ATM से पैसा निकालने गए और नकदी नहीं है, तो बैंक पर लगेगा 10,000 रुपये जुर्माना
आरबीआइ ने कहा कि एटीएम में नकदी की कमी को बेहद गंभीरता से लिया जाएगा और बैंकों पर मौद्रिक जुर्माना लगेगा। अगर किसी व्हाइट लेबल एटीएम में नकदी की कमी मिलती है तो जुर्माना उस बैंक पर लगाया जाएगा जिससे उस एटीएम में रकम डालने का करार है।
By NiteshEdited By: Updated: Wed, 11 Aug 2021 09:23 AM (IST)
नई दिल्ली, पीटीआइ। ATM में पर्याप्त नकदी नहीं रखना अब बैंकों को भारी पड़ेगा। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआइ) ने कहा है कि अगर नकदी की कमी की वजह से ग्राहक को एटीएम से खाली हाथ लौटना पड़ा तो संबंधित बैंक पर इस वर्ष पहली अक्टूबर से जुर्माना लगाया जाएगा। आरबीआइ ने एक सर्कुलर में कहा है कि किसी भी बैंक के एटीएम में एक महीने में ज्यादा से ज्यादा 10 घंटे तक नकदी की कमी स्वीकार्य है।
यह भी पढ़ें: आपके Aadhaar का कहीं गलत इस्तेमाल तो नहीं हुआ, घर बैठे ऐसे लगाएं पताआरबीआइ पर बैंक नोट जारी करने की जिम्मेदारी है
लेकिन अगर उससे ज्यादा देर तक किसी एटीएम में नकदी की कमी पाई गई तो बैंक को प्रति एटीएम 10,000 रुपये का जुर्माना देना होगा। आरबीआइ का कहना है कि इसका मकसद एटीएम में नकदी की कमी से होने वाली दिक्कत से ग्राहकों को निजात दिलाना है। आरबीआइ पर बैंक नोट जारी करने की जिम्मेदारी है। वहीं, बैंकों पर देशभर में अपने एटीएम के नेटवर्क के माध्यम से नोट ग्राहकों तक पहुंचाने की जिम्मेदारी है।
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नकदी की कमी को बेहद गंभीरता से लिया जाएगाइसलिए बैंकों और व्हाइट लेबल एटीएम (वैसी कंपनियां जिन्हें आरबीआइ ने सिर्फ एटीएम परिचालन का लाइसेंस दिया है) आपरेटर्स को अपना तंत्र मजबूत रखना होगा। उन्हें सुनिश्चित करना होगा कि उनके तहत आने वाले किसी भी एटीएम में नकदी की कभी भी कमी नहीं हो।
यह भी पढ़ें: आधार असली है या नकली, आसानी से लगा सकते हैं पताआरबीआइ ने कहा कि एटीएम में नकदी की कमी को बेहद गंभीरता से लिया जाएगा और बैंकों पर मौद्रिक जुर्माना लगेगा। अगर किसी व्हाइट लेबल एटीएम में नकदी की कमी मिलती है तो जुर्माना उस बैंक पर लगाया जाएगा, जिससे उस एटीएम में रकम डालने का करार है।