Move to Jagran APP

Tax On IPO: आईपीओ लिस्टिंग से हुई कमाई पर भी देना होता है टैक्स, यहां जानिए क्या हैं नियम

Tax on IPO profit टाटा टेक्नोलॉजीज इरेडा और गांधार ऑयल ने बीते दिनों निवेशकों को जमकर प्रॉफिट दिया है। अगर आपको भी शेयर लिस्टिंग प्रीमियम पर मुनाफा हुआ है और इसे बेच चुके हैं तो इस पर टैक्स देना होगा। आज हम आपको आईपीओ से होने वाले मुनाफे और इसमें देने वाले टैक्स के बारे में डिटेल में जानकारी दे रहे हैं।

By Subhash GariyaEdited By: Subhash GariyaUpdated: Thu, 07 Dec 2023 08:30 PM (IST)
Hero Image
IPO लिस्टिंग में हुए मुनाफे पर शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन्स टैक्स देना होता है।
बिजनेस डेस्क, नई दिल्ली। बीते हफ्ते निवेशकों ने टाटा टेक्नोलॉजीज, इरेडा और गांधार ऑयल के आईपीओ के जरिए जमकर कमाई की है। टाटा टेक के शेयर ने जहां निवेशकों को 140 प्रतिशत तो इरेडा ने लगभग 90 फीसदी तक का मुनाफा दिया। अगर आप ने भी इन दोनों आईपीओ में पैसा लगाया था तो प्रॉफिट पर आपको टैक्स देना होगा।

IPO में कमाए मुनाफे पर देना होगा टैक्स

शेयर बाजार में निवेश करने वाले अधिकतर निवेशक आईपीओ के प्रीमियम पर अपने शेयर बेचते हैं। ऐसे निवेशकों को शेयर बेचने से हुए मुनाफे पर टैक्स देना होता है। यहां हम आपको प्रॉफिट में शेयर बेचने पर लगने वाले टैक्स और इसमें कैसे छूट ले सकते हैं इसके बारे में जानकारी दे रहे हैं।

आईपीओ मुनाफे पर कितना देना होगा टैक्स?

आईपीओ में अलॉट हुए शेयर बेचने पर भी उतना ही टैक्स देना होता जो किसी लिस्टेट कंपनी के शेयर से हुई कमाई पर लगता है। एक साल से कम अवधि में बेचे शेयर पर शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन्स टैक्स लगता है।

  • किसी भी शेयर को एक साल के अंदर बेचने से होने वाले प्रॉफिट पर निवेशकों को शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन्स (STCG) टैक्स देना होता है। शेयर बेचने पर टैक्स के नियम निम्नलिखित हैं।
  • एक साल के अंदर शेयर बेचने पर हुए मुनाफे के लिए 15 प्रतिशत की दर से टैक्स देना होता है। इसके साथ ही इसमें 2 फीसदी एजुकेशन सेस और 1 फीसदी हायर एजुकेशन सेस देना होगा।
  • अगर आप एक साल या उससे अधिक समय बाद शेयर बेचते हैं तो आपको 10 प्रतिशत की दर से टैक्स देना होता है।
  • किसी वित्त वर्ष में आपको एक लाख रुपये से ज्यादा आय नहीं हुई है तो आपको टैक्स नहीं देना होता है। लेकिन अगर आप जल्दी शेयर बेचते हैं तो यह छूट आपको नहीं मिलेगी।

क्या टैक्स की देनदारी कम हो सकती है?

जी हां, मुनाफे पर लगने वाले टैक्स को कम करने के लिए आईपीओ अलॉटमेंट के लिए ब्रोकरेज फी और शॉर्टटर्म में हुए लॉस दिखाया जा सकता है। हालांकि एक साल या उससे अधिक समय से रखे हुए शेयर बेचने पर हुए लॉस को शॉर्ट टर्म में शामिल नहीं किया जा सकता है।

यह भी पढ़ें : PM Kisan Yojana की 16वीं किस्त के लिए रजिस्ट्रेशन शुरू, यहां जानें स्टेप बाय स्टेप प्रोसेस और शर्तें

किन लोगों को नहीं देना होता टैक्स?

शेयर की कमाई से उन लोगों को टैक्स नहीं देना होता जिनकी एनुअल इनकम बेसिक एग्जम्पशन लिमिट से कम है। सामान्य नागरिकों के लिए यह 2.5 लाख रुपये है। वहीं 60 से 80 तक 3 लाख रुपये और 80 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों के लिए यह 5 लाख रुपये है।

यह भी पढ़ें : Key Features of PPF: निवेश के लिए बेस्ट ऑप्शन है पीपीएफ, कम जोखिम के साथ टैक्स बेनफिट और मिलता है बेहतर रिटर्न