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    अमेरिका में ब्याज दरें घटी, इससे भारतीयों को 3 बड़े फायदे और एक नुकसान की उम्मीद, आम आदमी से करोड़पति पर असर

    Updated: Thu, 18 Sep 2025 07:34 PM (IST)

    अमेरिका में ब्याज दरें घटने से बैंक लोन बचत योजनाओं से लेकर इक्विटी मार्केट पर इसका असर देखने को मिल सकता है। चूंकि यूएस में रेट कट हुआ है तो फेड के इस कदम से आरबीआई के रुख पर असर पड़ने की संभावना है। ऐसे में आरबीआई की अक्टूबर में आने वाली मॉनेटरी पॉलिसी में ब्याज दरों में कटौती को लेकर संभावना बढ़ गई है।

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    अमेरिका में ब्याज दरें घटने से आरबीआई की पॉलिसी पर इसका असर देखने को मिल सकता है।

    नई दिल्ली। अमेरिका के सेंट्रल बैंक, यूएस फेडरल रिजर्व (US Fed Rate Cut) ने ब्याज दरों में 25 बेसिस प्वाइंट की कटौती कर दी है। इससे फेडरल फंड्स रेट 4%-4.25% के दायरे में आ गया है। चूंकि, इंटरेस्ट रेट अमेरिका में कम हुआ है तो फायदा भी वहीं के नागरिकों को होगा। फिर, भारत समेत पूरी दुनिया की निगाहें बुधवार देर रात तक ब्याज दरों को लेक यूएस फेड के ऐलान पर क्यों रही। इसकी कुछ बड़ी वजह हैं।

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    सवाल है कि क्या यूएस में ब्याज दरें घटने से भारतीयों को क्या फायदा होगा? चूंकि, अमेरिका दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है इसलिए वहां लिए जाने वाले हर आर्थिक फैसले का पूरी दुनिया पर असर देखने को मिलता है। आइये अब आपको समझाते हैं कि अमेरिका में ब्याज दरें घटने से भारत के आम आदमी को क्या फायदे हो सकते हैं?

    US Fed के रेट कट से भारतीयों को क्या फायदे?

    अमेरिका मे ब्याज दरों के घटने से देश के आम आदमी को एफडी से लेकर बैंक लोन और शेयर बाजार में अच्छे-बुरे अनुभव देखने को मिल सकते हैं।

    सस्ता होगा होम लोन: भारतीय रिजर्व बैंक पहले ही 2025 तक ब्याज दरों में 100 आधार अंकों की कटौती कर चुका है। चूंकि, अमेरिका में रेट कट हुआ है तो फेड के इस कदम से आरबीआई के रुख पर असर पड़ने की संभावना है। ऐसे में अगर आरबीआई अक्टूबर में आने वाली मॉनेटरी पॉलिसी में ब्याज दरों में कटौती करता है, तो बैंक लोन और सस्ते हो जाएंगे। मार्केट एक्सपर्ट अक्टूबर में रेपो रेट में 25 बेसिस प्वाइंट की कटौती का अनुमान लगा रहे हैं। अगर ऐसा होता है तो बेंचमार्क रेट 5.25% तक आ जाएंगे।

    शेयर बाजार पर असर: शेयर बाज़ार आमतौर पर ब्याज दरों में कटौती पर पॉजिटिव रिएक्शन देता है। क्योंकि, इससे घटते ग्लोबल बॉन्ड यील्ड की तुलना में शेयरों में निवेश ज़्यादा आकर्षित हो जाता है, और इसके चलते भारत समेत अन्य इमर्जिंग मार्केट में अक्सर विदेशी निवेश बढ़ता है। ऐसे में भारतीय शेयर बाजार फॉरेन इन्वेस्टमेंट बढ़ सकता है।

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    सोने की कीमतें: यूएस फेड द्वारा ब्याज दरों में कटौती से अमेरिकी डॉलर के कमजोर होने की आशंका उभरते बाजारों के निवेशकों के लिए करेंसी और महंगाई के जोखिमों से बचाव के रूप में सोने को और अधिक आकर्षक बनाएगी। ऐसे में एसेट क्लास के तौर पर गोल्ड की कीमतें उच्च स्तरों पर बरकरार रहने की उम्मीद है।

    घटेंगी एफडी पर ब्याज दरें: ब्याज दरों में कटौती लोन लेने वालों के लिए तो ठीक है लेकिन, बैंकों की बचत योजनाओं में निवेश करने वालों के लिए सहीं नहीं है। क्योंकि, अगर आरबीआई रेपो रेट कम करता है तो एफडी समेत अन्य बैंक बचत स्कीम पर मिलने वाला इंटरेस्ट कम हो जाएगा।