ITR File करने से पहले जान लें कितने तरह के होते हैं TDS सर्टिफिकेट, क्या है इनमें अंतर
इन दिनों वेतनभोगी कर्मचारियों के पास सबसे जरूरी काम है 31 जुलाई से पहले आईटीआर फाइल करना। जाहिर सी बात है इसे लेकर काफी ज्यादा उलझन भी होगी। आज हम आपको बताएंगे की टीडीएस सर्टिफिकेट कितने तरह के होते हैं।
By Gaurav KumarEdited By: Gaurav KumarUpdated: Tue, 20 Jun 2023 09:00 PM (IST)
नई दिल्ली,बिजनेस डेस्क: वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए देश के ईमानदार टैक्सपेयर को 31 जुलाई 2023 तक इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करना जरूरी है। अगर आप सैलरीड एम्प्लॉय है तो आपको आईटीआर फाइल करने के लिए फॉर्म 16 का होना जरूरी है।
अभी तक आपको आपके कंपनी की तरफ से फॉर्म 16 मिल जाना चाहिए था लेकिन अगर फॉर्म 16 नहीं मिला है तो आप जल्द से जल्द अपनी कंपनी से फॉर्म 16 ले लें और आईटीआर फाइल कर दें। अगर आप आईटीआर फाइल करते है तो आपको फॉर्म 16, फॉर्म 16A और फॉर्म 16B के बारे में जरूर सुना होगा।
आज हम आपको इसी के बारे में बताने जा रहे हैं कि इन तीनों फॉर्म में क्या अंतर है और कौन किस फॉर्म के लिए पात्र है।
क्या है फॉर्म 16?
फॉर्म 16 टैक्स डिडेक्शन एट सोर्स (TDS) का एक प्रमाण पत्र है, जिसे "सैलरी सर्टिफिकेट" भी कहा जाता है। यह फॉर्म कंपनी अपने यहां काम कर रहे कर्मचारी को देती है। इस फॉर्म में एक वित्तीय वर्ष में नियोक्ता द्वारा की गई कटौतियों के सभी डिटेल शामिल होते हैं।
फॉर्म 16 में नियोक्ता का पैन, टैन, नाम और पता; कर्मचारी का पैन, नाम और पता; टीडीएस का विवरण और सरकार के पास जमा जैसे डिटेल्स शामिल होते हैं।
क्या होता है फॉर्म 16A?
फॉर्म 16A सैलरी के अलावा प्राप्त हुए इनकम पर टीडीएस लगाता है। मान लीजिए आपका बैंक ऐसी किसी भी आय पर टैक्स काटेगा जो इस तरह की कटौती के लिए पात्र है, जिसमें एफडी, किराया, बीमा कमीशन और अन्य प्रकार की आय से ब्याज आय शामिल है।
फॉर्म 16A में नियोक्ता का नाम और पता; कर्मचारी का स्थायी खाता संख्या (पैन); कर्मचारी का टैक्स कटौती खाता संख्या (टैन); काटे गए और जमा किए गए तिमाही टैक्स की समरी शामिल होता है।