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IDFC लिमिटेड का आईडीएफसी फ‌र्स्ट बैंक में होगा विलय, शेयरधारकों को मिलेंगे 100 के बदले 155 शेयर

आइडीएफसी फ‌र्स्ट बैंक के बोर्ड ने सोमवार को विलय योजना को मंजूरी दे दी। इसके तहत आइडीएफसी लिमिटेड का आइडीएफसी फ‌र्स्ट बैंक में विलय होगा। यह पूरी तरह से शेयर हस्तांतरण आधारित विलय होगा। बैंक बोर्ड ने इस विलय प्रक्रिया को 2023 में ही पूरा करने का फैसला किया है। प्रस्तावित विलय के तहत आइडीएफसी लिमिटेड में 100 शेयर रखने वाले शेयरधारक को आइडीएफसी फ‌र्स्ट बैंक के 155 शेयर मिलेंगे।

By AgencyEdited By: Sonu GuptaUpdated: Tue, 04 Jul 2023 12:29 AM (IST)
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IDFC लिमिटेड का आईडीएफसी फ‌र्स्ट बैंक में होगा विलय। फाइल फोटो।
मुंबई, पीटीआई। आइडीएफसी फ‌र्स्ट बैंक के बोर्ड ने सोमवार को विलय योजना को मंजूरी दे दी। इसके तहत आइडीएफसी लिमिटेड का आइडीएफसी फ‌र्स्ट बैंक में विलय होगा। यह पूरी तरह से शेयर हस्तांतरण आधारित विलय होगा। बैंक बोर्ड ने इस विलय प्रक्रिया को 2023 में ही पूरा करने का फैसला किया है। एचडीएफसी लिमिटेड के एचडीएफसी बैंक में विलय के बाद वित्तीय क्षेत्र में इस वर्ष का यह दूसरा विलय होगा।

शेयरधारकों को 100 शेयर के बदले मिलेंगे 155 शेयर

शेयर बाजारों को दी जानकारी के अनुसार, प्रस्तावित विलय के तहत आइडीएफसी लिमिटेड में 100 शेयर रखने वाले शेयरधारक को आइडीएफसी फ‌र्स्ट बैंक के 155 शेयर मिलेंगे। दोनों कंपनियों के शेयरों की फेस वैल्यू 10 रुपये है। हालांकि, बैंक ने इस विलय के बाद बनने वाली संयुक्त इकाई की वैल्यूएशन समेत अन्य कोई जानकारी नहीं दी है।

अंतिम चरण में है विलय

सोमवार को बाजार बंद होने के बाद बीएसई में दोनों कंपनी का संयुक्त बाजार पूंजीकरण 71,767 करोड़ रुपये था। आइडीएफसी के चेयरमैन अनिल सिंघवी ने कहा कि आइडीएफसी के कारपोरेट पुनर्गठन के तहत यह विलय अंतिम चरण में है। उन्होंने कहा कि इस विलय से हमें एक ऐसा वित्तीय सेवा प्रदाता बनने में मदद मिलेगी, जो ग्राहकों को सेवाओं की निर्बाध डिलीवरी प्रदान करेगा। अपनी नान फाइनेंशियल होल्डिंग के जरिये आइडीएफसी की आइडीएफसी बैंक में 39.93 प्रतिशत हिस्सेदारी होगी।

नियमों के अनुपालन में होगी आसानीः IDFC फर्स्ट बैंक

आइडीएफसी फ‌र्स्ट बैंक ने कहा कि इस विलय के बाद बनने वाली इकाई को नियमों के अनुपालन में आसानी होगी। इस विलय से एक ऐसा संस्थान बनाने में मदद मिलेगी जिसमें सार्वजनिक और संस्थागत शेयरधारिता होगी। निजी क्षेत्र के अन्य बड़े बैंकों की तरह इसमें भी प्रवर्तकों की कोई हिस्सेदारी नहीं होगी।