Economy पर तगड़ी चोट कर रही गर्मी, क्या टूट जाएगा भारत का तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने का सपना?
IMF ने पिछले दिनों भारत की जीडीपी ग्रोथ का अनुमान बढ़ाते हुए कहा था कि भारत की घरेलू खपत काफी दमदार है और देश में कामकाजी आबादी भी बहुत अधिक है। इन दोनों फैक्टर से भारत को अपनी जीडीपी ग्रोथ बढ़ाने में मदद मिलेगी। लेकिन समस्या यह है कि गर्मी के प्रकोप से इन दोनों पर बुरा असर पड़ेगा। इससे भारत की जीडीपी को बड़ा झटका लगने की आशंका है।
बिजनेस डेस्क, नई दिल्ली। गर्मी हर साल अपने पुराने रिकॉर्ड तोड़ रही है। इससे स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याएं तो बढ़ ही रही हैं, साथ ही दुनियाभर की अर्थव्यवस्थाओं (Economy) पर भी बुरा असर पड़ रहा है। भारत भी इससे अछूता नहीं। भारत के लिए चिंता की बात यह भी है कि इसकी तरक्की की रफ्तार सबसे अधिक है। यह फिलहाल दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है और इसने तीसरी सबसे बड़ी इकोनॉमी बनने का लक्ष्य रखा है। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) का भी अनुमान है कि भारत 2027 तक टॉप 3 में शुमार हो सकता है।
लेकिन, अगर गर्मी का प्रकोप इसी तरह जारी रहा तो इससे भारत के आर्थिक सुपरपावर बनने के सपने को चोट लग सकती है। आइए जानते हैं कि भीषण गर्मी अर्थव्यवस्था को किस तरह से नुकसान पहुंचाती है।
ग्रामीण अर्थव्यवस्था पर पड़ेगा असर
IMF ने पिछले दिनों भारत की जीडीपी ग्रोथ का अनुमान बढ़ाते हुए कहा था कि भारत की घरेलू खपत काफी दमदार है और देश में कामकाजी आबादी भी बहुत अधिक है। इन दोनों फैक्टर से भारत को अपनी जीडीपी ग्रोथ बढ़ाने में मदद मिलेगी। लेकिन, समस्या यह है कि गर्मी के प्रकोप से इन दोनों पर बुरा असर पड़ेगा।
जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज में चीफ इन्वेस्टमेंट स्ट्रेटिजिस्ट वीके विजयकुमार का कहना है, 'इस बार की गर्मियों में हीटवेव की संख्या काफी अधिक है। यह ग्रामीण अर्थव्यवस्था को प्रभावित करेगी, खासकर खेती को। इसका मतलब कि किसानों और खेतिहर मजदूरों की कमाई कम होगी। ऐसे में खपत (Consumption) घटने की आशंका रहेगी।'