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PPF अकाउंट हो गया है बंद तो न लें टेंशन, इस तरीके से तुरंत हो जाएगा दोबारा शुरू

अगर आपका PPF अकाउंट योगदान न देने की वजह से बंद हो गया है तो आप आसानी से अपने अकाउंट को दोबारा शुरू कर सकते हैं। हालांकि इसके लिए कुछ जुर्माने का भुगतान करना होगा। (जागरण फाइल फोटो)

By Abhinav ShalyaEdited By: Abhinav ShalyaUpdated: Sun, 19 Mar 2023 03:31 PM (IST)
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नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। सरकार की ओर से चलाई जाने वाली छोटी बचत योजनाओं में पब्लिक प्रोविडेंट फंड (पीपीएफ) सबसे पॉपुलर स्कीमों में से एक है। इसमें आप केवल 500 रुपये प्रतिवर्ष का निवेश कर लाभ उठा सकते हैं, लेकिन कई बार देखा जाता है कि कुछ लोग लगातार योगदान नहीं कर पाते हैं और उनका अकाउंट इनएक्टिव हो जाता है। ऐसे में इसे दोबारा से शुरू कराना होता है, जिसके बारे में हम अपनी रिपोर्ट में बताने जा रहे हैं।

कैसे इनएक्टिव होता है अकाउंट?

अगर आप अपने पीपीएफ अकाउंट में कम से कम 500 रुपये वार्षिक जमा नहीं कर पाते हैं, तो फिर आपका अकाउंट इनएक्टिव हो जाता है। हालांकि, इनएक्टिव होने के बाद भी आपके पीपीएफ अकाउंट पर हर साल ब्याज मिलता रहता है।

PPF अकाउंट इनएक्टिव होने के नुकसान

पीपीएफ अकाउंट इनएक्टिव होने के कारण काफी सारे नुकसान होते हैं। जितने साल आपका अकाउंट बंद रहता है, उतने साल का आपको जुर्माना भरना पड़ता है। साथ ही आपको पीपीएफ पर लोन भी नहीं मिलता है।

PPF अकाउंट कैसे होगा एक्टिव

अगर आप अपना पीपीएफ अकाउंट एक्टिव या फिर दोबारा से शुरू कराने चाहते हैं, तो फिर इसके लिए आपको अपनी नजदीकी ब्रांच या फिर पोस्ट में जाना होगा। फिर वहां इसके लिए एक आवेदन देना होगा। साथ ही जितने साल का पीपीएफ अकाउंट इनएक्टिव था, उसके गुणज में 500 रुपये + 50 रुपये का जुर्माना भरना होगा।

उदाहरण के लिए आपका पीपीएफ अकाउंट चार साल के लिए बंद था, तो आपके (500*4) 2000 रुपये और (50*4) 200 रुपये का जुर्माना भरना होगा। इसके साथ आपको चालू वित्त वर्ष के लिए भी पीपीएफ का योगदान न्यूनतम 500 रुपये देना होगा।

अगर आपको पीपीएफ अकाउंट को खुलवाए हुए 15 साल से अधिक का समय हो चुका है, तो अकाउंट दोबारा एक्टिव नहीं हो पाएगा।

PPF निवेश पर टैक्स छूट

पीपीएफ निवेश की काफी अच्छी योजना है और ब्याज भी अक्सर एफडी के मुकाबले कुछ अधिक रहता है। मौजूदा समय में सरकार की ओर से पीपीएफ पर 7.1 प्रतिशत का ब्याज दिया जा रहा है। इसमें निवेश करने पर एक व्यक्ति इनकम टैक्स की धारा 80C के तहत 1.50 लाख रुपये तक की छूट मिलती है।