सबसे बड़ा IPO लाने की तैयारी में Hyundai! 17.5 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचकर 3 अरब डॉलर जुटाने का प्लान
हुंडई मोटर इंडिया आईपीओ के लिए जल्द ही मार्केट रेगुलेटर सेबी के पास दस्तावेज दाखिल कर सकती है। मारुति सुजुकी के बाद देश की दूसरी सबसे बड़ी कार निर्माता कंपनी हुंडई आईपीओ में किसी तरह के नए शेयर जारी नहीं करेगी। हुंडई का इरादा 17.5 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचकर 3 अरब डॉलर जुटाना है। कंपनी इसका इस्तेमाल भारत में अपने कारोबार को बढ़ाने पर करेगी।
बिजनेस डेस्क, नई दिल्ली। दक्षिण कोरिया की हुंडई मोटर अपनी भारतीय इकाई में इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग (IPO) के जरिये 17.5 प्रतिशत तक की हिस्सेदारी बेचने पर विचार कर रही है। कंपनी इतनी हिस्सेदारी बेचकर लगभग तीन अरब डॉलर जुटाना चाहती है। अगर ऐसा होता है तो यह भारत का अब तक का सबसे बड़ा आईपीओ होगा। अभी तक देश में सबसे बड़ा आईपीओ सरकारी बीमा कंपनी एलआईसी का रहा है, जो 2022 में आया था। इसकी वैल्यूएशन 2.7 अरब डॉलर थी।
जल्द सेबी के पास सबमिट करेगी दस्तावेज
समाचार एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक, हुंडई मोटर इंडिया आईपीओ के लिए जल्द ही मार्केट रेगुलेटर सेबी के पास दस्तावेज दाखिल कर सकती है। मारुति सुजुकी के बाद देश की दूसरी सबसे बड़ी कार निर्माता कंपनी हुंडई आईपीओ में किसी तरह के नए शेयर जारी नहीं करेगी। हुंडई की प्रतिद्वंद्वी मारुति सुजुकी इंडिया की बात करें, तो पिछले 6 महीने में इसके शेयर की कीमत में 24.35 फीसदी का इजाफा हुआ है।
दक्षिण कोरिया के बाहर हुंडई की यह पहली लिस्टिंग होगी। कुछ दिनों पहले हुंडई की भारतीय इकाई का वैल्यूएशन 30 अरब डॉलर आंका गया था। आईपीओ का मकसद देश में हुंडई के विस्तार को गति देना है और फंड के लिए अपनी मूल कोरियाई कंपनी पर निर्भरता कम करना है। हुंडई की कुल वैश्विक बिक्री में भारतीय इकाई की हिस्सेदारी 14 प्रतिशत है। आईपीओ के बाद इसके और बढ़ने का अनुमान है।
भारत को निर्यात केंद्र बनाने का इरादा
हुंडई ने भारत में अपना पहला मैन्युफैक्चरिंग प्लांट 1998 में और दूसरा 2008 में लगाया था। इस साल अप्रैल में हुंडई मोटर ग्रुप के एग्जिक्यूटिव चेयरपर्सन यूइसुन चुंग ने भारत में कारोबार मजबूत करने के लिए विजन पेश किया। हुंडई दरअसल भारत को अपनी गाड़ियों के निर्यात केंद्र के तौर पर इस्तेमाल करना चाहती है।मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, हुंडई मोटर इंडिया ने अपने आईपीओ के लिए सिटी, एचएसबीसी सिक्योरिटीज, जेपी मॉर्गन, कोटक महिंद्रा कैपिटल और मॉर्गन स्टेनली को सलाह देने वाले इन्वेस्टमेंट बैंक के तौर पर चुना है। वहीं, लॉ फर्म शार्दुल अमरचंद मंगलदास कंपनी के वकील के रूप में काम कर रही है।
(एजेंसी से इनपुट के साथ)यह भी पढ़ें : SIP बंद करने वालों की क्यों बढ़ रही तादाद, किस बात का है खौफ?