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रसोई गैस कीमत में और कमी संभव, पेट्रोल-डीजल के लिए फिलहाल ना

एलपीजी के दाम में कटौती के बाद जनता पेट्रोल और डीजल की कीमतों के मोर्चे पर राहत की उम्मीद कर रही है। इस पर पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी का कहना है कि अगर अंतरराष्ट्रीय हालात ठीक रहे कच्चे तेल की कीमतें स्थिर रहें तो आने वाले समय में पेट्रोल और डीजल के कीमतों में कमी की जा सकती है।

By Jagran News Edited By: Suneel Kumar Updated: Sat, 09 Mar 2024 07:34 PM (IST)
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सरकारी तेल कंपनियों को डीजल बिक्री में अभी भी घाटा हो रहा है।

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। पिछले दो दिनों में आम जनता को एलपीजी को लेकर दो तोहफे देने के बाद केंद्र सरकार की तरफ से बताया गया है कि आने वाले दिनों में देश में रसोई गैस की कीमतें और कम हो सकती हैं। सिर्फ एलपीजी की कीमतों में ही नहीं बल्कि पाइप के जरिए आपूर्ति की जाने वाली रसोई गैस (पीएनजी) की कीमतों में भी कमी संभव है। लेकिन जहां तक घरेलू बाजार में पेट्रोल व डीजल की खुदरा कीमतों में कमी का सवाल है तो इसके लिए अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों के स्थिर होने का इंतजार करना होगा।

पेट्रोलियम व प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी का कहना है कि, 'अगर अंतरराष्ट्रीय हालात ठीक रहे, कच्चे तेल की कीमतें स्थिर रहें तो आने वाले समय में खुदरा कीमत कटौती (पेट्रोल व डीजल की) भी हो सकती हैं। वैसे सरकारी तेल कंपनियों को डीजल बिक्री में अभी भी घाटा (अंडररिकवरी) हो रहा है।'

पीएम नरेन्द्र मोदी ने एक दिन पहले देश में एलपीजी की कीमत में 100 रुपये प्रति सिलेंडर की कटौती का ऐलान किया था। इसके एक दिन पहले उज्ज्वला योजना के तहत सब्सिडी वाले गैस सिलेंडरों की आपूर्ति एक वित्त वर्ष और (मार्च, 2025 तक) जारी रखने का भी ऐलान किया गया था।

कांग्रेस व कुछ दूसरी विपक्षी पार्टियों ने इसे सरकार का चुनावी हथकंडा करार दिया है। इस पर पेट्रोलियम मंत्री पुरी ने कहा कि, 'विपक्षी पार्टियों एकदम टूट चुकी हैं। लोकसभा चुनावों को देखते हुए उन्हें मुद्दों की तलाश है। अगर सरकार ने देश के गरीब महिलाओं और बहनों को राहत दी है तो उन्हें इसका स्वागत करना चाहिए।'

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वह मानते हैं कि पिछले दो वर्षों में भारी वैश्विक अनिश्चितता के बावजूद भारत सरकार ने जिस तरह से पेट्रो उत्पादों की निर्बाध आपूर्ति करती रही है और कीमतें भी स्थिर रखी है वह बहुत बड़ी उपलब्धि है। पेट्रोलियम मंत्री पुरी का मानना है कि भारत में एलपीजी की कीमतें आने वाले दिनों में और कमी हो सकती है।

एक दिन पहले सौ रुपये की कटौती के बाद एक सामान्य एलपीजी ग्राहक को 803 रुपये प्रति सिलेंडर (14.2 किलोग्राम) देना पड़ेगा जबकि पीएम उज्ज्वला योजना के तहत जिन परिवारों (गरीबी रेखा के नीचे रहने वाले) को सिर्फ 503 रुपये प्रति सिलेंडर देना होगा। पुरी ने कहा कि, भारत में जिस दर पर एलपीजी दी जा रही है वह एलपीजी उत्पादक देशों से भी कम कीमत है। जबकि भारत अपनी जरूरत का 60 फीसद एलपीजी बाहर से आयात कर रहा है।

रोजाना 56 लाख एलपीजी सिलेंडर की आपूर्ति घरों में हो रही है। भारतीय कंपनियों ने ऐसा नेटवर्क बनाया है जिससे 32.5 करोड़ ग्राहकों को 48 घंटों के भीतर उनके घर के दरवाजे पर सिलेंडर की आपूर्ति की जा रही है। इसके साथ ही देश के हर घर में पाइपलाइन से रसोई गैस (पीएनजी) पहुंचाने की परियोजना पर काम चालू है। एक करोड़ घरों को कनेक्शन दिया जा चुका है।

पीएनजी की कीमत एलपीजी के मुकाबले 20 फीसद तक कम होती है। ऐसे में आने वाले समय में रसोई गैस की कीमत में और कटौती संभव है।

गेल ने सीएनजी की कीमतें घटाई

सरकारी कंपनी गेल लिमिटेड ने बताया है कि उसकी सब्सिडियरी कंपनी गेल गैस लिमिटेड ने कंप्रेस्ड नैचुलर गैस (सीएनजी) की कीमतों में 2.50 रुपये प्रति किलो की कमी की है। कंपनी ने कहा है कि इस कटौती के बाद सीएनजी ग्राहकों की लागत और कम होगी। सीएनजी को कम प्रदूषण करने वाला ईंधन माना जाता है और इसकी कीमत घटने से लोग इसका इस्तेमाल ज्यादा कर सकेंगे।

पिछले दो वर्षों के भीतर देश की सभी बड़ी कार कंपनियां जैसे मारुति सुजुकी, हुंडई, महिंद्रा, टाटा मोटर्स ने एक के बाद एक कई सीएनजी चालित कार मॉडलों को लांच किया है। सरकार की तरफ से देश की इकोनॉमी में गैस की हिस्सेदारी मौजूदा छह फीसद से बढ़ा कर 15 फीसद करने का लक्ष्य (वर्ष 2030 तक) रखा गया है। इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए सीएनजी चालित वाहनों को ज्यादा बढ़ावा देना जरूरी है।