आज पाकिस्तानी पायलट का बन रहा मजाक, कभी 'एयरलाइन' वाला इकलौता मुस्लिम मुल्क था पाक
मोहम्मद अली जिन्ना ने पाकिस्तान की अपनी एयरलाइन बनाने के लिए दो रईस व्यापारियों- मिर्जा अहमद इस्पहानी और आदमजी हाजी दाऊद से वित्तीय मदद मांगी। इन तीनों की कोशिशों से 23 अक्टूबर 1946 को कलकत्ता (कोलकाता) में ओरिएंट एयरवेज का रजिस्ट्रेशन हुआ। यह ब्रिटिश राज में इकलौती मुस्लिम एयरलाइन थी। वहीं भारत के पास टाटा एयरलाइंस थी जिसकी बुनियाद जेआरडी टाटा इससे करीब दो दशक पहले ही रख चुके थे।
बिजनेस डेस्क, नई दिल्ली। पिछले दिनों पाकिस्तान की एयरलाइन का एक वीडियो काफी वायरल हुआ। इसमें पायलट कॉकपिट में जाने से पहले प्लेन की खिड़की पर कपड़े से पोछा मारता है। जैसा कि आपने कार या ट्रक ड्राइवर को गाड़ी की विंडस्क्रीन साफ करते हुए देखा होगा। इससे कई सोशल मीडिया यूजर्स ने पाकिस्तानी एयरलाइन का मजाक बनाया कि वह और उसके पायलट आजादी के इतने साल भी कितने पिछड़े हुए हैं।
यह बात काफी हद तक सही भी है कि पाकिस्तान आर्थिक मोर्चे पर काफी पिछड़ा हुआ है। एविएशन सेक्टर भी इसका अपवाद नहीं। यही वजह है कि पाकिस्तान का सरकारी विमानन कंपनी ‘पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइंस’ (PIA) के कई क्रू मेंबर्स 'रहस्यमयी' तरीके से गायब हो जाते हैं। खुद PIA भी इसकी पुष्टि कर चुका है। दरअसल, कनाडा में शरण और उसके बाद नागरिकता लेना बाकी पश्चिमी देशों के मुकाबले आसान है। वहां गायब होने के बाद क्रू मेंबर्स एविएशन इंडस्ट्री में आसानी से करियर बना लते हैं।
आइए जानते हैं कि पाकिस्तानी एयरलाइंस का इतिहास कितना पुराना है, इसकी शुरुआत कब और कैसे हुई?
पाकिस्तान में एयरलाइंस का इतिहास
भारत और पाकिस्तान का आधिकारिक तौर पर विभाजन 14 अगस्त 1947 को हुआ। लेकिन, पाकिस्तान के संस्थापक मोहम्मद अली जिन्ना काफी लंबे वक्त से मजहब के आधार पर अलग मुल्क की मांग कर रहे थे। उन्हें पूरा भरोसा था कि ब्रिटिश हुकूमत और भारत के आला नेताओं को उनकी मांग मानने के लिए मजबूर हो जाएंगे। लिहाजा, वह आजादी से पहले ही अपने 'नए मुल्क' के जरूरी इन्फ्रास्ट्रक्चर जुटाने लगे थे।
द्वितीय विश्व युद्ध में हवाई जहाजों ने काफी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इसमें सैनिकों की आवाजाही और रसद साम्राज्ञी जैसी चीजें शामिल थीं। यात्रियों के आवागमन के लिए भी विमान का चलन बढ़ रहा था, क्योंकि बाकी सभी माध्यमों के मुकाबले काफी तेज थे। यही वजह थी कि जिन्ना आजादी से पहले ही पाकिस्तान के लिए एयरलाइन का बंदोबस्त करने लगे।