सभी को बीमा उपलब्ध कराना है तो व्यवधानों को कम करना होगा: IRDA चेयरमैन
IRDA के चेयरमैन पांडा ने मंगलवार को कहा कि बीमा कंपनियों को 2047 तक सभी के लिए बीमा के दृष्टिकोण को वास्तविकता रूप देने के लिए बाधाओं को कम करने की जरूरत है। इंडस्ट्री में प्रौद्योगिक संचालित बदलाव के चलते सभी के लिए एक ही सेवा ठीक होना अब अतीत की बात बन गई है। आइये इसके बारे में विस्तार से जानते हैं।
पीटीआई, मुंबई। भारतीय बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण (IRDA) के प्रमुख देबाशीष पांडा ने मंगलवार को कहा कि बीमा कंपनियों को 2047 तक 'सभी के लिए बीमा' के दृष्टिकोण को वास्तविकता रूप देने के लिए बाधाओं को कम करने की जरूरत है।
उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि इंडस्ट्री में प्रौद्योगिक संचालित बदलाव के चलते सभी के लिए एक ही सेवा ठीक होना अब अतीत की बात बन गई है।
2047 तक साकार हो लक्ष्य
पांडा ने यहां इंस्टीट्यूट आफ एक्चुअरीज आफ इंडिया द्वारा आयोजित बीमांकिकों (बीमा व्यवसाय से जुड़े जोखिम का मूल्यांकन करने वाले) के 23वें वैश्विक सम्मेलन में कहा कि अब समय आ गया है कि हम अपना आधार पुन: हासिल करें। दृढ़ संकल्प करें और सामूहिक रूप से बीमा क्षेत्र में व्यवधानों को कम करें ताकि 2047 तक 'सभी के लिए बीमा' के लक्ष्य को साकार किया जाए।यह भी पढ़ें - Google के CEO सुंदर पिचाई ऐसे शुरू करते हैं अपना दिन, यहां जानिए डिटेल
इस प्रक्रिया में बीमांकिक की भूमिका सर्वोपरि हो जाती है।' पांडा ने कहा कि बीमा उत्पादों को तैयार करने और क्षेत्र की वृद्धि में बीमांकिकों की भूमिका को स्वीकार करते हुए कहा, 'पारंपरिक भूमिकाओं से बाहर आकर गतिशीलता अपनाने की जरूरत है और साथ ही इस क्षेत्र को एक अलग नजरिये से देखने की जरूरत है।' वे विभिन्न बीमा पालिसियों के प्रीमियम की गणना, रेटिंग विधियों और रिजर्व आदि में अपनी विशेषज्ञता से फर्म की मदद करते हैं।