EPFO News: EPS में कैसे कैलकुलेट होती है पेंशन, प्राइवेट जॉब करने वालों को भी मिलती हैं ये सुविधाएं
Employee Pension Scheme (EPS) ईपीएस एक भारत सरकार की स्कीम है। इसके द्वारा संगठित क्षेत्र के कर्मचारियों को पेंशन दी जाती है। आज हम इस रिपोर्ट में पेंशन कैलकुलेशन के तरीके के बारे में बताने जा रहे हैं। (जागरण ग्राफिक्स)
By Abhinav ShalyaEdited By: Abhinav ShalyaUpdated: Sat, 22 Apr 2023 11:39 AM (IST)
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। Employee Pension Scheme (EPS) के तहत संगठित क्षेत्र के हर कर्मचारी को ईपीएफओ की ओर से पेंशन दी जाती है। इस स्कीम को केंद्र सरकार की ओर से 1995 में शुरू किया गया था। इसका उद्देश्य संगठित क्षेत्र के कर्मचारियों के भविष्य सुरक्षित करने के साथ उसे सामाजिक सुरक्षा का लाभ देना है। ईपीएस स्कीम से कर्मचारी ईपीएफओ में पंजीकरण कराने के साथ अपने आप जुड़ जाता है।
ईपीएस स्कीम में कब मिलती है पेंशन
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन ( Employees' Provident Fund Organisation (EPFO)) द्वारा ईपीएस स्कीम को चलाया जाता है। इसके तहत 58 वर्ष की उम्र के बाद कर्मचारी को पेंशन दी जाती है। पेंशन पाने के लिए नियोक्ता और कर्मचारी को वेतन का 12 प्रतिशत का योगदान ईपीएफ में करना होता है, जिसका 8.33 प्रतिशत हिस्सा ईपीएस में जाता है।EPS स्कीम के फायदे
- ईपीएस एक भारत सरकार की स्कीम है। इसमें रिटर्न की गारंटी होती है।
- कर्मचारी जिनकी सैलरी और डीए 15000 रुपये या उससे कम होता है। उन्हें इसमें पंजीकरण कराना होता है।
- 50 वर्ष की उम्र पूरी होने के बाद आप ईपीएस से पैसा निकाल सकते हैं।
- लाभार्थी की मृत्यु होने के बाद ईपीएफ में पेंशन पत्नी और फिर बच्चों को मिलती है।
- इसमें किसी भी व्यक्ति को न्यूनतम 1000 रुपये की मासिक पेंशन मिलती है।
क्या है EPS में पेंशन कैलकुलेट करना का फॉर्मूला?
- EPS में पेंशन कैलकुलेशन का फॉर्मूला = औसत वेतन * नौकरी की अवधि/ 70
- औसत वेतन का मतलब पिछले 12 महीने में लिए गए बेसिक वेतन + डीए से है।
- उदाहरण के लिए किसी व्यक्ति का औसत वेतन 15,000 रुपये है और उसने 35 सालों की अवधि तक नौकरी की है। तो उसे (15000 * 35 / 70) = 7,500 रुपये प्रति महीने की पेंशन मिलेगी।