कार्यकाल बढ़ाए बिना कैसे कम करें Home Loan का EMI, क्या है इसका आसान तरीका?
होम लोन का बोझ निश्चित रूप से एक लेनदार के लिए एक बड़ा खर्च है। हर कोई सबसे कम ब्याज दर पर लोन खरीदना चाहता है और निर्माण लोन से जल्द से जल्द छुटकारा पाना चाहता है। हालांकि होम लोन लेने वालों को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है क्योंकि पिछले साल ब्याज दरें बढ़ गई हैं। पढ़िए बिना कार्यकाल बढ़ाए होम लोन की ईएमआई कैसे कम कर सकते हैं।
नई दिल्ली, बिजनसे डेस्क: होम लोन का बोझ निश्चित तौर पर एक लोन लेने वाले ग्राहक के लिए बड़ा खर्च है। सभी लोग लोन को कम से कम ब्याज दर पर खरीदना चाहते हैं और जल्द से जल्द इस होम लोन से छुटकारा चाहते हैं।
लेकिन होम लोन लेने वाले ग्राहक पिछले एक साल में ब्याज दरों में भारी वृद्धि के कारण वे सबसे अधिक प्रभावित हुए हैं। होम लोन के लिए ग्राहकों की सबसे पसंदीदा अवधि 20 साल वाले में लोन की ईएमआई में 22 प्रतिशत का उछाल देखा गया है। इस अवधि के लिए ब्याज दरें 7 प्रतिशत से बढ़कर 9.5 प्रतिशत तक हो गई हैं।
8 जून को रिजर्व बैंक की मॉनेटरी पॉलिसी समिति ने रेपो रेट को 6.5 प्रतिशत पर अपरिवर्तित छोड़ा था। ऐसे में आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि होम लोन की ईएमआई कटवाने का आसान तरीका क्या है।
पुराने लेनदार को क्यों चुकानी पड़ती है ज्यादा ईएमआई?
सबसे पहले आप यह जानिए की किसी भी होम लोन वाले पुराने ग्राहक को नए होम लोन के ग्राहकों से ज्यादा ब्याज दर क्यों चुकानी पड़ती है। दरअसल ईबीएलआर के तहत होम लोन बेंचमार्क दर (रेपो रेट) में किसी भी बदलाव से तुरंत प्रभावित होते हैं। दूसरी ओर, पुरानी व्यवस्थाएं दर में किसी भी बदलाव का प्रभाव डालने में धीमी हैं।
पुराने लोन नए लोन की तुलना में भारी प्रीमियम पर थे और यह संभव है कि पुराने बेंचमार्क जैसे एमसीएलआर (फंड की सीमांत लागत आधारित उधार दर), बेस रेट या पीएलआर (प्राइम लेंडिंग रेट) पर उधार लेने वाले इन कम मार्कअप पर प्रीमियम का भुगतान कर रहे हों।
ईएमआई कटवाने का आसान तरीका क्या है?
चूकीं आरबीआई ने रेपो रेट को 6.5 प्रतिशत पर अपरिवर्तित छोड़ा है और आने वाले समय में यह 6.5 प्रतिशत पर ही रहने की संभावना है तो ऐसे में आप अपने लोन के रिप्राइसिंग (loan repricing) के बारे में सोच सकते हैं।
बेस रेट लोन का हिस्सा अब बकाया बैंक लोन का केवल 3.4 प्रतिशत है, जो सितंबर 2019 में 12 प्रतिशत से लगातार गिर रहा है। हालांकि, एमसीएलआर लोन अभी भी 46 प्रतिशत हैं, जबकि ईबीएलआर लोन 48 फीसदी पर हैं, जो एमसीएलआर लोन से केवल एक वर्ष अधिक है।
यदि नए लेनदार को आपसे कम रेट पर होम लोन मिल रहा है तो आपको सोचने की जरूरत है की आपका ईएमआई ज्यादा है। नए लेनदार के लिए मार्कअप निम्नतम स्तर पर हो सकता है। यदि आप इस समय एक नई लोन व्यवस्था में प्रवेश करते हैं, तो इससे आपको लंबी अवधि के लिए कम ब्याज दर मिल सकता है।
इस वक्त अच्छी होती है रिप्राइसिंग
रिप्राइसिंग या रिफाइनेंसिंग सबसे अच्छा तब होता है जब आपके पास पर्याप्त शेष राशि और समय हो, आम तौर पर 50 प्रतिशत से अधिक आपके बचे हुए लोन।
बैंक आपको लोन का रिप्राइसिंग करने की अनुमति देता है या नहीं
यदि आपके लोन की कीमतें काफी बढ़ गई हैं तो आपको लंबे समय तक परेशानी नहीं उठानी पड़ेगी। यदि संभव हो तो आपके लोन का रिप्राइसिंग कम दर पर किया जा सकता है।
कई बैंक अपने मौजूदा होम लोन लेनदार को अपने होम लोन की दरों को उच्च ब्याज दरों से कम दरों पर पुनर्मूल्यांकन/पुनर्लिखित करने की अनुमति देते हैं।