती है, जिसमें जीवनयापन की बढ़ती लागत, नौकरी छूटना और आर्थिक मंदी शामिल है। देश में डिजिटल कॉमर्स की बढ़ती लोकप्रियता और ऑनलाइन लेनदेन की तीव्र वृद्धि के साथ, कस्टमर्स को खरीदारी करने और वित्त प्राप्त करने में अभूतपूर्व आसानी हो रही है, जिसके चलते वो पैसे का ध्यान रखे बिना ही ज्यादा खर्च कर देते हैं। जब क्रेडिट कार्ड का बिल भरने का समय आता है, तो उनके पास पर्याप्त पैसे नहीं होते हैं और फिर वे डिफॉल्टर की श्रेणी में चले जाते हैं।
कैसे सही करें अकाउंट?
अगर आप भी इस समस्या से जूझ रहे हैं, तो नीचे दिए गए कुछ विकल्पों की मदद से आप अपने क्रेडिट अकाउंट को सही कर सकते हैं-बैलेंस ट्रांसफर: बैलेंस ट्रांसफर एक प्रकार की पुनर्वित्त सुविधा है, जो उधारकर्ता को कम ब्याज दर के साथ एक क्रेडिट कार्ड की बकाया सुविधा को दूसरे में स्थानांतरित करने में सक्षम बनाती है।
स्नोबॉल विधि: यह रणनीति कार्डधारकों को ऋण के बोझ से छुटकारा पाने में मदद करती है, यदि उनके पास कई क्रेडिट कार्ड ऋण हैं। यहां कार्डधारक बकाया राशि के आधार पर ऋण को प्राथमिकता दे सकते हैं।ईएमआई: कार्डधारक अपनी बकाया राशि को ईएमआई में बदलने का विकल्प भी चुन सकते हैं। अपनी पुनर्भुगतान क्षमता के आधार पर, वे या तो पूरे क्रेडिट कार्ड बिल को या एक विशिष्ट सीमा को पार करने वाले चुनिंदा कार्ड लेनदेन को ईएमआई में परिवर्तित कर सकते हैं।