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Economy पर तगड़ी चोट कर रही गर्मी, क्या टूट जाएगा भारत का तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने का सपना?

IMF ने पिछले दिनों भारत की जीडीपी ग्रोथ का अनुमान बढ़ाते हुए कहा था कि भारत की घरेलू खपत काफी दमदार है और देश में कामकाजी आबादी भी बहुत अधिक है। इन दोनों फैक्टर से भारत को अपनी जीडीपी ग्रोथ बढ़ाने में मदद मिलेगी। लेकिन समस्या यह है कि गर्मी के प्रकोप से इन दोनों पर बुरा असर पड़ेगा। इससे भारत की जीडीपी को बड़ा झटका लगने की आशंका है।

By Suneel Kumar Edited By: Suneel Kumar Updated: Tue, 28 May 2024 07:24 PM (IST)
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अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) का अनुमान है कि भारत 2027 तक टॉप 3 अर्थव्यवस्था में शुमार हो सकता है।

बिजनेस डेस्क, नई दिल्ली। गर्मी हर साल अपने पुराने रिकॉर्ड तोड़ रही है। इससे स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याएं तो बढ़ ही रही हैं, साथ ही दुनियाभर की अर्थव्यवस्थाओं (Economy) पर भी बुरा असर पड़ रहा है। भारत भी इससे अछूता नहीं। भारत के लिए चिंता की बात यह भी है कि इसकी तरक्की की रफ्तार सबसे अधिक है। यह फिलहाल दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है और इसने तीसरी सबसे बड़ी इकोनॉमी बनने का लक्ष्य रखा है। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) का भी अनुमान है कि भारत 2027 तक टॉप 3 में शुमार हो सकता है।

लेकिन, अगर गर्मी का प्रकोप इसी तरह जारी रहा तो इससे भारत के आर्थिक सुपरपावर बनने के सपने को चोट लग सकती है। आइए जानते हैं कि भीषण गर्मी अर्थव्यवस्था को किस तरह से नुकसान पहुंचाती है।

ग्रामीण अर्थव्यवस्था पर पड़ेगा असर

IMF ने पिछले दिनों भारत की जीडीपी ग्रोथ का अनुमान बढ़ाते हुए कहा था कि भारत की घरेलू खपत काफी दमदार है और देश में कामकाजी आबादी भी बहुत अधिक है। इन दोनों फैक्टर से भारत को अपनी जीडीपी ग्रोथ बढ़ाने में मदद मिलेगी। लेकिन, समस्या यह है कि गर्मी के प्रकोप से इन दोनों पर बुरा असर पड़ेगा।

जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज में चीफ इन्वेस्टमेंट स्ट्रेटिजिस्ट वीके विजयकुमार का कहना है, 'इस बार की गर्मियों में हीटवेव की संख्या काफी अधिक है। यह ग्रामीण अर्थव्यवस्था को प्रभावित करेगी, खासकर खेती को। इसका मतलब कि किसानों और खेतिहर मजदूरों की कमाई कम होगी। ऐसे में खपत (Consumption) घटने की आशंका रहेगी।'

महंगाई बढ़ने का खतरा

गर्मी से कृषि उपज घटने और महंगाई बढ़ने का खतरा भी रहेगा। केरल पहली बार आधिकारिक तौर पर हीटवेव से जूझ रहा है। कृषि विभाग के मुताबिक, वहां 46,000 हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र में 250 करोड़ रुपये की फसल के नुकसान का अनुमान है। गर्मियों में अमूमन सब्जियों की खेती पर बुरा असर पड़ता है, क्योंकि मिट्टी की नमी कम हो जाती है।

उत्पादन कम होने से सब्जियों की सप्लाई प्रभावित होती है और उनके दाम में उछाल आता है। इससे जनता पर महंगाई का बोझ भी बढ़ने का डर रहता है। अगर महंगाई ज्यादा बढ़ जाती है, तो रिजर्व बैंक (RBI) ब्याज दरों में कटौती करने को लेकर फैसले नहीं ले पाएगा, जैसा कि अभी हो रहा है। इससे होम लोन या कार लोन लेने वालों को सस्ती ईएमआई का लाभ नहीं मिल पाएगा।

कामकाजी घंटे भी कम होंगे

भारत में आबादी का एक बड़ा हिस्सा बाहर काम करता है यानी खुले में। जैसे कि खेती या फिर रोड-बिल्डिंग के कंस्ट्रक्शन से जुड़े लोग। गर्मी के कारण इनके कामकाजी घंटों में कमी आने का अनुमान है, हीटवेव या अत्याधिक गर्मी की स्थिति में इनके लिए दोपहर के वक्त काम करना मुमकिन नहीं होगा।

अमेरिकी मैनेजमेंट कंसल्टेंट फर्म मैकिंजी एंड कंपनी की एक रिपोर्ट बताती है कि भारत में करीब 75 फीसदी श्रमिक (Labour Force) यानी 38 करोड़ लोग गर्मी में काम करते हैं। गर्मी बढ़ने से जो कामकाजी घंटे कम होंगे, उससे 2030 तक ग्रॉस डोमेस्टिक प्रोडक्ट (GDP) का सालाना 2.5 से 4.5 फीसदी का नुकसान होगा।

शेयर बाजार पर असर

शेयर बाजार की बात करें, तो भीषण गर्मी के कुछ फायदे भी हैं। जियो फाइनेंशियल सर्विसेज के वीके विजयकुमार का कहना है, 'अत्याधिक गर्मी से एसी की डिमांड बढ़ेगी, इससे एसी बनाने वाली कंपनियों को फायदा होगा। वहीं, पावर की डिमांड बढ़ने का लाभ पावर कंपनियों को मिल सकता है।' गर्मियों के दौरान सोडा, आइसक्रीम और डेयरी उत्पादों की खपत में आम तौर पर तेजी आती है। ऐसे में इनके शेयर भी उछल सकते हैं।

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