HPCL Q2 Result: 98 फीसदी गिरा तेल कंपनी का मुनाफा, तिमाही नतीजे जारी होने के बाद क्या है स्टॉक का हाल
HPCL Q2 Result हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (HPCL) ने दूसरी तिमाही नतीजे जारी कर दिये। कंपनी ने बताया कि दूसरी तिमाही में कंपनी का कुल मुनाफा 98 फीसदी गिर गया। इसके अलावा कंपनी की कमाई में भी गिरावट आई है। तिमाही नतीजे जारी होने के बाद कंपनी के शेयर गिरावट के साथ कारोबार कर रहे हैं। आइए कंपनी के तिमाही नतीजे पर नजर डालते हैं।
पीटीआई, नई दिल्ली। राज्य के स्वामित्व वाली तेल कंपनी हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (HPCL) ने चालू कारोबारी साल के दूसरे तिमाही के नतीजे जारी कर दिये। इस तिमाही नतीजे (HPCL Q2 Result) में कंपनी ने अपने वित्तीय स्थिति के बारे में बताया।
कैसी है कंपनी की वित्तीय स्थिति
एचपीसीएल ने बताया कि दूसरी तिमाही में उनके मुनाफे में 98 फीसदी की भारी गिरावट आई है। यह गिरावट राफाइनरी मार्जिन और मार्केटिंग मार्जिन कम होने की वजह से आई है। पिछले साल की दूसरी तिमाही में कंपनी को 5,826.96 करोड़ रुपये का नेट प्रॉफिट हुआ था। वहीं, इस साल कंपनी को 142.67 करोड़ रुपये का ही मुनाफा हुआ है।
स्टॉक फाइलिंग से मिली जानकारी के अनुसार जुलाई से सितंबर तिमाही में कंपनी का नेट प्रॉफिट के साथ इनकम में भी गिरावट आई। वहीं, जुलाई-सितंबर 2024 में डाउनस्ट्रीम ईंधन खुदरा कारोबार से प्री-टैक्स कमाई 6,984.60 करोड़ रुपये से घटकर 1,285.96 करोड़ रुपये हो गई।
क्यों घाटे में तेल कंपनियां
वर्तमान में देश की मुख्य तेल कंपनियां घाटे का सामना कर रही है। यह घाटे पेट्रोल-डीजल की कीमतों में कोई बदलाव न होने की वजह से हो रहा है। हालांकि, पिछले साल पेट्रोल और डीजल की कीमतें स्थिर रहने के बावजूद इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (आईओसीएल) और भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (एचपीसीएल) ने लाभ कमाया था। वहीं, बीपीसीएल के साथ दो अन्य तेल कंपनियों ने घाटे की वजह पेट्रोल-डीजल की कीमतों में कटौती को ठहराया।
बता दें कि इस साल आम चुनाव से पहले सरकार और ऑयल मार्केटिंग कंपनियों ने पेट्रोल-डीजल के दाम में 2 रुपये प्रति लीटर की कटौती करने की घोषणा की। इसके अलावा क्रूड ऑयल की कीमतों में तेदी और मार्जिन में गिरावट की वजह से भी तेल कंपनियों को घाटे का सामना करना पड़ रहा है।
कंपनी और अन्य राज्य के स्वामित्व वाले ईंधन खुदरा विक्रेताओं - इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन (आईओसी) और भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (एचपीसीएल) - ने पिछले साल लागत में गिरावट के बावजूद पेट्रोल और डीजल की कीमतें बनाए रखने से असाधारण लाभ कमाया था।
बीपीसीएल और अन्य दो खुदरा विक्रेताओं को पिछले साल हुए घाटे से उबरने के नाम पर कीमतों में कटौती को उचित ठहराया गया था, जब उन्होंने लागत में वृद्धि के बावजूद खुदरा कीमतें नहीं बढ़ाई थीं।आम चुनावों की घोषणा से ठीक पहले पेट्रोल और डीजल की कीमतों में 2 रुपये प्रति लीटर की कटौती के साथ कीमतों में स्थिरता से होने वाला लाभ खत्म हो गया। इसके साथ ही अपेक्षाकृत स्थिर कच्चे तेल की कीमतों पर उत्पाद दरार या मार्जिन में गिरावट के कारण मुनाफे में गिरावट आई।
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