YouTube की कमाई पर कैसे लगाया जाता है Tax, आईटीआर फाइल करने से पहले जान लें सभी जरूरी बातें
आयकर रिटर्न (आईटीआर) दाखिल करने में एक सप्ताह से भी समय बचा है। आईटीआर को 31 जुलाई तक या उससे पहले आपको जमा करना जरूरी है। ऐसे में अगर आप यूट्यूब क्रिएटर हैं और यूट्यूब विज्ञापनों से पैसा कमाते हैं तो आप पर टैक्स कैसे लगेगा? इसके अलावा क्या आपकी कमाई बिजनेस से आय या फिर पेशे से आय के रूप में काउंट की जाएगी। जानिए हर सवाल का जवाब।
By Gaurav KumarEdited By: Gaurav KumarUpdated: Wed, 26 Jul 2023 05:00 PM (IST)
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क: इनकम टैक्स रिटर्न (आईटीआर) फाइल करने के लिए अब हफ्ते भर से भी कम का समय बचा है। 31 जुलाई तक आपको वित्त वर्ष 23 के लिए आईटीआर फाइल करने अनिवार्य है। ऐसे में अगर आप के यूट्यूब (YouTube) क्रिएटर हैं और आपकी आय यूट्यूब के एड (Advertisement) से आती है तो आप पर किस हिसाब से टैक्स लगाया जाएगा?
दूसरा सवाल ये कि क्या यूट्यूब से कमाई बिजनेस में काउंट होगा या फिर पेशे से आय के अंतर्गत आएगा? धारा 44 AD और धारा 44 ADA में कौन सा लागू होगा? साथ ही वित्त वर्ष 23 में अगर आपको अगर यूट्यूब से दो महीने का वेतन मिला है तो आपके लिए कौन सा आईटीआर फॉर्म लागू होगा? इन्ही सब सवालों के जवाब आज हम आपको देने जा रहे हैं।
बिजनेस माना जाएगा या पेशा?
आपको बता दें कि इस सवाल का जवाब इस बात पर निर्भर करता है कि आप यूट्यूब पर पार्ट टाइम कमाते हैं या फूल टाइम। यदि आप यूट्यूब से फूल टाइम कमाते हैं और आपके आय का सिर्फ यही साधन है तो इसे बिजनेस इनकम के रूप में माना जाएगा और "व्यापार या पेशे के प्रॉफिट और गेन" के तहत इसपर टैक्स लगाया जाएगा।
यदि आप यूट्यूब से पार्ट टाइम इनकम करते हैं तो और इसके परिणामस्वरूप पर्याप्त आय नहीं होती है तो उस पर "अन्य स्रोतों से आय" के तहत टैक्स लगाया जा सकता है।
वीडियो पर भी करता है निर्भर
यदि आप पर "व्यवसाय या पेशे के प्रॉफिट और गेन" के अंतर्गत टैक्स लगता है, तो देखना जरूरी होता है कि आप किस प्रकार के वीडियो अपलोड कर रहे हैं।यदि आप जो वीडियो अपलोड कर रहे हैं उसके कंटेंट के लिए आपको तकनीकी विशेषज्ञता की आवश्यकता है जिसके लिए विशेष प्रशिक्षण की आवश्यकता है, तो इसे एक पेशे के रूप में माना जाएगा नहीं तो इसे आपकी बिजनेस आय के रूप में माना जा सकता है, और फिर धारा 44AD के प्रावधान लागू होंगे।
यदि ऐसी आय के संबंध में आपकी टैक्स देनदारी 10,000 रुपये से अधिक है तो आपको अग्रिम कर (Advance Tax) के माध्यम से अपनी कर देनदारी का निर्वहन करना होगा। यदि देनदारी 10 हजार रुपये से कम है तो आप अपना आयकर रिटर्न दाखिल करते समय स्व-मूल्यांकन के रूप में इस इनकम के संबंध में टैक्स का भुगतान कर सकते हैं।