Bulldozer in India: कितने में मिलता है बुलडोजर, किन कामों के लिए होता है इस्तेमाल?
बुलडोजर का ज्यादातर कमर्शियल यूज होता है। लेकिन भारत में यह सियासती कारणों से भी खूब चर्चा रहता है। कई लोग बुलडोजर और जेसीबी को एक ही समझते हैं पर ऐसा है नहीं। आइए जानते हैं कि बुलडोजर का इस्तेमाल किन कामों के लिए होता है इस सेक्टर की सबसे बड़ी कंपनी कौन है और इसकी कीमत कितनी होती है।
बिजनेस डेस्क, नई दिल्ली। बुलडोजर का दुनियाभर में व्यावसायिक इस्तेमाल होता है। लेकिन, भारत में बुलडोजर का जिक्र व्यवसाय के साथ सियासत में खूब होता है। सोशल मीडिया पर बुलडोजर के खूब चर्चे रहते हैं। लेकिन, क्या आपको पता है कि बुलडोजर इंडस्ट्री में किस कंपनी की तूती बोलती है? इसकी कितनी कीमत होती है, इसका इस्तेमाल किस चीज के लिए सबसे अधिक होता है?
कितनी तरह के होते हैं बुलडोजर
बुलडोजर का असली नाम बैकहो लोडर (Backhoe Loader) है। अगर साइज की बात करें, तो बुलडोजर कई तरह के होते हैं। छोटे, मध्यम या फिर बड़े आकार के। बुलडोजर अपनी खूबियों के हिसाब से काफी अलग-अलग भी होते हैं। जैसे कि ट्रैक बुलडोजर, व्हील बुलडोजर, मिनी बुलडोजर और हाइड्रोलिक बुलडोजर।
बुलडोजर का इस्तेमाल
बुलडोजर का ज्यादातर इस्तेमाल कंस्ट्रक्शन सेक्टर में होता है। इससे जमीन समतल की जाती है। मिट्टी-पत्थर को हटाया जाता है। मलबा साफ किया जाता है। जरूरत पड़ने पर खुदाई और वृक्षारोपण भी किया जाता है। बुलडोजर कई दफा राहत कार्यों में भी काफी अहम भूमिका निभाता है। इसका इस्तेमाल अवैध निर्माण को गिराने के लिए भी किया जाता है।
जेसीबी कैसे बन गई 'बुलडोजर'
बुलडोजर के साथ सबसे पहला नाम दिमाग में आता है, जेसीबी। कई लोग बुलडोजर और जेसीबी को एक ही समझ लेते हैं। लेकिन, ऐसा है नहीं। बुलडोजर एक हेवी मशीन है और जेसीबी उसे बनाने वाली कंपनी का नाम। जैसे कि कई लोग ऑनलाइन पेमेंट को कहते हैं कि पेटीएम कर दीजिए। लेकिन, पेटीएम सिर्फ एक कंपनी है, पेमेंट तो यूपीआई के जरिए होता है।JCB अब भारतीय कंपनी है, लेकिन इसकी नींव विदेशी जमीन पर पड़ी। इसके फाउंडर थे ब्रिटेन के जोसेफ सिरिल बैमफोर्ड और उनके नाम का शॉर्ट फॉर्म बना JCB। 1979 में कंपनी ने ज्वाइंट वेंचर के तौर पर इंडिया में मैन्युफैक्चरिंग शुरू की। भारत में यह जेसीबी इंडिया प्राइवेट लिमिटेड नाम से कारोबार करती है, जिसका मालिकाना हक ब्रिटेन की JC बैमफोर्ड एक्सकेवेटर्स के पास है।