Bank Account हो गया है इनएक्टिव? इस तरह आसानी से दोबारा करवाएं रिएक्टिवेट, जानिए क्या है प्रॉसेस
अधिकांश निष्क्रिय बैंक खाते पुराने बैंक खाते हैं। ये बैंक खाते ऐसे खाते हैं जहां लोगों ने लंबे समय तक किसी भी तरह से लेनदेन नहीं किया है या खाते का उपयोग नहीं किया है। आप अपने निष्क्रिय बैंक अकाउंट को आसानी से दोबारा एक्टिवेट करवा सकते हैं। आज हम आपको बताएंगे कि ऐसा कैसे होता है और आप इसे कैसे रिएक्टिवेट कर सकते हैं।
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क: बैंक में आप जब भी अपना खाता खुलवाने जाते हैं तो आपका सेविंग अकाउंट ओपन होता है। बैंक खाता निष्क्रिय होना आम बात हैं। ज्यादातर बैंक खाते जो निष्क्रिय होते हैं वो पुराने बैंक अकाउंट होते हैं।
ये बैंक अकाउंट ऐसे अकाउंट होते हैं जिन तक लोगों ने काफी दिनों से कोई ट्रांजैक्शन ना किया हो या इस अकाउंट से किसी भी तरह का कोई उपयोग न किया हो। आज हम आपको इसी के बारे में बताते हैं कि आखिर ऐसा कैसे होता है और इसे कैसे दोबारा चालू करवा सकते हैं।
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खाता कैसे होता है निष्क्रिय?
जब आप अपने बैंक खाते से 12 महीनों तक कोई लेन-देन नहीं करते हैं, तो खाता निष्क्रिय की कैटेगरी में आ जाता है। वहीं जब आप 24 महीनों तक अपने बैंक खाते से कोई लेन-देन नहीं करते हैं, तो बैंक द्वारा खाते को डोरमेंट (Dormant) कर दिया जाता है।
बैंक अकाउंट को तीन भाग में बांटता है, पहला एक्टिव, दूसरा इन एक्टिव और तीसरा डोरमेंट। ऐसा बैंक इसलिए करते हैं ताकि आपके खाते के साथ धोखाधड़ी और किसी भी प्रकार के दुरुपयोग के जोखिम को कम किया जा सके।
कैसे करें खाते को रिएक्टिवेट?
आप अपने बैंक खाते को आसानी से रिएक्टिवेट कर सकते हैं। चलिए जानते हैं क्या है प्रॉसेस:
- आपको बैंक को एक लिखित आवेदन देना होगा। अगर आपका ज्वाइंट अकाउंट है तो आपको सभी मेंबर के साइन की जरूरत होगी।
- आपको अपना केवाईसी (नो योर कस्टमर) दस्तावेज जमा करना होगा। इनमें एड्रेस प्रूफ, पैन कार्ड और पहचान दस्तावेज शामिल होंगे।
- आपको कम से कम एक वित्तीय लेनदेन करना होगा।
नहीं देना होगा कोई चार्ज
यहां आपके लिए ध्यान देने वाली बात यह है कि बैंक आपसे किसी भी प्रकार का रिएक्टिवेशन चार्ज नहीं लेता है। अपने खाते को निष्क्रिय रखने से बचने के लिए, बस आप यह सुनिश्चित करें कि आप अपने खाते का नियमित रूप से उपयोग कर रहे हैं। इसे निष्क्रिय होने से बचाने के लिए हर साल ऑनलाइन या ऑफलाइन एक लेनदेन करना जरूरी है।
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