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RBI के फैसले का आपके निवेश पोर्टफोलियो पर क्या होगा असर, नुकसान की आशंका या फायदे की उम्मीद

विशेषज्ञों का कहना है कि आरबीआई एमपीसी की बैठक के नतीजों के बाद सोने चांदी और अन्य बुलियन की कीमतों में भी तेजी आने की उम्मीद है। इसके बाद आपने निवेश पोर्टफोलियो का पूरा परिदृश्य बदल जाएगा। (जागरण फाइल फोटो)

By Siddharth PriyadarshiEdited By: Siddharth PriyadarshiUpdated: Thu, 06 Apr 2023 03:08 PM (IST)
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How RBI Monetary policy meeting outcome may impact your portfolio
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। RBI मौद्रिक नीति समिति के नतीजों का परिणाम बहुआयामी है। तात्कालिक तौर देखें तो यह बहुत अच्छी पहल लगती है। मुद्रास्फीति के दबाव के बावजूद आरबीआई ने इस बार दरों में कोई वृद्धि नहीं की है। हर बार रेपो रेट में वृद्धि होने के बाद लोन और ईएमआई की संरचना में कई तरह के बदलाव आ जाते थे। रेपो दर बढ़ने के साथ लोन की ईएमआई भी बढ़ जाती थी।

अगर आप सोच रहे हैं कि रेपो दरों में बदलाव न होने पर आपकी वित्तीय सेहत पर इस बार कोई असर नहीं होगा तो आप गलत हैं। रेपो रेट का न बढ़ना भी आपको कई तरह से प्रभावित कर सकता है। मोटे तौर पर भारतीय बांड प्रतिफल पर सकारात्मक प्रभाव पड़ने वाला है।

पोर्टफोलियो प्रबंधन पर ये होगा असर

ब्याज दरों में वृद्धि को रोकने के लिए आरबीआई की नीतिगत बैठक के आश्चर्यजनक परिणाम के बाद, ज्यादातर निवेशक इस बात की गणना करने में व्यस्त हैं कि यह अल्पावधि में उनके पोर्टफोलियो रिटर्न को कैसे प्रभावित करेगा। आरबीआई की एमपीसी की बैठक में की गई घोषणाओं के बाद शेयर बाजार मजबूत नजर आ रहा है। भारत की 5-वर्षीय बॉन्ड यील्ड 7 प्रतिशत से अधिक बढ़ी। हालांकि, रुपया (INR) और कमजोर हुआ और 82 के स्तर के करीब आ गया।

क्या लौटेगी बाजार में तेजी

निवेश विशेषज्ञों के मुताबिक, ब्याज दर को अपरिवर्तित रखने के आरबीआई के फैसले के बाद इक्विटी बाजार में तेजी आने की उम्मीद है। शॉर्ट टर्म में बॉन्ड यील्ड के बैंक फिक्स्ड डिपॉजिट (एफडी) और अन्य डेट इंस्ट्रूमेंट को रिटर्न में मात देने की उम्मीद है।

इक्विटी पर आरबीआई की नीति का प्रभाव

रेपो दर को अपरिवर्तित बनाए रखने का निर्णय बैंकिंग और एनबीएफसी क्षेत्रों के लिए सकारात्मक संकेत है, और इससे रियल एस्टेट और बुनियादी ढांचे जैसे अन्य क्षेत्रों को लाभ होने की उम्मीद है। हालांकि, लगातार मुद्रास्फीति और वैश्विक बैंकिंग संकट चिंता का विषय बना हुआ है। पिछली दर वृद्धियों के समग्र प्रभाव की निगरानी करना भी महत्वपूर्ण है।

आरबीआई एमपीसी बैठक के परिणाम के प्रभाव पर बीएसई में रजिस्टर्ड ब्रोकर अमन पॉल ने कहा कि शेयर बाजार के नजरिए से, आरबीआई एमपीसी बैठक के रेपो दर को अपरिवर्तित बनाए रखने के का फैसला बहुत दूरगामी परिणाम वाला होगा। विशेष रूप से बैंकिंग क्षेत्र के लिए सकारात्मक गति पैदा होने की उम्मीद है।

बाजार धीरे-धीरे 'समायोजन की वापसी' की आरबीआई की नीति पर भी भरोसा कर रहा है। इससे लंबे समय में आर्थिक सुधार की स्थिरता सुनिश्चित हो सकेगी। हालांकि, बाजार मुद्रास्फीति और वैश्विक स्तर होने जा रहे किसी भी बदलाव की भी बारीकी से निगरानी करेगा। बैंकिंग अस्थिरता बाजार की गति को प्रभावित कर सकती है।

रियल एस्टेट और इंफ्रास्ट्रक्चर जैसे अन्य क्षेत्रों को भी इस फैसले से लाभ की उम्मीद है।

सोने पर असर

रेपो रेट को 6.50 फीसदी पर अपरिवर्तित रखने के आरबीआई के फैसले से सोने और अन्य कीमती धातुओं की मांग बढ़ने वाली है। कीमती धातु की कीमतों में रिकॉर्ड ऊंचाई से हालिया रिट्रेसमेंट के बाद विशेषज्ञ सोने और चांदी की कीमतों में उछाल की भविष्यवाणी कर रहे हैं। यह कीमती धातुओं की कीमतों को उच्च स्तर पर धकेलने में मदद करेगा।

बांड और डेट इंस्ट्रूमेंट्स पर प्रभाव

आरबीआई पॉलिसी मीटिंग के नतीजे बॉन्ड यील्ड, बैंक एफडी और अन्य डेट इंस्ट्रूमेंट रिटर्न को प्रभावित करेंगे। आरबीआई / एमपीसी ने विराम लिया है और रेपो दरों को अपरिवर्तित रखा है। यह बाजार के बहुसंख्यक दृष्टिकोण के विपरीत है।

बाजार को उम्मीद है कि सकल घरेलू उत्पाद और मुद्रास्फीति दोनों क्रमशः आरबीआई के वर्ष के अंत के अनुमान 6.5% और 5.2% से काफी नीचे होंगे। शेयर बाजार में स्वतंत्र इक्विटी फर्म चलाने अविनाश सहाय कहते हैं किबॉन्ड इस साल अच्छा प्रदर्शन करेंगे और कूपन दरों के ऊपर जाकर पूंजीगत लाभ पैदा करेंगे।