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Credit Score: क्रेडिट स्‍कोर इम्प्रूव करना है तो हरगिज न करें ये गलतियां, छोटी बातों से हो सकता है बड़ा नुकसान

Credit Score अगर आप लोन या क्रेडिट कार्ड लेने जा रहे हैं तो इसमें क्रेडिट स्कोर की बहुत महत्वपूर्ण होती है। किसी बैंक या वित्तीय संस्थान के साथ लेन-देन में की गई छोटी-छोटी गलतियां कई बार बहुत भारी पड़ती हैं।

By Siddharth PriyadarshiEdited By: Updated: Mon, 12 Sep 2022 12:12 PM (IST)
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Credit Score: avoid these mistakes to improve credit history
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। क्रेडिट स्कोर (Credit Score) की भूमिका इन दिनों काफी अहम हो गई है। जब भी आपको लोन (Loan) की जरूरत होती है, तो बैंक और वित्तीय संस्थान सबसे पहले आपके क्रेडिट स्कोर की जांच करते हैं। आपकी सैलरी कितनी है या हर महीने बिजनेस से आपको कितनी आमदनी होती है, इन सब बातों के अलावा यह बात भी बहुत अहम है कि आपका क्रेडिट स्कोर कितना है।

क्रेडिट स्कोर से बैंक और वित्तीय संस्थाएं इस बात का फैसला करती हैं कि आपको कितना लोन मिलना चाहिए। कई बार लोन की ब्याज दर भी क्रेडिट स्कोर पर ही डिपेंड करती है। केडिट स्कोर का आकलन आपकी क्रेडिट हिस्ट्री पर निर्भर करता है। अगर आपकी क्रडिट हिस्ट्री ठीक है तो आपके लोन एप्लिकेशन (Loan Application) रिजेक्ट नहीं होते और मंजूरी भी जल्दी मिल जाती है।

कितना होना चाहिए क्रेडिट स्कोर

जिन लोगों का स्कोर 750 या उससे अधिक होता है, उन्हें जल्द और आसानी से लोन मिल सकता है। यानी कह सकते हैं कि क्रेडिट स्कोर का सीधा संबंध आपकी वित्तीय सेहत से होता है।

क्या आप जानते हैं कि किसी व्यक्ति का क्रेडिट स्कोर खराब क्यों होता है! ज्यादातर मामलों में क्रेडिट स्कोर किसे बड़ी गलती नहीं, बल्कि छोटी-छोटी गलतियों से बिगड़ता है। आइए, जानते हैं कि वे कौन सी गलतियां हैं जो क्रेडिट स्कोर पर बुरा असर डालती हैं।

ईएमआई या क्रेडिट कार्ड पेमेंट की लास्ट डेट का इंतजार न करें

अपने लोन की मासिक किस्त या अपना क्रेडिट कार्ड बिल पे करने की आखिरी तारीख न भूलें। इन दोनों में किसी भी तरह की देरी का आपके क्रेडिट स्कोर पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। बेहतर तो यह होगा कि आप लास्ट डेट का इंतजार ही न करें। यदि आपके पास तत्काल पैसा नहीं है तो आखिरी तारीख से पहले अपना बिल या ईएमआई जरूर पे कर दें।

कई लोग ऐसे मामलों में सुस्त रहते हैं या उन्हें आखिरी तारीख याद नहीं रहती। अगर आप भी ऐसे हैं तो इसमें थोड़ी चुस्ती दिखानी होगी।

क्रेडिट लिमिट के मुकाबले कितना है कर्ज

बैंक ने आपको कितनी क्रेडिट लिमिट दी है और आपने उसके मुकाबले कितना कर्ज लिया है, इस बात से भी फर्क पड़ता है। आपका क्रेडिट यूटिलाइजेशन रेश्यो जितना कम होगा, आपका क्रेडिट स्कोर उतना ही बेहतर होगा। मान लीजिए, आपकी कर्ज सीमा 1 लाख रुपये है और आपने 50,000 रुपये का कर्ज लिया है, तो आपका क्रेडिट उपयोगिता अनुपात 50 फीसदी का होगा।

आपके पास कितने क्रेडिट कार्ड हैं और आपने हर कार्ड के हिसाब से कितनी राशि का इस्तेमाल किया है, इन सब बातों का भी बहुत महत्व है। कंपनियां लोन के लिए उन ग्राहकों को प्राथमिकता देती हैं जिन्होंने कुल लिमिट का 40 फीसदी से कम लोन लिया हो।

इनकम और ईएमआई 

आप कितना कमाते हैं और आप पर कर्ज का बोझ कितना है, इसका ध्यान रखना भी बहुत जरूरी है। ईएमआई-टू-इनकम की अधिकतम सीमा 50 फीसद मानी जाती है। यदि आपकी मासिक आय 40000 रुपये है और आपकी मौजूदा ईएमआई 10000 रुपये की है, तो आपका ईएमआई-टू-इनकम अनुपात 25 फीसदी होगा।

यदि इसके बाद आप किसी लोन के लिए अप्लाई करते हैं, तो बैंक यह मानकर चलेगा कि आप अतिरिक्त 10,000 रुपये की ही ईएमआई चुका सकते हैं।

लोन के सेटलमेंट से बचें

कर्ज न चुका पाने की स्थिति में ज्यादातर लोग लोन का सेटलमेंट कर लेते हैं। लेकिन अगर आपने सेटलमेंट किया है तो आपकी क्रेडिट हिस्ट्री में इस बात का भी जिक्र कर दिया जाता है। यह आपके क्रडिट स्कोर पर नकारात्मक असर डालता है। सेटलमेंट के बाद जब आप नया लोन लेने जाते हैं तो कर्जदाता इसे अपने लिए जोखिम मानता है।

लोन अप्लाई करने से पहले क्रेडिट स्कोर जांच लें

अगर आप लोन के लिए अप्लाई करने जा रहे हैं तो अपना क्रेडिट स्कोर जरूर जांच लें। यदि आपका स्कोर कम है तो बैंक या तो आपसे अधिक ब्याज वसूल करेगा या फिर आपका एप्लिकेशन कैंसिल कर देगा। एप्लिकेशन कैंसिल होने का असर आपके केडिट स्कोर पर भी पड़ता है।

गारंटर न बनें तो बेहतर है

किसी अन्य व्यक्ति के जॉइंट अकाउंट होल्डर या लोन के गारंटर बनने से बचें। दूसरी पार्टी द्वारा की गई किसी भी गड़बड़ी से आपके सिबिल स्कोर पर निगेटिव इंपैक्ट आता है।

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